मध्यप्रदेश विधानसभा साप्ताहिक समीक्षा:-
मध्यप्रदेश विधानसभा मे में 8 और 9 मार्च को प्रश्नकाल के दौरान काफी बहस हुई ,शून्यकाल में अनेक सदस्यों की सूचनाएं पढ़ी हुई मानी गईं। कई सदस्यों की याचिकाओं की प्रस्तुति के साथ सदन में उनके ध्यानाकर्षणों पर गंभीर चर्चा हुई इसके आलावा विभिन्न मंत्रियों द्वारा अपने-अपने विभागों से संबंधित पत्रों को पटल पर रखा गया। सदन में शासकीय काम-काज और विधि विषयक कार्य भी संपन्न हुए। सदन में कांग्रेस सदस्यों ने कई बार सदन की कार्यवाही से बहिर्गमन किया। आसंदी को शोरगुल होने के कारण विधानसभा की कार्यवाही को कुछ -कुछ समय के लिए स्थगित करना पढ़ा। सदन में कई मर्तबा नोकझोंक और आपसी संवाद के दृश्य देखने को मिले। अवकाश अंतराल के बाद मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 15 मार्च से पुनः चालू होगा।
मध्यप्रदेश विधानसभा मे बजट सत्र की कार्यवाही पिछले दिनों की अपेक्षा शांतिपूर्ण ढंग से और सुचारू रूप से चली। विधानसभा की कार्यवाही 8 और 9 मार्च को चली जबकि विधानसभा को 10 मार्च को भी लगना था लेकिन सदन की सहमति से 10 मार्च का अवकाश रहा। इस कारण विधानसभा की कार्यवाही 2 दिन चली, इन दो दिनों में सदन में पहले दिन यानि सोमवार 8 मार्च को प्रश्नकाल 10 सवालों तक चला। इन सवालों का संबंधित मंत्रियों ने समाधानकारक उत्तर देते हुए सरकार की नीति, योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में सदस्यों को अवगत कराया।
मध्यप्रदेश विधानसभा,सोमवार, दिनांक 8 मार्च, 2021 को जैसे ही समवेत हुई,विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्यवाही प्रारंभ करते हुए प्रश्नोत्तर काल की कार्यवाही शुरू की करते ही सदन में अंतर्राषट्रीय महिला दिवस पर शुभकामना उल्लेख का विषय आया गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने कहा आज मार्शल के रूप में आपके न्याय के दण्ड को लेकर, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर, महिला मार्शल को साथ में लाये हैं. एक नई परंपरा आपने डाली है। आज मुख्यमंत्री ने भी महिला सफाई कर्मियो तथा महिला पत्रकारों के साथ मिलकर एक अद्भुत संदेश देने का कार्य किया है. मैंने भी गृह मंत्री की कुर्सी पर हमारी महिला कांस्टेबल बिटिया को बैठाया. इस तरह से एक संदेश देने की कोशिश की. हमारा यह भारत देश है. यहां की संस्कृति ऐसी है कि यहां पर नारी को पूजा जाता है. कहा जाता है कि यत्र नारी पूज्यंते रमंते तत्र देवता. या नारी का सम्मान जहां पर है, संस्कृति का उत्थान वहां है।
विश्व में एक मात्र भारत देश ऐसा है जो कि अपनी भूमि को भारत माता के नाम से पुकारता है. इस तरह का विश्व में कोई देश नहीं है
इसके बाद सभापति श्रीमती झूमा सोलंकी ने तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर के तहत सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए प्रश्न क्रमांक एक से प्रश्नकाल शुरू किया था सदस्य श्री मेवाराम जाटव ने अपने प्रश्न के पूरक प्रश्न में जानना चाहा कि विधान सभा क्षेत्र मेहगांव, जिला भिण्ड से संबंधित है, इसमें शासकीय हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूलों के स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी चाही थी. जिसके उत्तर में मंत्री ने बताया कि 562 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 125 पद रिक्त हैं तथा 5 शासकीय हाई स्कूल ऐसे हैं जो कि भवन विहीन हैं,इन रिक्त पदों को कब तक भरा जाएगा एवं भवन विहीन शालाओं के भवन हेतु स्वीकृति कब तक प्रदान की जाएगी।
