मध्यप्रदेश में करदाताओं की सुविधाओं को समर्पित रहा वर्ष 2022
संतोष मिश्रा
- वित्तीय प्रबंधन, राजस्व संग्रहण और करदाताओं की सुविधाएँ बढ़ाने और रिटर्न फाइलिंग में मध्यप्रदेश के लिए वर्ष 2022 उल्लेखनीय उपलब्धियों से भरा वर्ष रहा। मध्यप्रदेश देश के प्रथम 5 राज्यों में शामिल है। प्रदेश की राजस्व प्राप्तियों में 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्राप्त राजस्व 32 हजार 764 करोड़ रूपये की तुलना में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 38 हजार 963 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ। चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में माह नवम्बर तक 28 हजार 582 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह नवम्बर तक प्राप्त राजस्व 24 हजार 100 करोड़ रूपये से 19 प्रतिशत अधिक है। करदाताओं की सुविधाएँ
वित्तीय प्रबंधन, राजस्व संग्रहण और करदाताओं की सुविधाएँ बढ़ाने और रिटर्न फाइलिंग में मध्यप्रदेश के लिए वर्ष 2022 उल्लेखनीय उपलब्धियों से भरा वर्ष रहा। मध्यप्रदेश देश के प्रथम 5 राज्यों में शामिल है।
प्रदेश की राजस्व प्राप्तियों में 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्राप्त राजस्व 32 हजार 764 करोड़ रूपये की तुलना में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 38 हजार 963 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ। चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में माह नवम्बर तक 28 हजार 582 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह नवम्बर तक प्राप्त राजस्व 24 हजार 100 करोड़ रूपये से 19 प्रतिशत अधिक है।
करदाताओं की सुविधाएँ
करदाताओं के लिये वर्ष 2022 सुविधाओं का वर्ष साबित हुआ। राज्य शासन ने करदाताओं को भरपूर सुविधाएँ दी। उनके लिये जटिल प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया। मध्यप्रदेश वेट अधिनियम-2002 में पंजीयन के लिये प्राप्त होने वाले ऑनलाईन आवेदनों को एक कार्य दिवस में डीम्ड रजिस्ट्रेशन प्रदाय कर दिया गया है। करदाताओं के लिये 10 करोड से अधिक कर योग्य वस्तुओं का व्यापार करने पर वेट ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने का प्रावधान समाप्त कर आयकर अधिनियम में प्रस्तुत की जाने वाली ऑडिट रिपोर्ट को ही मान्यता दी गई है। आपराधिक अभियोग प्रक्रिया का प्रावधान विलोपित कर दिया गया है।
माल एवं सेवा कर अधिनियम 2017 में पंजीयन प्राप्त करने की प्रक्रिया में एकरूपता लाने, प्रक्रिया को आसान बनाने और अनावश्यक दस्तावेजों को प्राप्त नहीं करने के संबंध में विभागीय अधिकारियों एवं व्यवसाइयों की सुविधा के लिए मानक प्रक्रिया जारी की गई। व्यवसाइयों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले विवरण-पत्रों की स्क्रूटनी प्रक्रिया में एकरूपता के लिए भी मानक प्रक्रिया बनाई गई है।
वर्ष 2022 में टैक्स बेस बढ़ाने के प्रयासों को सफलता मिली। बड़ी संख्या में नवीन व्यवसायी पंजीयत हुए और निरंतर हो रहे हैं। उनके लिये हेल्प डेस्क बनाई गई। नवीन करदाताओं की सुविधा के लिये ‘वेलकम किट’ जारी की गई। करदाताओं को प्रोत्साहित करते हुए राज्य स्तर पर सम्मानित भी किया गया।
ऑनलाइन सुविधाएँ
जीएसटीएन पोर्टल से व्यवसाइयों द्वारा पंजीयन लेने, रिटर्न प्रस्तुत करने, कर भुगतान करने, ई इन्वाइस जारी करने, ई-वे बिल डाउनलोड करने आदि समस्त कार्य ऑनलाईन जीएसटीएन पोर्टल एवं एनआईसी पोर्टल से करने की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
विभागीय पोर्टल से नॉन जीएसटी व्यवसाइयों को पंजीयन लेने, रिटर्न प्रस्तुत करने एवं कर का भुगतान करने आदि सुविधा ऑनलाईन उपलब्ध है। जीएसटी कॉर्नर में जीएसटी एक्ट, अपडेटेड नोटिफिकेशन, सर्कुलर्स इत्यादि उपलब्ध है। मुख्यालय एवं प्रत्येक वृत्त कार्यालय में स्थापित विभागीय हेल्प-डेस्क एवं पदस्थ विभागीय अधिकारियों की जानकारी उपलब्ध है।
टैक्स बेस में वृद्धि
टैक्स बेस का दायरा बढाए जाने के लिये चलाये गए अभियान के फलस्वरूप माह जनवरी-21 से नवम्बर-21 में 62 हजार 124 पंजीयन की तुलना में जनवरी-22 से नवम्बर-22 में 76 हजार 92 नवीन पंजीयन हुए हैं, जो तुलनात्मक रूप से 22.50 प्रतिशत अधिक है।
सेवा क्षेत्र में 22 प्रमुख सेवाओं को चिन्हित कर 2,180 अपंजीयत सप्लायर्स का पंजीयन कराया गया है। टैक्स बेस में वृद्धि हेतु विशेष अभियान चला कर 11 हजार 356 नगरीय निकाय और ग्राम पंचायतों को TDS के अंतर्गत पंजीयत कराया गया है।
अतिरिक्त राजस्व
वर्ष 2022 में प्रदेश के जीएसटी राजस्व में वृद्धि के प्रयासों को भी गति मिली। डेटा एनालिटिक्स कार्य के लिए विभाग में डेटा कमांड एंड कण्ट्रोल सेंटर (DC3) कक्ष की स्थापना की गई। स्क्रूटनी अभियान में 3127 प्रकरणों में से 2022 प्रकरणों पर कार्यवाही पूर्ण कर 242 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त किया गया।
फर्जी बिलों की रोकथाम के लिए डेटा एनालिटिक्स का उपयोग कर चयनित 6277 संदिग्ध करदाताओं के भौतिक सत्यापन अभियान में बोगस पाए गए 332 व्यवसाइयों का पंजीयन निरस्त किया गया। डेटा एनालिसिस के आधार पर इस वित्तीय वर्ष के माह अक्टूबर-22 तक 769 प्रकरणों में कार्यवाही कर 196 करोड़ 62 लाख रूपये का राजस्व प्राप्त किया गया।
शासकीय विभागों में किये गए माल एवं सेवाओं की सप्लाई की जानकारी प्राप्त की जाकर अपंजीकृत सप्लायर्स का पंजीयन एवं पंजीयत सप्लायर्स की करदेयता का विश्लेषण किया जा रहा है। शासकीय विभागों द्वारा प्रशासित अधिनियमों में लिए जा रहे पंजीयन/लाइसेंस धारकों की जानकारी प्राप्त कर इन व्यवसाइयों द्वारा GST रिटर्न में दिखाये जा रहे टर्नओवर का सतत विश्लेषण भी किया जा रहा है।
( लेखक : सहायक संचालक, जनसम्पर्क संचालनालय विभाग मध्यप्रदेश शासन हैं )