मध्यप्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल ने शनिवार को भोपाल में देश के पहले ए-हेल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था को उन्नत बनाने के उद्देश्य से केन्द्रीय ग्रामीण विकास और मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा राज्य पशुपालन विभाग के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूहों की पशु-सखी को ए-हेल्प कार्यकर्ता के रूप में प्रशिक्षित किया गया।
श्री पटेल ने कहा कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सुदृढ़ प्रयास है, जो देश में दुग्ध, पोल्ट्री आदि उत्पादन और जैविक खाद प्रबंधन में नये आयाम स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों से हुए महिला सशक्तिकरण से देश में अभूतपूर्व विकास हुआ है। पशुपालन की योजनाओं से एक लीटर दूध देने वाली गाय से किसान अब 10-10 लीटर तक दूध लेने में समर्थ हो गये हैं। बेहतर सड़कों की उपलब्धता ने विकास की गति तेज की है।
मंत्री श्री पटेल और अन्य अतिथियों ने ए-हेल्प कार्यक्रम का लोगो, प्रगतिशील पशुपालकों की सफलता की प्रेरणादायी कहानियों की पुस्तक और पशुपालन विभाग की उद्यमता योजनाओं की पुस्तक का विमोचन भी किया। किसान क्रेडिट योजना का लाभ प्राप्त करने वाले पशुपालकों को प्रमाण-पत्र भी वितरित किये गये।
केन्द्रीय मत्स्य-पालन एवं पशुपालन सचिव श्री अतुल चतुर्वेदी ने कहा कि देश के इतिहास में अब तक वर्किंग केपिटल और टर्म लोन का 70 से 90 प्रतिशत हिस्सा बैंकों द्वारा कृषि के लिये दिया जाता था। पशुपालन मंत्रालय के लगातार प्रयासों से अब बैंकों द्वारा वर्किंग केपिटल और टर्म लोन में पशुधन डेयरी सेक्टर के लिये ही लक्ष्य तय किया जायेगा। ए-हेल्प प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं से टीकाकरण कार्यक्रम, पशुपालकों को उद्यमता विकास के लिये ऋण लेने, आवेदन भरने, पशुओं की टेगिंग को चिन्हित कर इनॉफ पोर्टल पर दर्ज कराने और पशुधन बीमा आदि कार्यों में गति मिलेगी।
सचिव केन्द्रीय ग्रामीण विकास श्री नागेन्द्र नाथ सिन्हा ने कहा कि पशुपालन से भूमिहीन मजदूर को भी आमदनी होती है। देश में 7 करोड़ परिवार इससे जुड़े हैं। प्रसन्नता की बात है कि अब तक देश के राज्यों ने 2 लाख से अधिक पशु-सखी को ए-हेल्प कार्यकर्ता बनाने की रजामंदी दी है। यह प्रक्रिया अभी जारी है। केन्द्रीय अपर सचिव श्रीमती वर्षा शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश पशुपालन के अग्रणी राज्यों में है।
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव पशुपालन श्री जे.एन. कंसोटिया ने राष्ट्रीय डेयरी डेव्हलपमेंट बोर्ड का आभार माना। उन्होंने कहा कि प्रदेश आपके विश्वास पर शत-प्रतिशत खरा उतरेगा। पशुपालन विभाग, पशुपालक, पशु-सखी और युवाओं की लगन और मेहनत का परिणाम है कि आज मध्यप्रदेश दुग्ध उत्पादन में तीसरे स्थान पर पहुँच गया है। कार्यक्रम को अध्यक्ष डेयरी डेव्हलपमेंट बोर्ड श्री मीनेश शाह, अध्यक्ष वेटनरी काउंसिल ऑफ इण्डिया डॉ. उमेश शर्मा और संचालक डॉ. आर.के. मेहिया ने भी संबोधित किया। संयुक्त सचिव पशुपालन और डेयरी श्री उपमन्यु बसु ने आभार माना।