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मध्यप्रदेश व केरल राज्य के गठन में अनेक समानताएँ

प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश विधान सभा अवधेश प्रताप सिंह

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  • उक्त विचार अवधेश प्रताप सिंह ,प्रमुख सचिव द्वारा अखिल भारतीय मलयाली एसोसिएशन द्वारा बी एच. एल. क्षेत्र में आयोजित मध्य प्रदेश एवं केरल के संयुक्त स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उद्बोधन में व्यक्त किये।श्री सिंह ने उल्लेख किया कि मध्यप्रदेश व केरल दोनो राज्यों का गठन १ नवम्बर १९५६ को हुआ,दोनो हरे भरे प्रदेश हैं जहां केरल में हरियाली है वहीं म.प्र.में अधिक वन क्षेत्र हैं।इसी तरह जैसे केरल का गठन चार छोटे रियासतों साउथ केनारा,मालाबार,कोचीन एवं त्रवणकोर को मिलाकर हुआ वैसे ही मध्य प्रदेश का गठन भी चार पूर्ववर्ती राज्यों को मिलाकर हुआ ।

उक्त विचार अवधेश प्रताप सिंह ,प्रमुख सचिव द्वारा अखिल भारतीय मलयाली एसोसिएशन द्वारा बी एच. एल. क्षेत्र में आयोजित मध्य प्रदेश एवं केरल के संयुक्त स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उद्बोधन में व्यक्त किये।श्री सिंह ने उल्लेख किया कि मध्यप्रदेश व केरल दोनो राज्यों का गठन १ नवम्बर १९५६ को हुआ,दोनो हरे भरे प्रदेश हैं जहां केरल में हरियाली है वहीं म.प्र.में अधिक वन क्षेत्र हैं।इसी तरह जैसे केरल का गठन चार छोटे रियासतों साउथ केनारा,मालाबार,कोचीन एवं त्रवणकोर को मिलाकर हुआ वैसे ही मध्य प्रदेश का गठन भी चार पूर्ववर्ती राज्यों को मिलाकर हुआ ।
श्री सिंह द्वारा बड़ी संख्या में उपस्थित मलयाली समाज व गणमान्य नागरिकों को स्थापना दिवस पर शुभकामनाएँ दीं गईं।
कार्यक्रम में राज्य शासन तथा बी.एच.ई.एल से सेवनिव्रत्त वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान भी किया गया ॥  इस अवसर पर मलियाली एसो. के अध्यक्ष सी.अशोकन , केरल से आये स्वामी जी, उपायुक्त पुलिस रियाज़ इक़बाल,उपाध्यक्ष जोली कुरीयन, हेमा शिक्षा सोसाइटी के अध्यक्ष फ़िलिप पनिकर,सचिव शिक्षा समिति अनिल नायर आदि के साथ बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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