इसके जबाव में मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार बताया ने बताया की शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया के निर्देश हम जारी करने वाले हैं. अगले सत्र में हम वेरीफिकेशन का काम और बाकी प्रक्रिया पूरी करेंगे। हमारी मध्यप्रदेश सरकार की “सीएम राइज योजना” है उसके तहत छंटनी का कार्यक्रम चल रहा है, उसमें कौन-कौन से स्कूल क्राइटेरिया के अनुसार आने वाले हैं उन स्कूलों को पात्रता के अनुसार पहले उसमें हम भवन की प्रक्रिया पूरी करेंगे, क्योंकि जहां तक भवन की राशि का प्रश्न आता है वह बजट में आवंटन के आधार पर मिलता है. उसको हम एक नये रुप में प्रारम्भ करने जा रहे हैं. पूरे प्रदेश में एक नयी व्यवस्था बनाने का प्रयास शुरु करने जा रहे हैं, उसमें जो-जो स्कूल आते जाएंगे, हम प्राथमिकता के साथ में उन भवनों को और स्वीकृति में लाते जाएंगे।
राजगढ़ जिलांतर्गत संचालित दुग्ध सहकारी समितियां से संबंधित दूसरा सवाल कुँवरजी कोठार ने किया जिसके उत्तर में राज्य के पशुपालन मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा की राजगढ़ जिला अंतर्गत दुग्ध शीतकेन्द्रों के पंजीयन की और सहकारिता विभागांतर्गत पंजीकृत दुग्ध सहकारी समिति के पंजीयन की जानकारी सदस्य को उपलब्ध करा दी गई है। दुग्ध सहकारी समितियों के लिए पंजीयन आवश्यक नहीं है। राजगढ़ जिले में संचालित दुग्ध शीतकेन्द्र हेतु प्रदूषण बोर्ड से अनुमति प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलन में है समिति स्तर पर दूध की गुणवत्ता की जाँच दुग्ध समिति के प्रशिक्षित टेस्टर एवं सचिव द्वारा की जाती है, किसानों,ग्रामीणों द्वारा उत्पादित दूध की जाँच एवं गुणवत्ता का निर्धारण दुग्ध समिति स्तर पर प्रशिक्षित टेस्टर एवं सचिव द्वारा निर्धारित मानकों के विरूद्ध की जाती है। डेयरी गतिविधियों के सर्वेक्षण विस्तार एवं विकास का कार्य दुग्ध संघ द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों द्वारा संपादित किया जाता है। शीतकेन्द्र पर संकलित दूध का पुन: गुणवत्ता का परीक्षण किया जाता है।
सदस्य श्री बैजनाथ कुशवाह ,श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर श्री ब्रह्मा भलावी ,श्री धरमू सिंग सिरसाम, डॉ. अशोक मर्सकोले,श्री पाँचीलाल मेड़ा,डॉ. हिरालाल अलावा,श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा,श्री दिलीप सिंह परिहार,श्री जालम सिंह पटैल के तारांकित प्रश्नों के लिखित और मौखिक उत्तर संबंधित मंत्री पशुपालन मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ,वन मंत्री श्री कुंवर विजय शाह,राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा श्री इन्दर सिंह परमार, जनजातीय कार्य मंत्री सुश्री मीना सिंह माण्डवे,राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण श्री रामखेलावन पटेल ने दिए।
मंत्रीगण ने सदस्यों के सवालों के समाधानकारक जबाव देते हुए सरकार की जनहित कारी जानकारी भी दी।
सदन में अन्य दिनों की अपेक्षा प्रश्नकाल में दस सवालों के जबाव हुए।
इसके बाद शून्यकाल में मौखिक उल्लेख करते हुए संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने प्वाइंट ऑफ आर्डर उठाया था.इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच में नोकझोंक हुई जब सदन में शोरगुल होने लगा तो आसंदी ने विधान सभा की कार्यवाही 05 मिनट के लिये स्थगित की।
