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मध्यप्रदेश में 33 सीएम राइज विद्यालयों के लिये 1335 करोड़ रूपये की कैबिनेट की स्वीकृति और अन्य निर्णय

मुख्यमंत्री शहरी अधो-संरचना विकास योजना के लिये 1700 करोड़ रूपये की स्वीकृति

विद्युत वितरण कंपनियों के लिये 24 हजार करोड़ रूपये से अधिक सब्सिडी की स्वीकृति
दीनदयाल रसोई योजना में मिलेगा अब 5 रूपये प्रति थाली भोजन
मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय

 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज समत्व भवन में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश में 33 सर्वसुविधायुक्त विद्यालयों के लिये अनुमानित लागत 1335 करोड़ 20 लाख रूपये में निर्माण किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई। सी.एम. राइज योजना के प्रथम चरण में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 275 विद्यालय विकसित किये जा रहे हैं। इनमें से 33 विद्यालयों के निर्माण के लिये डी.पी.आर तैयार कर परियोजना परीक्षण समिति के समक्ष 20 मार्च 2023 को प्रस्तुत किये गये।

विद्युत वितरण कंपनियों के लिये 24 हजार करोड़ रूपये से अधिक सब्सिडी की स्वीकृति

मंत्रिपरिषद द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये निर्धारित दरों में प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं के लिये अटल गृह ज्योति योजना में स्वीकृत सब्सिडी एवं विभिन्न उपभोक्ता श्रेणियों को सब्सिडी देते हुए इसके एवज में विदयुत वितरण कंपनियों को सब्सिडी दी जाने की स्वीकृति प्रदान की गई। कंपनियों को विभिन्न श्रेणियों में 24 हजार 196 करोड़ 47 लाख रूपये की सब्सिडी स्वीकृति दी गई।

मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के लिये 1700 करोड़ रूपये की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद् ने प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में अधो-संरचना विकास के लिए “मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना” चतुर्थ चरण को दो वर्षों (वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25) के लिए राशि रू. 1700 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की। योजना में सड़क निर्माण तथा अनुषांगिक कार्य, शहरी यातायात सुधार, नगरीय सौन्दर्यीकरण, सामाजिक एवं खेल अधोसंरचनाएँ, उद्यान विकास सम्बन्धी कार्यों के साथ ही निकाय के कार्यालय भवन निर्माण/ उन्नयन के कार्य किये जा सकेंगे। योजना का क्रियान्वयन विभागीय मार्गदर्शन में नगरीय निकायों द्वारा किया जायेगा। इस योजना के लागू किये जाने से, विभिन्न शहरों में आवश्यक अधोसंरचनाएँ उपलब्ध हो सकेंगीं।

6 जिलों में नवीन चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किये जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति

मंत्रि-परिषद् द्वारा खरगोन, धार, भिण्ड, बालाघाट, टीकमगढ़ तथा सीधी जिलों में 100 एम.बी.बी.एस सीट प्रवेश क्षमता के नवीन चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किये जाने के लिये सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना से क्षेत्र की जनता को तृतीयक स्तर की चिकित्सकीय सुविधाएँ उपलब्ध होने के साथ-साथ प्रदेश के छात्रों के लिये चिकित्सा क्षेत्र की 600 एम.बी.बी.एस. सीट की वृद्धि होगी।

भोज वेटलैंड की 1097.11 हेक्टेयर भूमि पर्यावरण वानिकी वनमंडल भोपाल को हस्तांतरित करने की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद् ने भोज वेटलैंड भोपाल की 1097.11 हेक्टेयर भूमि जो वर्तमान में भोज वेटलैंड, प्रशासक राजधानी परियोजना प्रशासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आधिपत्य में है, में से बड़ा तालाब एवं उसके जल भराव क्षेत्र को छोड़कर और व्ही.आई.पी. रोड़ को 8 लेन करने हेतु नवीन एकरेखण में आने वाली भूमि को छोड़ कर शेष भूमि को संयुक्त सीमाकंन के पश्चात पर्यावरण वानिकी वनमंडल भोपाल कोहस्तान्तरित करने का निर्णय लिया है।

यह भी निर्णय लिया है कि मध्यप्रदेश वृक्षों का परीक्षण (नगरीय क्षेत्र) अधिनियम 2001 की धारा 4 में प्रावधान अनुसार उक्त भूमि के भारसाधक वन क्षेत्रपाल को वृक्ष अधिकारी नियुक्त किया जाये। भविष्य में अन्य वृक्षारोपण क्षेत्रों को हस्तांतरित करने की स्थिति निर्मित होने पर मुख्य सचिव, संबंधित विभागों की आपसी सहमति से क्षेत्र हस्तांतरण करने के संबंध में निर्णय लेंगें।

दीनदयाल रसोई योजना में मिलेगा अब 5 रूपये प्रति थाली भोजन

प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में व्यवसाय एवं श्रम कार्यों के लिये ग्रामीण क्षेत्रों से जरूरतमंद व्यक्तियों और परिवारों का आगमन होता है। शासन द्वारा प्रदेश के 55 नगरीय निकायों के 119 रैन बसेरा/ आश्रय-स्थलों में इनके लिये अस्थाई आश्रय तथा दीनदयाल रसोई योजना के प्रथम चरण 07 अप्रैल, 2017 से प्रदेश के 51 नगरीय निकायों के 56 रसोई केन्द्रों में किफायती दरों पर पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की गई है।

कोविड-19 महामारी के समय रसोई केन्द्रों की महत्ता भी प्रदर्शित हुई। इसलिये 26 फरवरी, 2021 को रसोई योजना के द्वितीय चरण में 52 जिला मुख्यालयों तथा 06 धार्मिक नगरों मैहर, ओंकारेश्वर, महेश्वर, अमरकंटक, ओरछा एवं चित्रकूट में कुल 100 रसोई केंद्रों का संचालन आरंभ किया गया था। योजना में प्रत्येक जरूरतमंद को रूपये 10 प्रति व्यक्ति की दर से भोजन उपलब्ध कराया जाता है। अब तक 01 करोड़ 62 लाख थालियों का वितरण किया जा चुका है।

योजना में पूर्व में स्थापित 100 रसोई केन्द्रों के अतिरिक्त, 20 नवीन स्थाई रसोई केन्द्र तथा ऐसे लोगों की मदद के लिये जो स्थाई रसोई केंद्रों पर नहीं पहुंच पाते हैं, उनके लिये 16 नगर निगमों तथा पीथमपुर एवं मण्डीदीप में कुल 25 नवीन चलित रसोई केन्द्र, इस प्रकार कुल 45 नवीन रसोई केन्द्र खोले जाने एवं मात्र रुपए 5 प्रति व्यक्ति की दर से रसोई में भोजन उपलब्ध कराने का निर्णय मंत्रि-परिषद द्वारा लिया गया है।

“प्राइस सपोर्ट स्कीम” में मंडी एवं निराश्रित शुल्क की छूट की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद व्दारा केंद्र/राज्य शासन की संस्थाओं द्वारा भारत सरकार की “प्राइस सपोर्ट स्कीम” में प्रदेश के कृषकों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अधिसूचित कृषि उपज के उपार्जन पर मंडी शुल्क की छूट के साथ में निराश्रित शुल्क के भुगतान पर भी छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया। साथ ही प्राइस सपोर्ट स्कीम में वर्ष 2022 (विपणन मौसम 2022-23) में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जित ग्रीष्मकालीन मूँग एवं ग्रीष्मकालीन उड़द पर भी निराश्रित शुल्क में छूट प्रदान की गई है।

सिंचाई परियोजना के लिये 190 करोड़ रूपये की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा सीप-अम्बर काम्पलेक्स सिंचाई परियोजना फेस-2 लागत राशि 190 करोड़ 11 लाख रूपये सैंच्य क्षेत्र 13 हजार 457 हेक्टेयर की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। परियोजना से सीहोर जिले की भैरूंदा तहसील के 24 ग्रामों की 13 हजार 457 हेक्टेयर सैंच्य क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होगा।

मध्यप्रदेश पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना की निरंतरता को मंजूरी

मंत्रि-परिषद् द्वारा प्रदेश में 19 अगस्त 2013 से संचालित मध्यप्रदेश पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना की महत्ता को देखते हुए योजना को 31 मार्च, 2019 के पश्चात से निरंतर बनाये रखते हुए आगामी पाँच वर्ष तक निरंतर संचालित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई।

केला फसल क्षति की राहत राशि में वृद्धि

मंत्रि-परिषद द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ. क्रमांक 4 के परिशिष्ट-1 (एक) (ख) की तालिका में केले की फसल हानि पर वर्तमान में आर्थिक अनुदान सहायता के लिए निर्धारित मापदण्डों में संशोधन को मंजूरी दी गयी। केला की फसल में 25 से 33 प्रतिशत क्षति होने पर 30 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि, 33 से 50 प्रतिशत क्षति होने पर 54 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि एवं 50 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर 2 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि करने की स्वीकृति दी गई। आर्थिक अनुदान सहायता राशि की अधिकतम देय सीमा 3 लाख रूपये के स्थान पर 6 लाख रूपये से अधिक नहीं होगी।

अन्य निर्णय

मंत्रि-परिषद द्वारा राजस्व विभाग की वार्ड क्र. 05, ग्राम- तिलिमाफ़ी, जिला सागर, स्थित पार्ट-बी भूमि परिसम्पत्ति जिसका खसरा क्रमांक 147/1/1/1/1 कुल रकबा 3000 वर्गमीटर के निर्वर्तन के लिये H-1 निविदाकार तथा वार्ड क्र 13, सुसनेर, जिला आगर मालवा, म. प्र. स्थित भूमि परिसम्पत्ति खसरा क्रमांक 1859/4, कुल रकबा 1760 वर्गमीटर के H-1 निविदाकार एवं कुटीर एवं ग्रामोद्योग की ब्लॉक-2, ग्राम एहसानपुरा, तहसील सारंगपुर, जिला-राजगढ़ भूमि परिसम्पत्ति सर्वे क्रमांक 58 कुल रकबा 8550 वर्गमीटर, के H-1 निविदाकार की संस्तुति करते हुए उसे विक्रय करने एवं निविदा राशि का 100% जमा करने के बाद अनुबंध / रजिस्ट्री की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया।

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