मध्यप्रदेश विधानसभाध्यक्ष का चुनाव और राज्यपाल के अभिभाषण से विधानसभा का बजट सत्र सोमवार 22 फरवरी से शुरू
राज्यपाल ने अभिभाषण में सरकार की नीति और कार्यप्रणाली की सदन को दी जानकारी। बताया की कोरोनाकाल में सरकार ने बेहतर काम किया, समय रहते पीपीई, टेस्टिंग किट और बेड उपलब्ध कराए।
मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार 22 फरवरी 2021 से शुरू हुआ। विधान सभा पूर्वाह्न 11. 01 बजे जैसे ही समवेत हुई। सामयिक अध्यक्ष ने कहा अब, राष्ट्रगीत ‘वन्दे मातरम्’ होगा. सदस्यों से अनुरोध है कि वे कृपया अपने स्थान पर खड़े हो जाएं। सदन में राष्ट्रगीत ‘वन्दे मातरम्’ का समूहगान किया गया तत्पश्चात सामयिक अध्यक्ष ने कहाविधान सभा का यह सत्र कोविड-19 के संबंध में जागरूकता एवं संयुक्त प्रयासों से संक्रमण में राहत तथा वैक्सीन के उपयोग के निर्मित विश्वास के वातावरण में आहूत किया गया है। परन्तु अभी भी इस महामारी से बचाव हेतु पूर्ण सतर्कता और सावधानी जरूरी है। अत: हमारा यह दायित्व है कि इस वायरस के संक्रमण से बचाव के लिये सामूहिक रूप से सावधानी का पालन करते हुए संवैधानिक कर्तव्यों के निर्वहन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां पूर्ण की जायें।
सामयिक स्पीकर ने कहा सदस्यों की सुरक्षा के संबंध में विधान सभा परिसर में सदस्यों एवं संबंद्ध अधिकारियों और कर्मचारियों के लिये रैपिड टेस्ट, थर्मल स्क्रीनिंग तथा सेनीटाइजेशन आदि के साथ स्वास्थ्य परीक्षण संबंधी व्यवस्था की गयी है। साथ ही यहां सभा-भवन, समीप के स्थल एवं आसनों को सतत् सैनेटाईज किया गया है। सदन में आसनों के मध्य उपयुक्त दूरी को दृष्टिगत रखकर प्रायोगिक रूप से अभी सामान्य बैठक व्यवस्था की गयी है, परन्तु दीर्घाएं रिक्त रखी गयी हैं, जिससे आवश्यकता पड़ने पर बैठक व्यवस्था परिवर्तित की जा सकती है, सदन में सदस्यों के उपयोग हेतु मास्क, फेस कवर व सैनेटाइजर की व्यवस्था की गयी है।
सामयिक स्पीकर ने सदस्यों से अनुरोध करते हुए कहा है कि कोरोना से बचाव हेतु कृपया परस्पर दूरी एवं मापदण्ड का पालन करने के साथ सदन की कार्यवाही में भाग लेते समय मास्क का अनिवार्यत: उपयोग करें, वैकल्पिक रूप से इच्छुक सदस्यों के लिये एन.आई.सी केन्द्रों के माध्यम से वर्चुअल तथा ऑनलाईन उपस्थिति की व्यवस्था भी की गई है। इसके बाद भाजपा के के सीनियर विधायक गिरीश गौतम को मध्यप्रदेश विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया।
अध्यक्ष चुने जाने का बाद गिरीश गौतम स्पीकर मध्यप्रदेश विधानसभा ने को प्रणाम करते हुए कहा सबसे पहले मैं ईश्वर का स्मरण करता हूं। इस विधान सभा में इस आसंदी पर जो तमाम लोग बैठे हैं जिनका उल्लेख मैं बाद में करूंगा. उसके लिए मुझे मौका मिला है और नेता प्रतिपक्ष जी का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं. सभी साथियों का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि जो बीच में इस विधान सभा की परंपरा थी, जो मैंने देखा या जो मैंने सुना. उस परंपरा को बीच में कहीं ग्रहण लगा था उस ग्रहण को दूर करने का प्रयास किया गया है. उसके लिए मैं आप सबका आभारी हूं।
स्पीकर ने सबको विश्वास दिलाते हुआ कहा कि जो दायित्व मुझे सौंपा गया है. इस दायित्व के निर्वहन में मुझसे जो बन पड़ेगा वह करने का प्रयास करूंगा। इस आसंदी पर जहां पर आज मुझे बैठाया गया है, इस पर 1956 से लेकर 2020 तक कितने ही अध्यक्ष बैठे, कई हमारे सदस्य जानते हैं कई हमारे नये सदस्य हैं वह नहीं जानते हैं इसलिए मैं उनके नाम का यहां पर उल्लेख करना चाहता हूं। हमारे पंडित कुंजीलाल दुबे, श्री काशी प्रसाद पांडे , श्री तेज लाल टेंभरे , श्री गुलशेर अहमद , श्री मुकुंद सखाराव नेवालकर, श्री यज्ञदत्त शर्मा, श्री राम किशोर शुक्ला, श्री राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला , श्री बृजमोहन शर्मा, श्रीयुत्त श्रीनिवास तिवारी , श्री ईश्वरदास रोहाणी, डॉ. सीतासरन शर्मा, श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति और अभी 8 माह का जिन्होंने रिकार्ड बनाया है रामेश्वर शर्मा।
