मध्यप्रदेश सुशासन और विकास रिपोर्ट का 4 अप्रैल 2022 को होगा विमोचन
– मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे रिपोर्ट का विमोचन, नई दिल्ली में होगा “मध्यप्रदेश सुशासन और विकास रिपोर्ट 2022” का विमोचन
– मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 4 अप्रैल 2022 को करेंगे रिपोर्ट का विमोचन।
– नई दिल्ली में इंडिया हैबिटेट सेंटर में होगा कार्यक्रम।
अटल बिहारी वाजपेई गुड गवर्नेंस संस्थान के नेतृत्व में होगा कार्यक्रम का आयोजन
– मध्यप्रदेश सरकार अपनी वार्षिक रिपोर्ट के पहले संस्करण का विमोचन करेगी।
केन्द्र, राज्य सरकार के मंत्री और मध्यप्रदेश के सांसद उपस्थित रहेंगे
नई दिल्ली में प्रतिनियुक्त सभी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारी, विभिन्न देशों के राजदूत, विकास भागीदार और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के गणमान्य व्यक्ति भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।
विमोचन कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता डॉ. आर. बालसुब्रमण्यम, सदस्य (मानव संसाधन), क्षमता निर्माण आयोग, भारत सरकार एवं श्री एरिक सोलहेम, पूर्व कार्यकारी निदेशक, यूएनईपी और श्री वी.श्रीनिवास, सचिव, प्रशानक सुधार और लोक शिकायत विभाग, भारत सरकार होंगे।
अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान द्वारा तैयार की गई
रिपोर्ट में देश के प्रतिष्ठित संस्थानों के विषय-विशेषज्ञों के बहुमूल्य इनपुट और मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों के आधार एग्पा द्वारा गहन अध्यन से तैयार हुई है।
– मध्यप्रदेश सुशासन और विकास रिपोर्ट 2022 अपनी तरह का पहला दस्तावेज है।
– इस रिपोर्ट में सामुदायिक जुड़ाव औरभागीदारी, मजबूत नीतिगत उपाय, कुशल वितरण प्रणाली, साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने और व्यापक निगरानी शामिल हैं।
– यह रिपोर्ट विशेषकर चुने हुए क्षेत्रों में नीतिगत सुधार के परिप्रेक्ष्य में शासन व्यवस्था की स्थिति और उसके समक्ष चुनौतियों को रेखांकित करती है।
-एमपीएसडीआर 2022 को5 खंडों में वर्गीकृत किया गया है।
– प्रथम खण्ड के अध्यायों में सुशासन की विशिष्टताओं का वर्णन एवं इस दिशा में प्रदेश में पिछले 15 वर्षों में किए गए प्रयासों का विवरण प्रस्तुत किया गया है।
– द्वितीय खण्ड कोविड-19 पर केन्द्रित है और महामारी के प्रबंधन में हुए बदलाव एवं विकास का विवरण प्रस्तुत करता है।
तृतीय खण्ड में मुख्य क्षेत्रों का समग्र विश्लेषण किया गया है, जिसमें हितधारकों के मुद्दे और कार्यवाही हेतु बिन्दु शामिल हैं।
– इस खण्ड में कृषि, ग्रामीण विकास, उद्योग एवं व्यापार, वित्तीय समावेशन एवं जैव विविधिता और पारंपरिक ज्ञान के अध्याय भी शामिल हैं।
– इस रिपोर्ट में आयुष, नगरीय विकास व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नवाचार के पृथक-पृथक अध्याय में विचार-विमर्श हैं।
– चतुर्थ खण्ड, ‘पर्यवेक्षण एवं मूल्यांकन’, सतत् विकास लक्ष्यों के बुनियादी संकेतकों पर प्रकाश डालता है।
– इसमें अन्य राज्यों, विशेषकर सामाजिक सहभागिता एवं बहुस्तरीय संकट समितियों का उपयोग कर, मध्यप्रदेश राज्य की तुलना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों के प्रदर्शन के साथ की गई है।
– रिपोर्ट का अंतिम पांचवा खण्ड राज्य में प्रमुख क्षेत्रों के विकास और विकास के लिए कार्रवाई योग्य बिंदुओं और नीतिगत सिफारिशों का सुझाव देता है।