सदन पुनः चालू होते ही मध्यप्रदेश विधान सभा में मुख्यविपक्षीदल कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष श्री कमलनाथ ने कहा की यह प्रश्न इस सदन के सम्मान का, विधायकों के सम्मान का है. विधान सभा और विधायकों के सम्मान का इतिहास है. हर हाऊस, लोक सभा हो या राज्यों की विभिन्न विधान सभाएं हों, सबसे बड़े रक्षक हम खुद होते हैं, विधायकों के सम्मान के लिये. उस तरफ का हो या इस तरफ का, अगर हम एक-दूसरे का सम्मान नहीं करेंगे तो बाकी कौन सम्मान करेगा और इसमें शासन की प्रथम जिम्मेदारी होती है कि इस साईड के विधायक हों, उस साईड के विधायक हों दोनों के सम्मान की रक्षा करे. तभी यह जो हमारी बनी हुई एक परम्परा है. विधायकों का यदि हम आर्डर ऑफ़ प्रेसिडेन्स देखें. हम विधायकों के सम्मान का इतिहास देखें. हम सब गुजरे हैं इससे. यह परम्परा हमें कायम रखनी चाहिये. यही मेरा सबसे निवेदन है।
इस पर राज्य के संसदीय कार्य मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्र ने कहा नेता प्रतिपक्ष ने बहुत सही विषय की ओर ध्यान आकर्षित किया है. मैंने प्रारम्भ में भी कहा था कि यह शासन की व्यवस्था नहीं है. इस परिसर के अंदर अध्यक्ष की व्यवस्था चलती है. नेता प्रतिपक्ष, अध्यक्ष जैसा तय करेंगे उसमें सभी की सहमति है उसमें किसी की असहमति है ही नहीं. सदस्यों के सम्मान का पूरा ध्यान रखा जायेगा. मैं अभी तक नहीं समझ पाया कि इस गेट की जगह उस गेट से आएंगे तो सम्मान में वृद्धि कैसे होगी और कमी कैसे होगी. हम जिस गेट से आते हैं ये सारे विधायक उस गेट से आ जाएंगे हम उस गेट से आ जाएंगे जिससे विधायक आते हैं. हमें इसमें भी कोई आपत्ति नहीं. जैसी परम्परा नेता प्रतिपक्ष ने लोकसभा में देखी हो बहुत अनुभवी हैं. मैंने उस दिन भी कहा था कि बहुत अनुभवी नेता प्रतिपक्ष हमें मिले हैं. आप अध्यक्ष के साथ तय करें हमारी सहमति है, हमारी असहमति कहीं है ही नहीं।
तत्पश्चात सदन श्री दिलीप सिंह गुर्जर,इंजी.प्रदीप लारिया,श्री दिलीप सिंह परिहार, श्री बहादुर सिंह चौहान श्री देवेन्द्र पटेल
श्री आलोक चतुर्वेदी,श्री प्रणय प्रभात पाण्डे,श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा,श्री शरद जुगलाल कोल कर श्री संजय यादव सदस्य की शून्यकाल की सूचनाएं सदन में पढ़ी हुई मानी गईं।
इसके बाद राज्य के अनेक मंत्रियों द्वारा अपने अपने विभाग से सम्बंधित पत्रों को पटल पर रखा।
बाद में सदस्य श्रीमती गायत्री राजे पवार ने देवास विधान सभा क्षेत्र में नर्मदा काली सिंध परियोजना के तहत माइक्रो लिफ्ट सिंचाई योजना का लाभ न दिया जाना का मामला पहले ध्यान आकर्षण सूचना के जरिये उठाया। इसका जबाव देते हुए राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास श्री भारत सिंह कुशवाह ने बताया की नर्मदा क्षिप्रा बहुउद्देशीय एवं नर्मदा कालीसिंध परियोजना का जिक्र किया है. सदस्या को मैं यह बताना चाहूंगा कि नर्मदा क्षिप्रा में देवास जिले का कोई क्षेत्र नहीं आता है. दूसरा, कालीसिंध का जो आपने जिक्र किया है उसमें लगभग 53 प्रतिशत काम उस परियोजना का हो चुका है, इसलिए दोनों परियोजनाओं से आपका क्षेत्र जोड़ा जाना संभव नहीं है. यदि सदस्य चाहें तो तीसरे विकल्प के तौर पर आप कोई सुझाव दें हम अन्य जगह से उसका परीक्षण करके सर्वे का कार्य करा लेंगे.
