मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल के कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण होने पर दिव्यांग बच्चे राज्यपाल के अतिथि बनें। राज्यपाल की मेजबानी में बच्चों ने दोपहर का भोजन राजभवन में ग्रहण किया। करीब 60 दिव्यांग बच्चों ने राजभवन का भ्रमण भी किया।
राज्यपाल श्री पटेल के आत्मीय संवाद और स्नेहिल व्यवहार से दिव्यांग बच्चे अभिभूत हो गए। उन्होंने मनुहार कर उनको भोजन कराया। राज्यपाल ने अपने मधुर वचनों, स्नेहिल व्यवहार और शुभकामनाओं के आशीर्वाद से दिव्यांग बच्चों के मन, मस्तिष्क को आनंद के रंग में सराबोर कर दिया।
राज्यपाल श्री पटेल ने दिव्यांग बच्चों से कहा कि वह राजभवन भ्रमण के अपने अनुभवों को अपने साथियों और परिजन के साथ साझा करें। उन्होंने अपने नवासे के श्रवण बाधित होने की जानकारी देते हुए कहा कि यदि शरीर में कोई कमी होती है तो कुदरत कोई अन्य दिव्य शक्ति भी प्रदान कर देती है। जरूरत अपने अंदर की इस शक्ति को पहचानने की है। उन्होंने दृष्टि-बाधित बालिका में श्रवण और गायन की दिव्य शक्ति होने का उल्लेख करते हुए बच्चों को प्रेरित किया। उन्होंने शिक्षकों और प्रशिक्षकों की सेवा-भावना की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों को उनकी दिव्य शक्तियों को पहचानने में मदद के साथ ही उन्हें प्रदर्शन का भी अवसर प्रदान करने में सहयोग करें।
राज्यपाल श्री पटेल ने उपस्थित सभी दिव्यांग बच्चों को शुभाशीष और स्नेह प्रदान कर चॉकलेट भेंट की।
उमंग गौरवदीप वेलफेयर सोसाइटी, शासकीय दृष्टि एवं श्रवण विद्यालय, शैलूम स्कूल और शासकीय मानसिक विद्यालयों के 15 अस्थि बाधित, 15 श्रवण बाधित, 19 मस्तिष्क मन्दता और 8 दृष्टि बाधित दिव्यांग बच्चे शामिल थे।