भगवान परशुराम के दुष्टों के विनाश और सज्जनों के उद्धार के संकल्प के अनुरूप कार्य कर रही है राज्य सरकार :मुख्यमंत्री श्री चौहान
एमपी के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा भगवान परशुराम का योगदान
मुख्यमंत्री श्री चौहान की संवेदनशीलता से सभी हैं सुपरिचित : स्वामी अवधेशानन्द
जो हमें स्वयं के लिए अच्छा नहीं लगता, वह अन्य के साथ न करना ही धर्म है
मुख्यमंत्री अक्षयोत्सव भगवान श्री परशुराम की प्रतिमा प्रतिष्ठा समारोह में हुए शामिल
जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज की गौरवमयी उपस्थिति में हुआ कार्यक्रम
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार भगवान परशुराम के दुष्टों के विनाश और सज्जनों के उद्धार के संकल्प के अनुसार ही कार्य कर रही है। आज जब मासूम बेटियों के साथ कोई दुराचार करता है तो भगवान परशुराम जी हमारे प्रेरणा स्रोत बनते हैं। भगवान परशुराम का जन्म उस समय हुआ, जब समाज में पाप बढ़ रहे थे। भगवान परशुराम ने अतताईयों को नष्ट किया और सज्जनों को प्रतिष्ठापित किया। भगवान परशुराम ने सत्य और धर्म की स्थापना की। उन्होंने दुष्टों का अंत और मानवता की रक्षा का महायज्ञ आरंभ किया। भगवान परशुराम ने ही श्रीराम को विष्णु धनुष, भगवान कृष्ण को सुदर्शन चक्र और गीता का सूत्र वाक्य दिया। स्कूली पाठ्यक्रम में भगवान परशुराम के जीवन और विचारों पर एक अध्याय शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान परम पूज्य जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज की गौरवमयी उपस्थिति में अक्षय तृतीया पर लाल घाटी स्थित गुफा मंदिर में अक्षयोत्सव भगवान श्री परशुराम प्रतिमा प्रतिष्ठा समारोह को संबोधित कर रहे थे। भगवान श्री परशुराम प्रतिमा प्रतिष्ठा समारोह समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में गुफा मंदिर के महंत श्री रामप्रवेश दास जी महाराज, सांसद श्री वी.डी. शर्मा, सामान्य निर्धन वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री शिव चौबे, विधायक श्री विष्णु खत्री, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सुरेश पचौरी, पूर्व मंत्री श्री पी.सी. शर्मा, पूर्व विधायक श्री रमेश शर्मा “गुट्टू भैया”तथा कार्यक्रम के संयोजक पूर्व महापौर श्री आलोक शर्मा सहित प्रतिष्ठित धर्मगुरू और नागरिक उपस्थित थे।
आचार्य महामण्लेश्वर जूनापीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरि जी महाराज मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ गुफा मंदिर के द्वार से भव्य शोभायात्रा में कार्यक्रम स्थल तक पहुँचे। स्वागत द्वार, नृत्य करते समूहों और ढोल-मंजीरों से उनकी उत्साह, उल्लास और श्रद्धा के साथ अगवानी की गई। आचार्य महामण्लेश्वर जूनापीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरि जी महाराज, मुख्यमंत्री श्री चौहान तथा गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में 21 फिट ऊँची, चार टन वजनी भगवान परशुराम जी की प्रतिमा तथा नाम पट्टिका का अनावरण स्वस्तिवाचन, पुष्प वर्षा और आतीशबाजी के साथ हुआ। प्रतिमा अनावरण के बाद भगवान परशुराम की भव्य आरती हुई।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य शासन के लिए कोई पराया नहीं है। शासन सबके हित के लिए ही होता है। सभी वर्गों के कल्याण में राज्य सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। संबल योजना सहित अन्य योजनाओं में सभी वर्गों को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में संस्कृत शिक्षकों की भर्ती शुरू की गई है। अब तक 1900 पद भर लिए गए हैं, यह क्रम निरंतर जारी रहेगा। जब तक सभी पद भर नहीं जाते तब तक अतिरिक्त शिक्षकों को रखा जाएगा। ऐसे मंदिर जिनके साथ जमीनें संबद्ध नहीं हैं उन मंदिरों के पुजारियों को 5 हजार रूपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। जिन मंदिरों के साथ भूमि संबद्ध है उनके पुजारियों के लिए भी मानदेय की व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मंदिरों से संबद्ध भूमि की व्यवस्था पुजारियों द्वारा ही की जाएगी। यह आवश्यक है कि देवस्थानों से संबद्ध भूमि की बिक्री न हो। यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य शासन द्वारा समिति का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संस्कृत पढ़ने वाले बालकों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। उन्होंने जानकारी दी कि भगवान परशुराम के अवतरण स्थल जानापाव के सुव्यवस्थित विकास का कार्य जारी है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने एक जून को होने वाले भोपाल के गौरव दिवस में भोपालवासियों से उत्साह और उल्लास के साथ शामिल होने का आव्हान किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अक्षय तृतीय के अवसर पर विवाह बंधन में बंध रहे नवयुगलों को बधाई और शुभकामनाएँ दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आचार्य महामण्लेश्वर जूनापीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरि जी महाराज के भोपाल प्रवास और उनके मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया।
आचार्य महामण्लेश्वर जूनापीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि एक समय बीमारू कहा जाने वाला मध्यप्रदेश आज मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में देश के सबसे तेज गति से प्रगति करने वाले राज्यों में सम्मिलित हैं। मध्यप्रदेश ने चौंकाने वाली गति से प्रगति की है। मुख्यमंत्री श्री चौहान की संवेदनशीलता से सभी सुपरिचित है। वे सबके कल्याण का कार्य करते हैं। उन्होंने प्रदेश की मंगल कामना करते हुए कहा कि सबके साथ चलने में ही सबकी भलाई और उन्नति है। सभी जातियाँ समान और महान हैं। उन्होंने कहा कि जो हमें स्वयं के लिए अच्छा नहीं लगता, वह अन्य के साथ नहीं करना ही धर्म है। मनुष्य के लिए सदा सकारात्मक रहने की अपेक्षा यथार्थ में रहना आवश्यक है। ब्रम्ह की व्यापकता का बोध रखने वाला ही ब्राह्मण है। ब्राह्मण दीपक के समान है, जो आलोकित होने पर सबको सामान रूप से प्रकाश देता है। सबके मंगल की कामना ही हमें सर्वमान्य और सर्व सम्मानित बनाती है।
सांसद श्री वी.डी. शर्मा ने कहा कि भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी के सिद्धांतों और व्यवहार से हमें अन्याय से संघर्ष की सीख और प्रेरणा प्राप्त होती है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सुरेश पचौरी ने कहा कि भगवान परशुराम न्याय के देवता हैं और सबके लिए न्याय करते हैं। विप्र समाज का उत्थान संपूर्ण समाज का उत्थान है। आज स्थापित भगवान परशुराम की प्रतिमा भोपालवासियों के लिए गौरव का विषय हैं।
कार्यक्रम के संयोजक पूर्व महापौर श्री आलोक शर्मा ने अक्षयोत्सव श्री परशुराम प्रतिष्ठा समारोह में जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्लेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज, गुफा मंदिर रामानंद आश्रम के महंत श्रीश्री 1008 रामप्रवेश दास जी महाराज तथा मुख्यमंत्री श्री चौहान के सम्मिलित होने के लिए आभार माना। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान सभी समाजों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील और उनके समाधान के लिए सक्रिय रहते हैं। श्री शर्मा ने समाज की अपेक्षाओं से संबंधित विवरण प्रस्तुत किया। सर्व समाज की उपस्थिति में हुआ कार्यक्रम भोजन प्रसादी के वितरण के साथ संपन्न हुआ। विधायक श्री विष्णु खत्री ने आभार माना।