एमपी में मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम
5 जनवरी को होगा निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन
- मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनुपम राजन ने बताया है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण 2023 कार्यक्रम 25 जुलाई 2022 को जारी किया गया है। इस कार्यक्रम के अनुसार 4 अगस्त से 24 अक्टूबर 2022 तक पुनरीक्षण पूर्व की कार्यवाही की जाएगी।
मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनुपम राजन ने बताया है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण 2023 कार्यक्रम 25 जुलाई 2022 को जारी किया गया है। इस कार्यक्रम के अनुसार 4 अगस्त से 24 अक्टूबर 2022 तक पुनरीक्षण पूर्व की कार्यवाही की जाएगी। 9 नवंबर को वोटर लिस्ट का प्रारंभिक प्रकाशन किया जाएगा और 8 दिसंबर तक नाम जोड़ने तथा आपत्तियों के आवेदन प्रस्तुत किये जा सकेंगे। इसी अवधि में दो शनिवार एवं दो रविवार को विशेष केम्प होंगे, जिसमें बी.एल.ओ दिन भर मतदान केन्द्र में बैठकर आवेदन पत्र प्राप्त करेंगे। 26 दिसंबर तक आवेदन-पत्रों का निराकरण होगा और 5 जनवरी 2023 की वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन होगा। विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण एक जनवरी 2023 की अर्हता तिथि को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।
पुनरीक्षण एवं पुनरीक्षण पूर्व कार्यवाही राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी के पहले पूर्ण कर ली जाएगी, जिससे राष्ट्रीय मतदाता दिवस के दिन समारोहपूर्वक नये युवा मतदाताओं को परिचय पत्र का वितरण किया जा सके।
पुनरीक्षण पूर्व कार्यवाहियों में मतदान केन्द्र में 1500 से अधिक मतदाता होने पर मतदाताओं की संख्या अनुसार डेमोग्राफिक सिमिलर एंट्री (डी.एस.ई.), फोटो सिमिलर एंट्री (पी.एस.ई.) और एपिक कार्ड की दोहरी एंट्री समाप्त करना शामिल है। साथ ही अस्पष्ट फोटो बदलना, मतदाता सूची में सेक्शन का पुनरीक्षण करना, ध्यान रखना कि परिवार के सदस्य एक स्थान पर रहे, मतदान केन्द्रों का सत्यापन कर अंतिम रूप देना, फार्मो की छपाई करना, पूरक सूचियों का एकीकरण करना और प्रारूप मतदाता सूची की तैयारी करना आदि कार्य भी शामिल हैं।
मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान इस कार्य के पर्यवेक्षण की व्यवस्था भी की गयी है। संभागीय आयुक्त मतदाता सूची प्रेक्षक होंगे। उनके द्वारा संभाग के जिलों की मतदाता सूची की जाँच की जाएगी। सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, रजिस्ट्रीकरण, अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भी कार्य का पर्यवेक्षण करेंगे।