महिला उद्यमियों और पी एम विश्वकर्मा योजना में भी मध्यप्रदेश से अग्रणी भूमिका निभाने की अपेक्षा
भारत सरकार के एमएसएमई सचिव श्री एस सी एल दास ने मध्यप्रदेश के सूक्ष्म,लघु,मध्यम उद्यम,स्टार्टअप और कलस्टर विकास के इको सिस्टम की तारीफ की। उन्होंने अपेक्षा की है कि मध्यप्रदेश पी एम विश्वकर्मा और महिला उद्यमी योजनाओ में भी लक्ष्य पूर्ति में अग्रणी भूमिका निभाएगा।समीक्षा बैठक में कुटीर उद्योग और रोजगार विभाग के एसीएस श्री मनु श्रीवास्तव, वाणिज्य कर की पीएस श्रीमती दीपाली रस्तोगी और उद्योग आयुक्त तथा सचिव एमएसएमई श्री पी नरहरि एवं सिडबी, लीड बैंक के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
बैठक में सचिव श्री दास ने मध्यप्रदेश के 11 कलस्टर के लिए केंद्र सरकार के अंश की शीघ्र पूर्ति करने,और हथकरघा तथा हेण्डलम के लिए भी राज्य की मांग के अनुरूप राशि उपलब्ध कराने के लिए आश्वस्त किया।उन्होंने भारत सरकार की छोटे उद्यम और उद्यमियों को वित्त उपलब्ध करवाने के लिए सिडबी तथा लीड बैंक को राज्य शासन के साथ पूर्ण सहयोग करने के लिए कहा।श्री दास ने कहा कि छोटे उद्योगों के साथ स्टार्टअप और हेंडलम तथा हथकरघा में महिला उद्यमियों पर विशेष ध्यान दिया जाए।
भारत सरकार के एमएसएमआई सचिव ने कहा कि मध्यप्रदेश ने एमएसएमई, में शानदार काम किया और यह रोजगार सृजन के बड़े काम में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि पी एम विश्वकर्मा योजना में भी पंजीयन बढ़ाया जाए और राज्य इस योजना में अग्रणी भूमिका निभाकर देश का नेतृत्व करे। श्री दास ने कहा कि मध्यप्रदेश के उत्पादों की हालांकि अच्छी ब्रांडिग है फिर भी भारत सरकार निर्यात नेटवर्क के साथ समन्वय को और बेहतर बनाएगी।
श्री दास ने मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना और महिला स्टार्टअप के साथ हेन्डलम योजनाओं में काफी रुचि दिखाई।इससे पहले ए सी एस श्री श्रीवास्तवा ने रोजगार योजनाओ, सचिव श्री नरहरी ने सूक्ष्म, लघु मध्यम उद्यम, और एक जिला एक उत्पाद, स्टार्ट अप, तथा कलस्टर एवं हथकरघा आयुक्त श्रीमती सूफिया फारूखी ने हेंडलम, खादी और हथकरघा गतिविधियों पर प्रस्तुतीकरण दिया।
भारत सरकार के सचिव श्री दास ने मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह से उनके कार्यालय में भेंट की। वे बाद में गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र भी गए और वहां अनेक उद्यमों में उत्पादक गतिविधियों का अवलोकन किया तथा उद्यमियों से चर्चा की।