मध्यप्रदेश के जिन विद्यार्थियों में टेलेंट है, वे अर्थाभाव में पढ़ाई से नहीं रहेंगे वंचित

– मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 2 लाख 40 हजार विद्यार्थियों के खातों में 331 करोड रुपए की छात्रवृत्ति सिंगल क्लिक से की अंतरित
विद्यार्थियों से किया वुर्चअल संवाद
विद्यार्थियों ने कहा – राज्य सरकार की सहायता ने किए हमारे सपने साकार

 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिन विद्यार्थियों में टेलेंट है, जो पढ़ाई में अच्छे हैं और प्रतिभा सम्पन्न हैं, वे पैसे की कमी के कारण पढ़ाई से वंचित नहीं रहेंगे। राज्य सरकार ने ऐसे बच्चों को पढ़ाई के हर स्तर पर मदद करने के लिए विभिन्न योजनाएँ बनाई हैं। संबल योजना भी इसी उद्देश्य से बनाई गई है, जिससे हमारे गरीब परिवारों के प्रतिभाशाली बच्चे भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपना सपना साकार कर सकें। मुख्यमंत्री श्री चौहान दो लाख 40 हजार विद्यार्थियों के खातों में 331 करोड़ रुपए की पिछड़ा वर्ग पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति सिंगल क्लिक से अंतरित करने के बाद विद्यार्थियों से वर्चुअली संवाद कर रहे थे। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री श्री राम खेलावन पटेल, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव श्री अशोक वर्णवाल तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मण्डला, सीहोर, उज्जैन, देवास और सीधी के विद्यार्थियों से वर्चुअली संवाद किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विद्यार्थियों को होली और रंगपंचमी की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि भविष्य के प्रति सकारात्मक रहना और अपने लक्ष्य के प्रति उत्साह से प्रयास करने से ही सफलता प्राप्त होती है। यह वास्तविकता है कि किसानों की आय इतनी अधिक नहीं होती कि वे पढ़ाई-लिखाई पर अधिक खर्च कर सकें। मजदूर परिवारों से आए बच्चों के सम्मुख भी यह समस्या है। आप मेहनत करें, लक्ष्य के प्रति समर्पित रहें, राज्य सरकार आपका साथ देगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस वर्ष 703 करोड़ रुपये स्कॉलरशिप के रूप में दिये जायेंगे। कोरोना काल में व्यवस्था प्रभावित हुई थी, लेकिन अब विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति की राशि प्राप्त होगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान से वर्चुअल संवाद में पीएचडी कर व्याख्याता बनने की इच्छुक एम.ए. अर्थशास्त्र की सीधी जिले की छात्रा सुश्री सोनिका यादव ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं के परिणाम स्वरूप ही हम यहाँ तक पढ़ाई कर पाए हैं। सीहोर जिले के बुधनी में लकड़ी के खिलौने बनाने वाले श्री सुजान विश्वकर्मा के पुत्र श्री शुभम विश्वकर्मा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) कोलकाता से एमबीए कर रहे हैं। राज्य शासन द्वारा उनकी 11 लाख 54 हजार 500 रूपए की फीस का भुगतान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान से संवाद में शुभम के पिता श्री सुजान विश्वकर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की सहायता के बिना शुभम का यह सपना साकार नहीं हो पाता।

मुख्यमंत्री श्री चौहान को मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर रहे देवास के श्री अभिषेक विश्वकर्मा ने बताया कि उनके पिता मजदूर हैं। राज्य शासन से प्राप्त छात्रवृत्ति के भरोसे ही उनकी बी.ई करने की योजना है। उज्जैन की सुश्री पल्लवी बैरागी बी.एस.सी. सांख्यिकी की छात्रा हैं। वे यूपीएससी की परीक्षा देकर आईएएस बनना चाहती हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सुश्री पल्लवी से कहा कि जो लक्ष्य तय कर समर्पित भाव से मेहनत करते हैं, उन्हें सफलता अवश्य मिलती है। मंडला जिले के किसान परिवार की सुश्री अंजलि यादव नर्सिंग का कोर्स कर रही हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सुश्री अंजलि को इस सेवाभाव के कार्य में जाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि पीड़ित मानवता की सेवा बड़ा संकल्प है। खूब सेवा करें और यशस्वी हों।

पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग प्रतिवर्ष लगभग छह लाख से अधिक विद्यार्थियों को पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति का वितरण करता है। यह छात्रवृत्ति, स्नातक, स्नातकोत्तर तथा तकनीकी एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को दी जाती है। छात्रवृत्ति विद्यार्थियों के एकल बैंक खातों में जारी की जाती है। जिन विद्यार्थियों के माता-पिता और अभिभावकों की समस्त स्त्रोतों से वार्षिक आय 3 लाख रूपये से कम है, वे छात्रवृत्ति के लिए पात्र हैं। साथ ही लगभग 32 लाख से अधिक बच्चों को प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति का वितरण स्कूल शिक्षा विभाग के माध्यम से किया जाता है।

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