भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली को मध्यप्रदेश कांग्रेस ने विधानसभा के उप चुनावों के संबंध में 20 सूत्रीय सुझाव भेजे -जे पी धनोपिया एडवोकेट
कोविड- 19 के दौरान उप चुनावों के संचालन हेतु जारी दिशा निर्देश 20.8.2020 में सुधार हो जिससे कि उपचुनावों का मतदान लोकतांत्रिक परम्पराओं के अनुरूप निष्पक्ष रूप से संपन्न हो सके जो कि न्यायोचित होगा – जे पी धनोपिया एडवोकेट प्रभारी चुनावी आयोग कार्य मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा के उप चुनावों के संबंध में मुख्य निर्वाचन आयुक्त भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली द्वारा कोविड- 19 के दौरान उप चुनावों के संचालन हेतु जो दिशा निर्देश दिनांक 20.8.2020 को प्रसारित किये हैं के संदर्भ में सुधार के लिए 20 सूत्रीय सुझाव आज तीन सितंबर को भेजे हैं । यह जानकारी जे पी धनोपिया एडवोकेट प्रभारी चुनावी आयोग कार्य मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आज दी है।
जे पी धनोपिया एडवोकेट ने बताया की 20 सूत्रीय सुझाव इस प्रकार हैं जो कांग्रेस पार्टी की ओर से भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली को भेजे हैं।
1. यह कि कोविड-19 के लिए राज्य शासन द्वारा प्रत्येक जिले एवं विधानसभा क्षेत्र में नोडल स्वास्थ्य अधिकारी नियुक्त किए जावेगे । उस संबंध में निवेदन है कि उक्त नियुक्तियां राज्य शासन के द्वारा नहीं, बल्कि निर्वाचन आयोग द्वारा की जाना चाहिए तथा समस्त नोडल स्वास्थ्य अधिकारी संबंधित जिला अथवा विधानसभा क्षेत्र से बाहर के होना चाहिए जिससे वे निष्पक्ष भाव से काम कर सकेंगे ।
2. निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव प्रत्याशी के नामांकन के संबध में आॅनलाईन पर फार्म प्रस्तुत कर प्रिंट लेकर चुनाव अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किए जाने जैसी प्रक्रिया से बचना चाहिए । क्योंकि नियम अनुसार नामांकन फार्म प्रत्याशी द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है इसलिए नामांकन फार्म, शपथ-पत्र एवं सुरक्षा निधि जमा करने की प्रक्रिया निर्वाचन अधिकारी के समक्ष होने की कार्यवाही को सुनिश्चित किया जाना ।
3. चुनाव प्रत्याशी द्वारा नामांकन फार्म प्रस्तुत करने के लिए अधिकतम दो व्यक्तियों की संख्या निर्धारित की गई है, जो व्यवहारिक नहीं है, क्योंकि कोविड-19 के दौरान किसी भी कार्य को करने हेतु अधिकतम संख्या पांच घोषित की गई है, इसलिए नामांकन फार्म भरते समय भी प्रत्याशी के साथ अधिकतम चार व्यक्ति जिनमें प्रस्तावक, पार्टी पदाधिकारी एवं उसके विधिक सलाहकार को शामिल किया जाना होता है इसलिये उक्त संख्या को पांच घोषित किया जाये ।
4. जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा चुनाव प्रत्याशी को पूर्व सूचना देकर नामांकन फार्म जमा करने हेतु समय निर्धारित किया जावेगा, वह चुनाव प्रक्रिया के अनुरूप अपरान्ह 3 बजे के बाद का नहीं होना चाहिए ।
5. चुनाव प्रक्रिया से संबंधित मतदान कर्मचारियों को रेंडोमाईजेशन का समय पूर्व अनुसार 24 घंटे का रखा जाना चाहिए, क्योंकि इसे बढ़ाकर 72 घंटे किए जाने से चुनाव प्रक्रिया से जुड़े कर्मचारी की गोपनीयता भंग होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता ।
6. मतदान केन्द्रों पर यदि मतदाताओ की संख्या 10000 से अधिक होती है तब उसी स्थल पर दो मतदान केंद्र स्थापित किये जाये जिसमें अधिकतम मतदाताओ की संख्या 750 से ज्यादा नहीं होना चाहिये !
7. मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की थर्मल जांच आदि के कार्य करने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि आशा कार्यकर्ताओं की सेवाएं बड़ी अनिश्चिितता की स्थिति में होती है, इसलिए वे सत्ता पक्ष पार्टी के दबाव में रहती है और मतदाताओं की थर्मल जांच के समय चुनाव प्रचार जैसी प्रक्रिया में लिप्त होकर प्रलोभित होने की दशा में चुनाव को प्रभावित कर सकती है ।
8. मतदान केन्द्रों पर किसी मतदाता की थर्मल जांच के उपरांत तापमान निर्धारित मापदंड से अधिक होने की दशा में दो बार जांच उपरांत उस मतदाता को चुनाव के अंतिम घंटे में उपस्थित होकर मतदान करने की प्रक्रिया व्यवहारिक नहीं है, इसलिए मतदाता एक बार वापिस घर चला जाएगा तो वह दुबारा मतदान करने नहीं आयेगा । ऐसी दशा में मतदाता का तापमान अधिक होने की दशा में एक अलग कोविड-19 मतदान केन्द्र के नाम से मतदान केन्द्र बनाया जाएं और उसमें संबंधित मतदाता को तत्काल मतदान करने की अनुमति दी जावे ।
9. मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं के संबंध में बीएलओं एवं स्वयं सेवको आदि की सेवाएं ली जावेगी जो व्यवहारिक नहीं है, क्योंकि स्वयंसेवक की परिभाषा स्पष्ट नहीं है, तथा ऐसी स्थिति में स्पष्ट किया जावे कि किसी भी स्वयंसेवक का शासकीय कर्मचारी होना आवश्यक है ।
10. मतदान केन्द्रों पर बूथ एप जो को दिया जाता है उक्त एप कोे चुनाव प्रत्याशी को भी उपलब्ध कराया जावे ।
11. मतदान केन्द्रों पर प्रत्येक मतदाता को रजिस्टर में हस्ताक्षर करने, इवीएम मशीन का बटन दबाने का उपयोग करने के लिए हाथ के दस्ताने उपलब्ध कराये जाएंगे इस संबंध में अशिक्षित मतदाता जो हस्ताक्षर नहीं कर सकेगा एवं अंगूठे का निशान लगायेगा उस संबंध में स्थिति स्पष्ट की जाना चाहिए ।
12. कोविड-19 के मरीजों को वोट डालने की अनुमति अंतिम घंटे में दी जाने की बजाय कोविड-19 विशेष मतदान केन्द्र स्थािपत किया जाना चाहिए जिससे कि तत्काल मतदान हो सके ।
13. डाक मतपत्र की प्रात्रता की प्रक्रिया में कोविड-19 पाॅजीटिव एवं संदिग्ध मरीजों को जोड़ा गया है ! जब कोविड- पाजिटिव मरीज के सीधे मतदान केन्द्र पर पहुंचकर मतदान करने की पूर्व में अनुमति दी गई है तब, डाक मत पत्र उपलब्ध कराने की प्रक्रिया का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि कोविड- 19 का पाॅजीटिव मरीज अस्पताल में भर्ती होता है तथा संदेहास्पद मरीज का कोॅरेण्टाईन घर में होता है ऐसी स्थिति में डाक मत पत्र का दुरूपयोग भारी संख्या में होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है । इसलिए कोविड-19 के मरीजों को डाक मत पत्र की पात्रता से अलग किया जाना चाहिए उन्हें कोविड.19 का मतदान केंद्र स्थापित कर उनसे मतदान कराया जावे ।
14. चुनाव प्रत्याशी को घर-घर मतदान करने के संबंध में अधिकत पांच व्यक्तियों की संख्या निर्धारित करने की बजाय पांच-पांच व्यक्तियों के गुरुप में अनुमति दी जावे जिससे कि चुनाव आयोग द्वारा घोषित अधिकतम पांच व्यक्तियों की संख्या का दुरूपयोग सत्ताधारी पक्ष द्वारा न किया जा सके ।
15. चुनाव प्रचार से संबंधित रोड़ शो के दौरान वाहनों के काफिले की संख्या पांच एवं दुसरे पांच वाहनों के बीच का अंतर घेाषित आधा घंटे का अंतर व्यवहारिक नहीं है इसे अधिकतम पांच या दस मिनिट का किया जाना चाहिए।
16. चुनाव प्रचार से संबंधित सभा या रैली करने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा पूर्व से ही स्थानों की सूची प्रसारित की जाना चाहिए तथा समानता के अधार पर उक्त स्थानों को राजनीतिक दलों को चुनावी सभा करने के लिए उपलब्ध कराया जाना चाहिए ।
17. राजनीतिक सभाओं में उपस्थित व्यक्तियों की संख्या उपलब्ध स्थान की अधिकतम संख्या से पचास प्रतिशत होना निर्धारित किया जाना चाहिए तथा अधिकतम संख्या जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा पूर्व से निर्धारित कर घोषित की जाना चाहिए ।
18. कोविड-19 के दिशा निर्देशों का उल्लंघन होने के संबंध में दण्डात्मक कार्यवाही के अधिकार राज्य शासन के अधिकारियों को नहीं बल्कि चुनाव आयोग के अधिकारियों को होना चाहिए जिससे दुरुपयोग नहीं हो सकेगा ।
19. मतगणना के समय पूर्व के नियम प्रक्रिया के अनुसार डाक मत पत्रों की गणना ईवीएम के मतों की गणना के पूर्व ही होना चाहिए ।
20. सभी मतदान केन्द्रो की ईवीएम मशीन एवं वीवीपेड के मतों की संख्या आवश्यक रूप से मिलान की जाना चाहिए तथा मतों की संख्या का मिलान होने के पश्चात ही चुनाव का अंतिम परिणाम घोषित किया जाना चाहिए ।
जे पी धनोपिया एडवोकेट प्रभारी चुनावी आयोग कार्य मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बताया की मध्यप्रदेश मे होने वाले उपचुनावो के संबंध मे निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किये गये दिशा निर्देश दिनांक 20 अगस्त 2020 मे उपरोक्तानुसार सुधार किये जावे जिससे कि उपचुनावो का मतदान लोकतांत्रिक परम्पराओं के अनुरूप निष्पक्ष रूप से संपन्न हो सके जो कि न्यायोचित होगा !