मध्यप्रदेश विधान सभा के बजट सत्र का निर्धारित समय से पहले ही हुआ अवसान
सत्र के 29 दिनों में 13 दिन सदन की बैठकें होना निर्धारित हुआ था लेकिन 12 बैठकें ही हो सकीं
मध्यप्रदेश विधान सभा की दैनिक 21 मार्च 2023 की कार्यसूची में शामिल विषय पूर्ण होने के पश्चात पूर्व परंपरा अनुसार संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्र द्वारा आज सदन में कार्य पूर्ण होने का उल्लेख करते हुए यह प्रस्ताव रखा की विधानसभा के वर्तमान सत्र के लिये निर्धारित समस्त शासकीय, वित्तीय एवं अन्य आवश्यक कार्य पूर्ण हो चुके हैं. अत: मध्यप्रदेश विधान सभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम 12-ख के द्वितीय परन्तुक के अंतर्गत, मैं, प्रस्ताव करता हॅूं कि “सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की जाये.”
मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने इसके बाद अपराह्न 3.43 बजे सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।
विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित की गई ।
मध्यप्रदेश के राज्यपाल के अभिभाषण से 27 फरवरी से मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र शुरु हुआ । अभी तक सत्र की 12 बैठकें हुई हैं। जिसमें राज्यपाल के अभिभाषण के अलावा 01 मार्च 2023 को वर्ष 2023-2024 का ग्रीन बजट के रूप में सदन में प्रस्तुत किया गया और बजट साहित्य डिजिटल फार्मेट में (आई-पैड) में सदस्यों को उपलब्ध कराया गया।
सत्र आमंत्रण की अधिसूचना के अनुसार यह सत्र 27 मार्च 2023 तक के लिए आहूत किया गया था ।
सत्र के 29 दिनों में 13 दिन सदन की बैठकें होना निर्धारित हुआ था लेकिन 12 बैठकें ही हो सकी।
बजट-सत्र में विभिन्न विभागों के प्रस्तावों के दौरान विधायकों के संशोधन और सुझाव के साथ ही मांगों पर संबंधित मंत्रियों ने समाधान कारक उत्तर दिए।
पिछले एक दशक के सत्रों को देखें तो किसी भी बजट सत्र में तय दिनों तक बैठकें नहीं हुई। लगभग प्रत्येक बजट सत्र का निर्धारित समय से पहले ही अवसान करना हुआ है।
विधानसभा में वर्ष 2010 का बजट सत्र ही पूरे निर्धारित समय तक चल पाया था। 39 दिनों के इस सत्र में 16 दिनों के लिए तय बैठकें पूरी हो सकी थीं। इसके बाद 2011 में 47 दिन के सत्र में 27 बैठकें होनी थी, लेकिन 24 बैठकों के बाद ही सत्र समाप्त हो गया। बजट-सत्र में विभिन्न विभागों के प्रस्तावों के दौरान विधायकों के संशोधन और सुझाव आते हैं लेकिन समय से पहले सत्र समाप्त होने से वे सदन में अपनी बात ही नहीं रख सके। कई विधायकों ने इस बारे में विधानसभा अध्यक्ष से बात भी की है।
मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि वे अपनी तरफ से पूरे प्रयास करते है की सत्र निर्धारित तारीख तक चले। बजट प्रस्तावों पर विधायक अपने-अपने क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए चर्चा करते हैं, इससे जनता को भी फायदा होता है। मेरा पूरा प्रयास रहा की जिन भी सदस्यों ने सदन में नियमानुसार बोलना चाहा उन्हें पूरा समय दिया गया ।