एमपी कैबिनेट ने मध्यप्रदेश के सभी 31 हजार 425 आँगनवाड़ी भवनों में विद्युत संयोजन किये जाने की स्वीकृति दी
चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में 2 हजार बिस्तरीय अस्पताल के लिये 507 करोड़ 12 लाख की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति
- मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय मध्यप्रदेश के मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक प्रदेश के सभी आँगनवाड़ी केन्द्रों में विभागीय निर्मित, निर्माणाधीन एवं भविष्य में निर्मित होने वाले 31 हजार 425 भवनों में विद्युत व्यवस्था के लिये विद्युत संयोजन किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय
मध्यप्रदेश के
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक प्रदेश के सभी आँगनवाड़ी केन्द्रों में विभागीय निर्मित, निर्माणाधीन एवं भविष्य में निर्मित होने वाले 31 हजार 425 भवनों में विद्युत व्यवस्था के लिये विद्युत संयोजन किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई। यह कार्य शत-प्रतिशत राज्य मद से किया जायेगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक तीन चरणों में विद्युत संयोजन का कार्य होगा। पहले वर्ष में 14 हजार 214, दूसरे वर्ष में 10 हजार 907 और तीसरे वर्ष में 6 हजार 304 आँगनवाड़ी भवन में विद्युत संयोजन किया जायेगा। इसके क्रियान्वयन के लिये वर्ष 2022-23 से लेकर वर्ष 2024-25 तक 79 करोड़ 7 लाख रूपये के बजट की स्वीकृति प्रदान की गई है।
मंत्रि-परिषद द्वारा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल के अंतर्गत निर्माणाधीन 2 हजार बिस्तरीय अस्पताल के लिए पुनरीक्षित स्वीकृति राशि 479 करोड़ 27 लाख रूपये के स्थान पर 507 करोड़ 12 लाख रूपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।
संशोधन विधेयक
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 का अनुसमर्थन किया गया और विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत करने के लिये सहकारिता विभाग को अधिकृत किया। मंत्रि-परिषद द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के सुचारू संचालन के लिये केन्द्रीय सोसायटी में प्रशासक की सहायता के लिये 5 व्यक्तियों की समिति गठित किये जाने के प्रावधान का अनुसमर्थन किया गया।
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 का अनुमोदन और विधेयक को विधानसभा में पुरःस्थापित कर पारित कराने के लिये लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को अधिकृत करने का अनुसमर्थन किया।
संपत्ति का निर्वर्तन
मंत्रि-परिषद ने ग्वालियर के ग्राम डबरा में राजस्व विभाग की सर्वे क्र.- 999 वार्ड नं.- 23, स्थित भूमि परिसम्पत्ति के निर्वर्तन के लिये H-1 निविदाकार की उच्चतम निविदा राशि 1 करोड़ 54 लाख 87 हजार रूपये की संस्तुति करते हुए उसे विक्रय करने एवं H-1 निविदाकार द्वारा निविदा राशि का 100 प्रतिशत जमा करने के बाद अनुबंध/रजिस्ट्री की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा किये जाने का निर्णय लिया।
मंत्रि-परिषद ने देवास में सहकारिता विभाग की वार्ड नं-25, मध्यप्रदेश तिलहन संघ का हाउस नं. एच.आई.जी-34 स्थित भूमि एवं भवन परिसम्पत्ति जिसका नजूल भूमि सर्वे नं. 440/1 कुल रकबा 10,190 वर्गमीटर में से 226.97 वर्गमीटर है, के निर्वर्तन के लिये H-1 निविदाकार की उच्चतम निविदा राशि 1 करोड़ 36 लाख रूपये की संस्तुति करते हुए एवं H-1 निविदाकार द्वारा निविदा बोली मूल्य का 100 प्रतिशत जमा करने के बाद म.प्र. राज्य तिलहन उत्पादक सहकारी संघ के परिसमापक संयुक्त आयुक्त, सहकारिता द्वारा वर्तमान लीज़ अवधि 31 मई, 2046 तक परिसम्पत्ति के विक्रय पंजीकृत अनुबंध का संपादन तथा मध्यप्रदेश राज्य तिलहन उत्पादक सहकारी संघ द्वारा H-1 निविदाकार के पक्ष में लीज़ अन्तरण एवं उसके अनुक्रम में देवास विकास प्राधिकरण द्वारा अभिलेखों में अद्यतन कराए जाने का निर्णय लिया।
मंत्रि-परिषद ने ग्वालियर में खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग की T4, T5 वेयरहाउस, पड़ाव चौराहा स्थित भूमि एवं भवन परिसम्पत्ति जिसका खसरा क्रमांक- 304 कुल रकबा 2011.94 वर्गमीटर है, के निर्वर्तन के लिये H-1 निविदाकार की उच्चतम निविदा राशि 12 करोड़ 34 लाख 50 हजार रूपये की संस्तुति करते हुए उसे विक्रय करने और H-1 निविदाकार द्वारा निविदा राशि का 100 प्रतिशत जमा करने के उपरांत अनुबंध / रजिस्ट्री की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा किये जाने का निर्णय लिया।
डिप्टी कलेक्टर के सांख्येत्तर पदों का सृजन
मंत्रि-परिषद द्वारा तहसीलदार / अधीक्षक, भू-अभिलेख से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति के लिये आवश्यकतानुसार सांख्येत्तर पद सृजित किये जाने का निर्णय लिया गया।
अन्य निर्णय
मंत्रि-परिषद ने उच्च न्यायालय की अनुशंसा के क्रम में मध्यप्रदेश उच्च न्यायिक सेवा (भर्ती तथा सेवा की शर्तें) नियम 2017 के नियम-15 में संशोधन की अधिसूचना जारी की जाने का निर्णय लिया। “प्रतिज्ञान की शपथ” में सेवा के सदस्य के स्थान पर जिला न्यायाधीश शब्द प्रतिस्थापित किया।