मध्यप्रदेश में 26 सितम्बर तक हो प्रथम डोज़ का शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
15 सितम्बर को डेंगू के विरूद्ध विशेष अभियान
मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रदेशवासियों के साथ शामिल होंगे डेंगू नियंत्रण गतिविधियों में
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की कम वैक्सीन वाले जिलों और डेंगू प्रभावित जिलों की समीक्षा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में 26 सितम्बर तक प्रथम डोज़ का शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन पूर्ण किया जाए। सभी पात्र व्यक्तियों के टीकाकरण के लिए वोटर लिस्ट को आधार बनाया जाए। गाँव तथा वार्डों से जो व्यक्ति रोजगार के सिलसिले में बाहर गये हैं उनकी जानकारी दर्ज कर शेष सभी व्यक्तियों को वैक्सीन की प्रथम डोज लगाना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि डेंगू से बचाव के उपायों की जानकारी जन-जन तक पहुँचाने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान स्वयं 15 सितम्बर को प्रात: 10 से 10:30 बजे के बीच डेंगू के विरूद्ध इस अभियान में फॉगिंग, लारवा नष्ट करने, जल जमाव को खाली करने जैसी डेंगू से बचाव और नियंत्रण संबंधी गतिविधियों में भाग लेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग से कम वैक्सीनेशन और डेंगू प्रभावित जिलों के कलेक्टरों से वर्चुअली चर्चा कर रहे थे। निवास पर आयोजित बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सलमान तथा स्वास्थ्य आयुक्त श्री आकाश त्रिपाठी उपस्थित थे।
17 जिलों के कलेक्टरों से पूछा कम टीकाकरण का कारण
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 70 प्रतिशत से कम वैक्सीनेशन वाले जिलों सतना, श्योपुर, भिण्ड, धार, रीवा, सीधी, खरगौन मंडला, मुरैना, कटनी, बालाघाट, छिन्दवाड़ा, शिवपुरी, सिंगरोली, बड़वानी, अलीराजपुर और बैतूल के कलेक्टरों से टीकाकरण में कमी के कारणों पर चर्चा की। सतना कलेक्टर ने कहा कि टीके की डोज पर्याप्त है पर सिरींज कम मिल पाने के कारण टीकाकरण प्रभावित हुआ है। छिंदवाड़ा कलेक्टर ने बताया कि पोला, तीजा आदि त्यौहारों से टीकाकरण की गति प्रभावित हुई है। बैतूल कलेक्टर ने कहा कि त्यौहारों के साथ अधिक वर्षा ने टीकाकरण को प्रभावित किया है। साथ ही डेंगू तथा अन्य मौसमी बुखार के कारण कुछ प्रकरणों में टीकाकरण को लंबित किया गया है। मण्डला कलेक्टर ने बताया कि टीकाकरण अभियान को गति देने के लिए वन विभाग की टीमों को भी लगाया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अब तक 75 प्रतिशत पात्र नागरिकों को प्रथम डोज तथा 17 प्रतिशत नागरिकों को वैक्सीन का द्वितीय डोज लग चुका है।
डोज और सिरींज की समान उपलब्धता सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जन्म-दिवस 17 सितम्बर को पूरे प्रदेश में वैक्सीनेशन महाअभियान संचालित किया जाए। प्रयास यह हो कि प्रदेश के शत-प्रतिशत पात्र नागरिकों को वैक्सीन का प्रथम डोज 17 सितम्बर को लग जाए। जो व्यक्ति शेष रहें उनका भी वैक्सीनेशन 26 सितम्बर तक अनिवार्यत: सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि दिव्यांग और वरिष्ठ जन का वैक्सीनेशन उनके घरों पर करने के लिए जिला कलेक्टर ग्राम और वार्ड स्तर तक आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करें। सभी जिलों में आवश्यकतानुसार वैक्सीन उपलब्ध कराई जाए और वैक्सीन की डोज के अनुपात में ही जिलों को सिरींज प्राप्त हो। डोज और सिरींज की उपलब्धता के मिस मैच के कारण टीकाकरण प्रभावित नहीं होना चाहिए।
शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए जनता की भागीदारी आवश्यक
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने के अभियान में क्राइसिस मैनेंजमेंट कमेटियों और जन-प्रतिनिधियों को प्रत्येक स्तर पर जोड़ा जाए। टीकाकरण जनता का, जनता द्वारा जनता के लिए अभियान है। यह भाव शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए आवश्यक है।
प्रदेश में डेंगू के 2200 केस
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने डेंगू से सर्वाधिक प्रभावित जिलों मंदसौर, जबलपुर, रतलाम, आगर- मालवा, भोपाल, छिंदवाड़ा और इंदौर के कलेक्टरों से भी चर्चा की। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में डेंगू के 2200 केस विद्यमान हैं। भोपाल कलेक्टर ने बताया कि शहर के 11 वार्डों में डेंगू के प्रकरण हैं। नियंत्रण के लिए सघन फॉगिंग और लारवा नष्ट करने का कार्य जारी है। घरों में जल भराव मिलने पर जुर्माना भी किया जा रहा है। बैठक में जिलों के कलेक्टरों ने बताया कि जागरूकता अभियान और डेंगू से बचाव तथा नियंत्रण के लिए गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। इलाज के लिए भी आवश्यक व्यवस्था की गई है।
डेंगू होने के कारणों की जड़ पर प्रहार आवश्यक
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि डेंगू होने के कारणों की जड़ पर प्रहार आवश्यक है। डेंगू से बचाव के लिए अपनाई जाने वाली सावधानियाँ जैसे जल-जमाव न होने, मच्छर का लारवा नष्ट करने, साफ-सफाई रखने जैसी गतिविधियाँ जनता को साथ लेकर ही चलाई जा सकती हैं। जागरूकता और अवश्यक सावधानियों का पालन कर डेंगू से बचा जा सकता है। हमारा प्रयास यह हो कि सर्तकता और जागरूकता से ही डेंगू से बचाव हो और इलाज की नौबत ही न आए।
जिला चिकित्सालों में डेंगू रोगियों के लिए 10 बिस्तर का वार्ड
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नगरीय निकाय, आशा कार्यकर्ता, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता लारवा सर्वे और फॉगिंग के कार्य को सघनता पूर्वक संचालित करें। प्लेटलेट जाँच के लिए किट की पर्याप्त व्यवस्था हो। बैठक में जानकारी दी गई कि सभी शासकीय चिकित्सालयों में बुखार के रोगियों के लिए फीवर क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। डेंगू के रोगियों के उपचार के लिए सभी जिला चिकित्सालयों में 10 बिस्तर का आइसोलेशन वार्ड भी संचालित किया जा रहा है।