दूसरे ध्यान आकर्षण सूचना के द्वारा सदस्य श्री पी.सी. शर्मा भोपाल दक्षिण-पश्चिम ने भोपाल शहर में स्मार्ट सिटी का प्रोजेक्ट चल रहा है यह मेरी विधान सभा में है. यह प्रोजेक्ट पहले शिवाजी नगर और तुलसी नगर में बनना था, इसके बाद वहां जब जन आक्रोश हुआ तो यह शिफ्ट हुआ, मुख्यमंत्री जी ने घोषणा की कि यह नॉर्थ टी.टी. नगर में होगा, लेकिन नॉर्थ टी.टी. नगर के साथ-साथ साऊथ टी.टी.नगर को भी उसमें ले लिया गया. इसमें सबसे बड़ी परेशानी यह है कि जवाहर चौक और स्मार्ट रोड से जिन लोगों को हटाया है, जो अभी आपने कहा कि उनको ट्रांजिट कैम्प में दे दिया गया है, लेकिन इनको 2-3 साल हो गये हैं इनके पूरे आश्रय पत्र और एचएफए हैं, जिनको प्रधान मंत्री आवास योजना में मकान मिलना था, यह आपने ठीक कहा कि जो लोग वहां से हैं उनको ट्रांजिट कैम्प में डाल दिया, लेकिन उनको इतना समय हो गया और जहां पर यह लोग रह रहे हैं वहां एक जगह पार्किंग के लिये है, क्योंकि वह स्लम एरिया है, हस्थनाथ नगर, प्रताप नगर पूरा का पूरा, तो वहां एक पार्किंग डेव्हलप होनी थी, वह डेव्हलप नहीं हो पाई, जिससे सड़क पर, स्मार्ट रोड पर लोगों की गाडि़यां खड़ी होती हैं, क्योंकि और कोई जगह नहीं है, दूसरा यह हुआ कि जो आर्कब्रिज बना है उस आर्कब्रिज की वजह से सिविल लाईन में जहां मुख्यमंत्री जी और पूर्व मुख्यमंत्री जी के निवास तरफ रास्ता जाता है वहां हमेशा जाम लगा रहता है क्योंकि जो मुझे जानकारी है वहा अंडरब्रिज बनना था. दूसरी बात जो बुलवर्ड रोड है, जो जवाहर चौक से गुमटियां हटी थीं उनको निश्चित तौर पर आपने जिन लोगों की संख्या बताई उनको वहां पर किया गया है लेकिन उसमें बहुत से लोगों के छूट गये हैं, उनके आश्रय पत्र मेरे पास हैं और इन लोगों को जब मैं मंत्री था, कमलनाथ जी की सरकार थी तब भी यह प्रोजेक्ट चल रहे थे, 10-10 हजार रुपये जनसंपर्क निधि से मैंने उनको दिये थे. उसके बाद लॉक डाउन हो गया. आपने जितनी भी बातें यहां पर कहीं हैं एक-एक हम उसका पूरा परीक्षण कराएंगे और परीक्षण करवाकर जितना बेहतर से बेहतर हो सकता है क्योंकि यह निश्चित रुप से व्यवस्थापन अच्छा होना चाहिए. आप भी यही चाहते हैं, हम भी यहीं चाहते हैं. जितना बेहतर से बेहतर उनके लिये कर सकते हैं, जरुर करेंगे. माननीय आरिफ भाई ने जो कहा है यह बात सही है कि ट्रांजिट हाउस जो है वह एक अस्थाई व्यवस्था है और जो सुविधाएं जितनी अच्छी होना चाहिए, वह नहीं होती हैं. यह स्वाभाविक है और अस्थायी है. इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं कि उनके लिए भी हम लोग जल्दी स्थायी आवास की व्यवस्था कर सकें. उसके लिए हम लोग प्रयास कर रहे हैं, जिससे उनको कठिनाई न हो।
इसका जबाव राज्य के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने दिया।
8 मार्च को तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर के तहत सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए प्रश्न क्रमांक एक से प्रश्नकाल शुरू किया था सदस्य श्री मेवाराम जाटव ने अपने प्रश्न के पूरक प्रश्न में जानना चाहा कि विधान सभा क्षेत्र मेहगांव, जिला भिण्ड से संबंधित है, इसमें शासकीय हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूलों के स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी चाही थी. जिसके उत्तर में मंत्री ने बताया कि 562 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 125 पद रिक्त हैं तथा 5 शासकीय हाई स्कूल ऐसे हैं जो कि भवन विहीन हैं,इन रिक्त पदों को कब तक भरा जाएगा एवं भवन विहीन शालाओं के भवन हेतु स्वीकृति कब तक प्रदान की जाएगी।
इसके जबाव में मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार बताया ने बताया की शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया के निर्देश हम जारी करने वाले हैं. अगले सत्र में हम वेरीफिकेशन का काम और बाकी प्रक्रिया पूरी करेंगे। हमारी मध्यप्रदेश सरकार की “सीएम राइज योजना” है उसके तहत छंटनी का कार्यक्रम चल रहा है, उसमें कौन-कौन से स्कूल क्राइटेरिया के अनुसार आने वाले हैं उन स्कूलों को पात्रता के अनुसार पहले उसमें हम भवन की प्रक्रिया पूरी करेंगे, क्योंकि जहां तक भवन की राशि का प्रश्न आता है वह बजट में आवंटन के आधार पर मिलता है. उसको हम एक नये रुप में प्रारम्भ करने जा रहे हैं. पूरे प्रदेश में एक नयी व्यवस्था बनाने का प्रयास शुरु करने जा रहे हैं, उसमें जो-जो स्कूल आते जाएंगे, हम प्राथमिकता के साथ में उन भवनों को और स्वीकृति में लाते जाएंगे।
