उद्यमिता के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के लिए 19 जून 2023 को एमपी एमएसएमई समिट में विशेष सत्र विषय विशेषज्ञ महिला उद्यमी संवाद करेंगी
मध्यप्रदेश में महिला उद्यमियों के स्टार्टअप्स हर क्षेत्र में अपनी अलग छाप छोड़ रहे हैं। प्रदेश में 3218 से अधिक स्टार्टअप्स हैं जिनमें 1456 महिलाओं द्वारा संचालित हैं। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) महिलाओं के स्वामित्व में हैं। वर्तमान में मध्यप्रदेश का लगभग 45 प्रतिशत स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र महिलाओं द्वारा संचालित हैं।
यह कहना है सचिव एवं आयुक्त सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग, मध्यप्रदेश शासन श्री पी.नरहरि का।
श्री @pnarahari, सचिव, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग ने बताया है कि 19 जून को भोपाल में #MPMSMESummit2023 का आयोजन किया जा रहा है।
कॉन्क्लेव में 6 सेक्टोरल सेशंस होंगे, जिसमें देश के प्रसिद्ध उद्योग विशेषज्ञ एवं अधिकारीगण विभिन्न विषयों पर उद्यमियों के साथ चर्चा करेंगे।#MSME pic.twitter.com/P6tFH8EbmN
— MSME Department, MP (@minmpmsme) June 15, 2023
मध्यप्रदेश की हजारों महिला उद्यमी राज्य की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा और प्रगति को गति दे रही हैं। उनकी बढ़ती भागीदारी एक महत्वपूर्ण कारक है जो घरेलू आय का विस्तार कर रही है।
महिला उद्यमिता को किसी भी देश की आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है। महिला उद्यमी न केवल खुद को आत्मनिर्भर बनाती हैं, बल्कि दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर बढ़ाती है। भारतीय समाज में महिला उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के लिए सामाजिक, पारिवारिक और आर्थिक मोर्चों पर बदलाव लाने की हम सब की ज़िम्मेदारी है।
पिछले कुछ वर्षों में मध्यप्रदेश में उद्यमियों के रूप में उद्यम करने और सफल होने वाली महिलाओं की संख्या में काफी वृद्धि देखी गई है, जिससे देश और प्रदेश की सामाजिक और आर्थिक जनसांख्यिकी प्रभावित हुई है।
रिपोर्टों से पता चलता है कि महिला बल की भागीदारी से रोजगार सजन हुआ है और हजारों परिवारों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद मिली है। महिलाएं – जो हमेशा अपने नेतृत्व कौशल के लिए जानी जाती हैं, लेकिन पहले पितृसत्तात्मक मूल्यों और लिंग मानदंडों से बंधी हुई थीं, जो उन्हें काम करने तक सीमित करती थीं – आज बाधाओं को तोड़ रही हैं और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण जैसे नए युग के उद्योगों पर सफलतापूर्वक हावी हो रही हैं।
सचिव पी. नरहरि ने एमपीपोस्ट को बताया कि देश की कुल उद्यमिता में महिलाओं की हिस्सेदारी 18 फीसदी है जबकि एमपी में का परिदृश्य काफी अलग है। यहां पंजीकृत कुल स्टार्टअप्स में 45 फीसदी से अधिक महिलाओं के हैं।
नवाचार पर काम करते हुए प्रदेश की महिलाओं ने कई ऐसे स्टार्टअप्स शुरू किए हैं जो मुनाफा कमा रहे हैं। ‘हर महीने 100 से 150 नए स्टार्टअप्स का पंजीयन हो रहा है इनमें से 45 फीसदी महिलाओं द्वारा शुरू किए जा रहे हैं। राज्य की महिलाएं, शिक्षा,टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य,खाद्य, कृषि, तकनीक, नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में चल रहे स्टार्टअप्स में काफी अहम भूमिका निभा रही हैं।
सचिव पी. नरहरि ने बताया की मध्यप्रदेश की स्टार्टअप नीति ने भी महिलाओं को उद्यमिता की ओर प्रेरित किया है और उन्हें इसे वैकल्पिक व्यवसाय के रूप में अपनाने अवसर दिया है। कुल निवेश के 18 फीसदी के बराबर वित्तीय मदद भी ऐसा ही एक कदम है जिसकी अधिकतम सीमा 72 लाख रुपये तय की गई है। इसके अलावा स्टार्टअप नीति के तहत पेटेंट सहायता, रोजगार निर्माण, प्रशिक्षण व्यय की वापसी, लीज और रेंटल सहायता जैसी सुविधाएं भी महिला उद्यमियों को दी जा रही हैं।
उद्यमिता के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के लिए 19 जून 2023 को भोपाल में होने जा रहे मध्यप्रदेश एमएसएमई समिट 2023 में विशेष सत्र आयोजित हो रहा है। इसमें अपने – अपने क्षेत्र की विषय विशेषज्ञ महिला उद्यमी संवाद करेंगी।
मध्यप्रदेश में महिला उद्यमियों को सीमित वित्तीय संसाधनों और पूंजी तक पहुँचने में कठिनाई के रूप में एक बड़ी बाधा का सामना करना पढ़ता था । पारंपरिक ऋणदाता सीमित आर्थिक सुरक्षा, संपत्ति के स्वामित्व की कमी और सामाजिक बाधाओं जैसे कारकों के कारण महिलाओं को उधार देने में हिचकिचाते रहे ।
हाल के वर्षों में सरकारी और गैर -सरकारी,डिजिटल ऋण देने वाले प्लेटफार्मों के उदय ने महिलाओं के लिए न्यूनतम प्रतीक्षा समय के साथ व्यावसायिक ऋण प्राप्त करना बहुत आसान बना दिया है।
मध्यप्रदेश का उद्यमशीलता परिदृश्य स्पष्ट रूप से बदलाव के दौर से गुजर रहा है, जो देश के भीतर रहने वाली महिलाओं की क्षमता और दृढ़ संकल्प को लगातार उजागर कर रहा है। जमीनी स्तर से उभर रहे आंकड़ों से पता चलता है कि आने वाले दशकों में मध्यप्रदेश और भारत महिलाओं के वर्चस्व के साथ-साथ देश के भविष्य को आकार देने के साथ परिवर्तन की एक और लहर देखने के लिए तैयार है।