@PMOIndia 13 मई को 12 -1 बजे #MPStartUpPolicy2022 करेंगे लांच

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 13 मई 2022 को इंदौर में दोपहर लगभग 1 बजे मध्यप्रदेश शासन की एमपी स्टार्ट-अप नीति एवं कार्यान्‍वयन योजना, 2022 नागरिको को समर्पित करेंगे

 

 

मध्‍यप्रदेश शासन सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग
की एमपी स्टार्ट-अप नीति एवं कार्यान्‍वयन योजना, 2022

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 13 मई 2022 को इंदौर में दोपहर लगभग 1 बजे मध्यप्रदेश शासन की 16 बिंदुओं पर केंद्रित एमपी स्टार्ट-अप नीति एवं कार्यान्‍वयन योजना, 2022 नागरिकों को समर्पित करेंगे। गौरतलब है की मध्‍यप्रदेश शासन सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम विभाग मंत्रालय की मध्यप्रदेश मंत्रि परिषद द्वारा बैठक दिनांक 18 फरवरी 2022, को प्रदेश में स्‍टार्ट अप्स एवं नवाचार को प्रोत्‍साहित करने के लिए एमपी स्टार्ट-अप नीति एवं कार्यान्‍वयन योजना 2022 सह प्रक्रिया एवं दिशा-निर्देश का अनुमोदन किया गया था । जिसको प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 13 मई 2022 को इंदौर में दोपहर 12 से 1 बजे के बीच भारत के लांच करेंगे।

नीति अन्‍तर्गत स्‍टार्ट अप एवं इन्‍क्‍यूबेटर्स को वित्‍तीय एवं गैर वित्‍तीय सुविधा एवं सहायता तथा फेसिलिटेशन का प्रावधान किया गया है। नीति के प्रमुख प्रावधान हैं जैसे :-

I. मध्यप्रदेश में स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र का विकास हेतु स्‍टार्टअप्‍स एवं इन्‍क्‍यूबेटर्स को निवेश सहायता, कार्यक्रम आयोजन सहायता, लीज रेन्‍टल सहायता, विस्‍तार हेतु सहायता, पेटेंट सहायता इत्‍यादि प्रदान की जावेगी ।

II. प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप उत्‍पाद आधारित स्टार्ट-अप (Manufacturing/Product Start-ups) की संख्‍या में वृद्धि हेतु उन्‍हे विशिष्‍ट सुविधाएं यथा रोजगार सृजन एवं कौशल विकास सहायता, विद्युत शुल्‍क में छूट एवं विद्युत दरों में रियायत इत्यादि प्रदान की जावेगी ।

III. महिलाओं द्वारा स्‍थापित स्‍टार्ट-अप्‍स को अतिरिक्‍त 20 प्रतिशत की सहायता।

IV. स्कूल/महाविद्यालयीन स्तर से छात्रों में नवाचार एवं स्टार्ट-अप की भावना जागृत करने के लिए विशेष कार्यक्रम।

V. शैक्षणिक पाठ्यक्रम में उद्यमिता विकास को सक्रिय रूप से शामिल किया जाना। छात्रों को उद्यमिता की ओर आकर्षित करने के लिए इंटर्नशिप को प्रोत्‍साहित किया जावेगा।

VI. नवाचार चुनौती कार्यक्रम के माध्‍यम से प्रदेश की सामाजिक-आर्थिक समस्‍याओं के निदान हेतु प्रयास। चयनित स्टार्ट-अप/ नवाचारी को रू. 1.00 करोड़ की विशेष प्रोत्‍साहन सहायता।

VII. स्टार्ट-अप के फेसिलिटेशन एवं नीति अंतर्गत सहायता प्रदान करने के लिये विशेषज्ञों यथा वित्‍त एवं परियोजना प्रबंधन, विपणन तथा कानूनी मामले की टीम के साथ भोपाल में पृथक से स्‍टार्टअप सेंटर की स्‍थापना।

VIII. भारत सरकार में मान्‍यता प्राप्‍त स्टार्ट-अप में उच्‍च विकास दर प्राप्त करना, कृषि और खाद्य क्षेत्र में स्टार्ट-अप के विकास हेतु विशेष फोकस।

IX. नवीन इन्‍क्‍यूबेशन सेंटर की स्‍थापना एवं विद्यमान इन्‍क्‍यूबेशन सेंटर्स में क्षमता विस्‍तार।

X. स्टार्ट अप्‍स को अन्‍तर्राष्‍ट्रीय एवं राष्‍ट्रीय स्‍तर पर स्‍थापित करने हेतु उनकी मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग में सहयोग।

XI. मध्‍यप्रदेश वेंचर फायनेंस लिमिटेड तथा मध्यप्रदेश वेंचर फाइनेंस ट्रस्टी लिमिटेड का मध्‍यप्रदेश लघु उद्योग निगम में संविलयन (Merger) ताकि भविष्‍य में स्‍टार्टअप्‍स को फंण्डिंग सहायता हेतु विशिष्‍ट वेंचर केपीटल फण्‍ड निर्मित किया जा सके।

XII. स्‍टार्ट-अप हेतु एक सुदृढ् ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जावेगा जो समस्‍त संबंधित हित धारकों के लिए सम्‍पर्क सेतु का कार्य करेगा। पोर्टल को भारत सरकार के स्‍टार्ट-अप पोर्टल से एकीकृत किया जावेगा। पोर्टल के माध्‍यम से सुविधाओं का लाभ प्रदान करने को प्राथमिकता दी जावेगी।

XIII. स्‍टार्ट-अप तथा नवाचार को प्रोत्‍साहित करने तथा उन्‍हें आवश्‍यक तकनीकी एवं मार्गदर्शी सहयोग प्रदान करने के लिए उन्‍हें राष्‍ट्रीय एवं राज्‍य स्‍तर के तकनीकी एवं प्रबंधन संस्‍थानों/विश्‍वविद्यालयों एवं अन्‍य अकादमिक संस्‍थानों से आवश्‍यक सहायता एवं भागीदारी प्राप्‍त की जावेगी।

XIV. ईज ऑफ डूईंग बिजनेस (EODB) अंतर्गत स्‍टार्ट-अप्‍स एवं इन्‍क्‍यूबेटर्स को आवश्‍यक अनुमति/सम्‍मतियों के लिए कार्योत्‍तर स्‍वीकृति (Post Facto) की व्‍यवस्‍था की जावेगी। मध्‍यप्रदेश पब्लिक सर्विस गारन्‍टी अधिनियम, 2010 में प्रावधान अनुरूप मान्‍य अनुमोदन (Deemed Approval) भी प्रदान किया जावेगा।

XV. रूपये 1 करोड् तक की शासकीय निविदा में भाग लेने वाले स्‍टार्ट-अप उद्यम को अनुभव एवं टर्नओवर संबंधी शर्तों/मापदण्‍डों से छूट प्रदान की जावेगी एवं समस्‍त निविदाओं NIT/RFP में सुरक्षा निधि (Security Deposit)/ बयाना राशि (EMD) से छूट प्राप्‍त होगी।

XVI. स्‍टार्ट-अप्‍स में नकद तरलता की कमी (Liquidity Crunch) को दूर करने के लिये राज्‍य शासन के निगम/मण्‍डलों तथा प्रमुख विभागों को यथासंभव भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अधिकृत TREDS Platform (Trade Receivable Discounting System) से जोडा जावेगा।

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