स्पीकर ने कहा अभी जो हमारे निवृत्तमान अध्यक्ष हैं जो कि इस विधान सभा में मौजूद हैं उनसे अपेक्षा कि जो जिम्मेदारी उन्हें मिली है इसमें पूर्व अध्यक्षों का मार्गदर्शक मानूंगा. इसलिए यह जिम्मेदारी मैं आपको देता हूं. मैं कहीं भटक नहीं पाऊं, आपको यह जिम्मेदारी यह मानकर दे रहा हूं कि मैं यहां पर नया हूं सीखने के लिए आया हुँ।
स्पीकर ने कहा इस विधान सभा की जो गरिमा और परंपरा रही हैं,हमारे अध्यक्षों ने जिन परंपराओं को कायम किया था, जिनके आधार पर पूरे हिन्दुस्तान के अंदर गौरवशाली परंपराओं से भरी हुई विधान सभा में गिनती होती है तो उसमें मध्यप्रदेश विधान सभा की होती है, जिन परंपराओं को हमारे पूर्ववर्ती अध्यक्षों ने कायम किया है,मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि उसमें एक भी खरोंच अपनी तरफ से नहीं लगने दूंगा, प्राण प्रण से इस बात का प्रयास करूंगा। कहीं उस पर खरोंच नहीं आने पाये. हमारी इस विधान सभा के भीतर अनुभव का पूरी तरह से भण्डार है. हमारे सदन के नेता शिवराज सिंह लोकसभा में थे, विधान सभा में हैं. हमारे नेता प्रतिपक्ष वह भी लोकसभा में थे, विधान सभा में हैं. हमारे यहां लगातार 8 बार से जीतकर आने वाले श्री गोपाल भार्गव हैं. 7 बार से जीतकर इस विधान सभा में बैठने वाले हमारे श्री विजय शाह , हमारे गोविंद सिंह हैं, हमारे करण सिंह हैं और गौरीशंकर बिसेन हैं. अब इतने अनुभवों से भरी हुई, संसदीय परम्पराओं के इतने ज्ञाता बैठे हों, तो मैं आप सबसे यही अपेक्षा करता हूं कि इस विधान सभा में जहां तक मुझे जानकारी है 90 से ज्यादा लोग नये चुनकर आये हैं। यह कोरोना महामारी के कारण जो एक वैश्विक महामारी आयी है इसके कारण विधान सभा संचालन का अवसर नहीं मिला. स्वाभाविक है जो नये लोग आये हैं उनको सीखने की इच्छा होती है. हमारे यहां जिनको अनुभव एवं ज्ञान है मैं उनसे जरूर अपेक्षा करना चाहता हूं कि हमारे जो नये साथी सदस्य जीतकर आये हैं उन साथियों को अपने अनुभवों का लाभ लेने दें और यह प्रयास करें कि वह भी संसदीय नियमों एवं परम्पराओं का ज्ञान प्राप्त करें और मैं अपनी तरफ से यह जरूर प्रयास करूंगा कि हमारे जो नये साथी जीतकर आये हैं उनको अनुभव प्राप्त हो, ज्ञान प्राप्त हो और उनको प्रशिक्षण प्राप्त हो, इस दिशा में जो अभी तक होता रहा है उसको और आगे बढ़ाने का काम करूंगा.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा जब इस आसंदी पर हूं तब निष्पक्ष हूं, बाकी मैं कई बार कहता हूं यदि मैं कहीं पैदा हुआ तो मेरे माता-पिता हैं, मैं वहां से निकलकर आया और बड़े पद पर चला गया, तो मैं अपने परिवार को, अपने माता-पिता को भूल नहीं सकता, भूलना भी नहीं चाहिये, परंतु जब यहां निर्णय के लिये बैठूं तब निश्प्रिय होकर, निष्पक्ष होकर और मेरा पक्ष क्या हो, न पक्ष का हो, न प्रतिपक्ष का हो, निष्पक्ष का पक्ष हमारा रहे, इस बात का मैं प्रयास करूंगा। उन्होंने सभी को विश्वास दिलाते हुए कहा की हमारे संसदीय ज्ञान के जो लोग यहां बैठे हैं, हमारे सदन के नेता बैठे हैं, सरकार बैठी हुई है, आपसे अपेक्षा जरूर करना चाहते हैं कि हमारे प्रतिपक्ष के लोग लगातार सवाल उठाएंगे, प्रश्न करेंगे और कई बार हास-परिहास, नोंक-झोंक भी होती है, परंतु वह चलेगा क्योंकि हम कोई मशीन, कम्प्यूटर नहीं बैठे हैं हम मनुष्य बैठे हैं, मनुष्य बैठे हैं तो यह सब चलेगा. आपसे जरूर अपेक्षा करना चाहता हूं कि इस पंक्ति को जरूर