राजगढ़ जिलांतर्गत संचालित दुग्ध सहकारी समितियां से संबंधित दूसरा सवाल कुँवरजी कोठार ने किया जिसके उत्तर में राज्य के पशुपालन मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा की राजगढ़ जिला अंतर्गत दुग्ध शीतकेन्द्रों के पंजीयन की और सहकारिता विभागांतर्गत पंजीकृत दुग्ध सहकारी समिति के पंजीयन की जानकारी सदस्य को उपलब्ध करा दी गई है। दुग्ध सहकारी समितियों के लिए पंजीयन आवश्यक नहीं है। राजगढ़ जिले में संचालित दुग्ध शीतकेन्द्र हेतु प्रदूषण बोर्ड से अनुमति प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलन में है समिति स्तर पर दूध की गुणवत्ता की जाँच दुग्ध समिति के प्रशिक्षित टेस्टर एवं सचिव द्वारा की जाती है, किसानों,ग्रामीणों द्वारा उत्पादित दूध की जाँच एवं गुणवत्ता का निर्धारण दुग्ध समिति स्तर पर प्रशिक्षित टेस्टर एवं सचिव द्वारा निर्धारित मानकों के विरूद्ध की जाती है। डेयरी गतिविधियों के सर्वेक्षण विस्तार एवं विकास का कार्य दुग्ध संघ द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों द्वारा संपादित किया जाता है। शीतकेन्द्र पर संकलित दूध का पुन: गुणवत्ता का परीक्षण किया जाता है।
सदस्य श्री बैजनाथ कुशवाह ,श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर श्री ब्रह्मा भलावी ,श्री धरमू सिंग सिरसाम, डॉ. अशोक मर्सकोले,श्री पाँचीलाल मेड़ा,डॉ. हिरालाल अलावा,श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा,श्री दिलीप सिंह परिहार,श्री जालम सिंह पटैल के तारांकित प्रश्नों के लिखित और मौखिक उत्तर संबंधित मंत्री पशुपालन मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ,वन मंत्री श्री कुंवर विजय शाह,राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा श्री इन्दर सिंह परमार, जनजातीय कार्य मंत्री सुश्री मीना सिंह माण्डवे,राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण श्री रामखेलावन पटेल ने दिए।
मंत्रीगण ने सदस्यों के सवालों के समाधानकारक जबाव देते हुए सरकार की जनहित कारी जानकारी भी दी।
मध्यप्रदेश विधानसभा,मंगलवार , दिनांक 9 मार्च, 2021 को जैसे ही समवेत हुई,विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्यवाही प्रारंभ करते हुए प्रश्नोत्तर काल की कार्यवाही शुरू की दूसरे दिन यानि मंगलवार 9 मार्च को तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर के तहत 11 प्रश्नों तक ही सदन में सवाल जवाब हो सके। इस बीच हास्य—परिहास के साथ स्पीकर ने व्यवस्था भी दी। तारांकित प्रश्नों के जवाब देते हुए पंचायत मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने अपने विभागों से संबंधित सवालों के उत्तर दिये। सदन में इस दौरान मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रश्नकाल में बर्हिगमन भी किया। इसके बाद 10 सदस्यों की शून्यकाल की सूचनाएं सदन में पढ़ी हुई मानी गई। शून्यकाल के दौरान भी कांग्रेस ने सदन से बर्हिगमन किया। नागदा स्थित उद्योगों द्वारा ठेका श्रमिकों को कार्य से बाहर किये जाने का मामला उठाया दिलीप सिंह गुर्जर सदस्य के ध्यानाकर्षण का जवाब श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने दिया।
श्री आशीष गोविंद शर्मा ने देवास जिला अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग के लिये अधिग्रहित भूमि का मुआवजा निर्धारण में हुई अनियमितता का मामला अपनी ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए उठाया। जिसका राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने जवाब दिया।
स्पीकर ने मांगों का प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार दिनांक 15 मार्च 2021 को प्रात: 11.00 बजे तक के लिये स्थगित की।