मध्यप्रदेश के आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग श्री बसंत प्रताप सिंह ने जानकारी दी है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के पालन में मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष 2021-22 के लिए जारी कार्यक्रम के अंतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पंच, सरपंच, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत सदस्य के पदों की निर्वाचन प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार अन्य पदों के लिए निर्वाचन की प्रक्रिया राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार जारी रहेगी।
श्री सिंह ने कहा है कि आज सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर विचार के लिए अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पूर्व में के. कृष्णमूर्ति एवं विकास किशन राव गवली प्रकरण में दिए गए निर्णय का भी अध्ययन किया गया। श्री सिंह ने बताया कि राज्य सरकार को पत्र लिख रहे हैं कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों के संबंध में रि-नोटिफाई करने की कार्रवाई एक सप्ताह में कर आयोग को सूचित करें, जिससे इन स्थानों पर यथाशीघ्र निर्वाचन करवाया जा सके। उन्होंने बताया कि आरक्षण के संबंध में कार्यवाही का अधिकार राज्य सरकार को है।
श्री सिंह ने कहा है कि जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि 17 दिसंबर 2021 तक अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों द्वारा उनके लिए आरक्षित पदों के लिए जो नाम निर्देशन-पत्र प्रस्तुत किए गए हैं, उन्हें सुरक्षित रखा जाए। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए जिला पंचायत सदस्य के 155, जनपद पंचायत सदस्य के 1273, सरपंच के 4058 और पंच के 64 हजार 353 पद आरक्षित हैं।
बैठक में सचिव राज्य निर्वाचन आयोग श्री बी.एस. जामोद, ओएसडी श्री दुर्ग विजय सिंह एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।