याद रखियेगा ”तुलसी संत सुअंब तरु, इनकर गति समवेत्, इतते पाहन हनत हैं, उतते वे फल देत.” यहां पर विचार मंथन करते हैं. कई बार वाद-विवाद होता है. मैं ऐसा समझता हूं कि वाद-विवाद से एक पक्ष बोलता है दूसरा सुनता नहीं, दूसरा बोलता है तो पहला नहीं सुनता, तो वाद-विवाद से कोई निर्णय या कोई परिणाम नहीं निकलता. इसलिये संवाद की, विचार मंथन की परम्परा शुरू हो इसमें सबके सहयोग की आवश्यकता होगी और विचार मंथन से आप सब जानते हैं कि मंथन से जहर एवं अमृत दोनों निकले हैं, जहर भी निकला अमृत भी निकला. प्रयास हम यह करें कि अमृत निकले और हमारे अलीराजपुर के अंतिम छोर में बसे हुए गांव को, सिंगरौली के अंतिम छोर में बसे हुए गांव को, बुरहानपुर के अंतिम छोर में बसे हुए गांव के लोगों को, हमारे मुरैना के अंतिम छोर में बसे हुए गांव के लोगों को इससे जो परिणाम और फल निकले उसका फायदा उस जनता को मिले।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा विचार मंथन से यह बातें हो सकती हैं कि जब मंथन से जहर निकलता है, तो हम अमृत निकालने का प्रयास करें, परंतु जहर भी निकले तो जहर भी वेनम हो. वह भी मनुष्य का जीवन बचाने के काम आता है. सांप काटता है तो वेनम लगाते है. इसलिये मैं फिर आपको एक बार भरोसा देता हूं और विश्वास दिलाता हूं कि मैंने जैसा पहले निवेदन किया मैं पूरी ताकत लगाकर पूरा प्रयास करूंगा कि निष्पक्षता से सदन चले. उसमें सबके सहयोग की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा यह संकल्प लेता हूं कि मैंने जो बातें कही हैं, उन सबको पूरा करने का प्रयास करूंगा. मैं आप सबको एक बार फिर से प्रणाम करता हूँ।
इसके बाद स्पीकर ने अध्यक्ष मध्यप्रदेश विधान सभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियमावली के नियम 203 (1) के अधीन कार्य मंत्रणा समिति के लिए निम्नलिखित सदस्यों को वर्ष 2021-2022 की अवधि में सेवा करने के लिए नाम-निर्दिष्ट किया। जिसमें शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री,कमलनाथ, नेता प्रतिपक्ष, नरोत्तम मिश्र, संसदीय कार्य मंत्री, जगदीश देवड़ा, वित्त मंत्री, गोपाल भार्गव, लोक निर्माण मंत्री तुलसीराम सिलावट, जल संसाधन मंत्री,भूपेन्द्र सिंह, विकास एवं आवास मंत्री बिसाहूलाल सिंह, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री,कुमारी मीना सिंह मांडवे, आदिम जाति कल्याण मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह, सदस्य के.पी. सिंह ”कक्काजू”, सदस्य ,कांतिलाल भूरिया, सदस्य सज्जन सिंह वर्मा, सदस्य,नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन.पी.), सदस्य,अध्यक्ष, विधान सभा इस समिति के पदेन सभापति होंगें ।
तत्पश्चात सदन की कार्यवाही आगे बढ़ी और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का अभिभाषण हुआ। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में यह जानकारी दी कि विश्व बैंक ओंकारेश्वर में बिजली परियोजना की सर्वे करा रही है, जो दुनिया की सबसे बड़ी परियोजना रहेगी।
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना काल में बेहतर काम किया। इस चुनौती का बेहतर तरीके से सामना किया। पीपीई किट, टेस्टिंग किट और अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के लिए बेड का प्रबंधन समय रहते किया। फ्रंट लाइन वर्कर्स और कोरोना योद्धाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जी-जान से काम किया। मजदूर सहायता योजना शुरू की गई।आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का रोडमैप लागू किया।
