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मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक नगरों की संस्कृति एवं विरासत के संरक्षण के लिए यूनेस्को की परियोजना से पर्यटन को मिलेगा नया आयाम – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा

 

ऐतिहासिक व सांस्कृतिक स्वरूप निखारते हुए होगा ग्वालियर एवं ओरछा नगरों का विकास

ऐतिहासिक नगरों की संस्कृति एवं विरासत के संरक्षण के लिए यूनेस्को की परियोजना महत्वपूर्ण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्वालियर एवं ओरछा के लिए यूनेस्को की

‘रिस्पोन्सिबिल टूरिज्म’, ‘ग्रामीण पर्यटन’, ’महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन’, ’बफर में सफर’, ’नाइट सफारी’, ‘वैलनैस एण्ड माइंडफुल टूरिज्म’, ‘युवा साहसिक पर्यटन’ आदि अनेक योजनाएं

‘हिस्टोरिक अर्बन लैण्डस्केप’ परियोजना का शुभारंभ किया

एमपीपोस्ट, 20 जुलाई, 2021,भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि तेजी से विकसित हो रहे ऐतिहासिक नगरों की संस्कृति एवं विरासत को संरक्षित करते हुए वहां के समावेशी एवं सुनियोजित विकास के लिए यूनेस्को की “हिस्टोरिक अर्बन लैण्डस्केप” परियोजना, जिसका प्रारंभ वर्ष 2011 में किया गया था, अत्यंत महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यूनेस्को द्वारा इस परियोजना में ग्वालियर एवं ओरछा नगरों का चयन किया गया है तथा इनका यूनेस्को, भारत सरकार तथा मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सम्मिलित रूप से ऐतिहासिक व सांस्कृतिक स्वरूप निखारते हुए विकास किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज मंत्रालय में वी.सी. के माध्यम से प्रदेश के ग्वालियर एवं ओरछा नगरों के लिए यूनेस्को की “हिस्टोरिक अर्बन लैण्डस्केप” परियोजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, प्रमुख सचिव श्री शिवशेखर शुक्ला आदि उपस्थित थे। नई दिल्ली से यूनेस्को के श्री एरिक फाल्ट, सुश्री जुन्ही हॉन, सुश्री नेहा देवान, श्री निशांत उपाध्याय तथा यू.एस. से श्री रैण्ड एपिच वी.सी.के. माध्यम से सम्मिलित हुए।

अब भारत के 04 शहर परियोजना में शामिल

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यूनेस्को द्वारा इस परियोजना में दक्षिण एशिया के 6 नगर पहले से सम्मिलित हैं, जिनमें भारत के अजमेर एवं वाराणसी शामिल हैं। ओरछा एवं ग्वालियर को 7वें एवं 8वें नगरों के रूप में शामिल किया गया है। इन शहरों का डैवलपमेंट एवं मैनेजमेंट प्लान यूनेस्को द्वारा बनाया जाएगा। यहां के इतिहास, संस्कृति, खान-पान, रहन-सहन, आर्थिक विकास, सामुदायिक विकास सभी पहलुओं को इसमें शामिल किया जाएगा।

प्रदेश में पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यूनेस्को की इस परियोजना से म.प्र. में पर्यटन को नया आयाम मिलेगा। यूनेस्को द्वारा बनाई जाने वाली ओरछा एवं ग्वालियर की विकास परियोजना के अनुरूप अन्य नगरों की विकास परियोजनाएं भी बनाई जाएंगी। पर्यटन के विकास के साथ ही रोजगार के अतिरिक्त अवसरों का भी सृजन होगा।

पर्यटन विकास की अनेक योजनाएं

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि म.प्र. में पर्यटन के विकास के लिए ‘रिस्पोन्सिबिल टूरिज्म’, ‘ग्रामीण पर्यटन’, ’महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन’, ’बफर में सफर’, ’नाइट सफारी’, ‘वैलनैस एण्ड माइंडफुल टूरिज्म’, ‘युवा साहसिक पर्यटन’ आदि अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

इतिहास व सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखकर विकास

यूनेस्को के श्री एरिक फाल्ट ने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से ओरछा एवं ग्वालियर शहरों का वहाँ के इतिहास एवं सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए विकास किया जाएगा। साथ ही पर्यावरण एवं समुदाय के विकास पर भी पूरा ध्यान दिया जाएगा।

नगरों को विकास के चरम पर ले जाएंगे

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि यूनेस्को द्वारा दोनों शहरों के विकास के लिए बनाई जा रही योजना पर अमल करते हुए हम न केवल ओरछा एवं ग्वालियर को अपितु प्रदेश के सभी ऐतिहासिक नगरों को विकास के चरम पर ले जाएंगे। नगरों के विकास में वहां की संस्कृति, इतिहास, प्रकृति, परंपराओं, विरासत का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

संवहनीय विकास के 2030 के एजेंडे पर अमल

यूनेस्को भारत की सुश्री जून्ही हॉन ने कहा‍ कि संवहनीय विकास (सस्टेनेबल डेवलपमेंट) 2030 के एजेंडे को ध्यान में रखते हुए नगरों का विकास किया जाएगा। यूनेस्को एवं मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग की साझेदारी से ओरछा एवं ग्वालियर नगरों का उनके सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए विकास किया जाएगा।

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