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में बताया की सरकार ने सीएम हेल्प लाइन योजना का विस्तार किया गया। कोरोना काल में रेहड़ी पटरी वालों का रोजगार खत्म हो गया था। सरकार ने स्ट्रीट वेंडर्स योजना लागू कर 10-10 हजार रुपए बिना ब्याज के लोन उपलब्ध कराकर उन्हें फिर से जीवन यापन का रास्ता खोला। खास है 41 मिनट 3 सेकंड के अभिभाषण में राज्यपाल ने मध्यप्रदेश सरकार की नवीनतम कार्यकर्मों तक की विस्तार से जानकारी दी।
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में में उल्लेख किया की 8 हजार करोड़ की जमीन माफिया से मुक्त कराई,384 केस भूमाफिया के खिलाफ केस दर्ज किए गए। चिटफंड कपंनियों से 700 करोड़ रुपए पीड़ितों को वापस कराए गए। सरकार ने अभियान चलाकर करीब 8 हजार करोड़ रुपए की अवैध कब्जे की जमीन मुक्त कराई है। धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम लागू किया गया। भू स्वामित्व योजना लागू की गई। जिसमें ग्रामीणों को जमीन मालिक बनाने का काम सरकार ने किया।
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में बताया की 2 हजार किमी सड़कों का निर्माण प्रदेश में रोड कनेक्टिविटी का निर्माण प्राथमिकता से किया गया। 2 हजार किलोमीटर लंबी सड़कें पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई गई है। मुख्यमंत्री कल्याण योजना शुरू कर प्रदेश के किसानों के 4-4 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। अब तक 35 लाख किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपए ट्रांसफर किए जा चुके हैं। किसानों के खातों में विभिन्न योजनाओं के तहत 83 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए। किसानों के लिए बिजली की उपलब्धता को लेकर काम किया जा रहा है 300 मेगावाट की उपलब्धता को बढ़ाया गया है।
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा की सहकारी बैंकों को दिए 800 करोड़ दिए
राज्यपाल ने कहा कि पीएम मोदी जी के नेतृत्व में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। 11 महीने पहले शुरू हुए कोरोना काल मे मेरी सरकार में आर्थिक परेशानी के बाद भी तेजी से काम किया। कोरोना होने के बाद भी सरकार ने जनहित में तेजी से काम किए। राज्य सरकार ने 1 लाख 85 हजार प्रवासी मजदूर की मदद के लिए उनके खाते में पैसे डाले गए। 51 हजार से ज्यादा लोगों का राजमिस्त्री के ट्रेनिंग दी गई है। सहकारी बैंकों को लगभग 800 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है।
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में बताया की ओंकारेश्वर में विश्व की सबसे बड़ी बिजली योजना का सर्वे किया रहा है। राज्य सरकार ने वर्ष 2025 तक प्रदेश में 65 लाख हैक्टेयर क्षेत्र को सिंचित करने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश के 20 जिलों में स्वामित्व योजना के तहत काम शुरू हो चुका है। प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा में 10 गुना वृद्धि हुई है।
डॉ. सीतासरन शर्मा सदस्य भाजपा ने प्रस्ताव रखा की ‘राज्यपाल ने जो अभिभाषण दिया उसके लिये मध्यप्रदेश की विधान सभा के इस सत्र में समवेत सदस्यगण अत्यंत कृतज्ञ हैं जिसका बहादुर सिंह चौहान सदस्य बीजेपी ने समर्थन किया।
स्पीकर ने सदन को बताया की राज्यपाल ने जो अभिभाषण दिया उसके लिये मध्यप्रदेश की विधान सभा के इस सत्र में समवेत सदस्यगण अत्यंत कृतज्ञ हैं ।” राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के लिये स्पीकर ने दिनांक 24 एवं 25 फरवरी, 2021 निर्धारित की है ।
जो सदस्य कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव में संशोधन देना चाहते हों, वे आज दिनांक 22 फरवरी, 2021 को सायंकाल 5.00 बजे तक विधान सभा सचिवालय में दे सकते हैं ।
अध्यक्ष ने इसके बाद अपराह्न 1.19 बजे विधान सभा की कार्यवाही मंगलवार, दिनांक 23 फरवरी, 2021 प्रात: 11.00 बजे तक के लिए स्थगित की।