एमपी के विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल जिलों में बनेंगे 50 सामुदायिक भवन
जन-जातीय क्षेत्रों की शालाओं में 370 कक्षाओं को बनाया जा रहा है स्मार्ट क्लॉस
प्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया एवं सहरिया बहुल जिलों में इन समुदायों की सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन के लिये 14 जिलों में 50 सामुदायिक केन्द्रों की स्थापना की जा रही है।
संभाग स्तर पर जबलपुर, ग्वालियर एवं शहडोल मुख्यालय में 2 करोड़ रुपये प्रति भवन की लागत से सामुदायिक भवन तैयार किये जा रहे हैं। इसके लिये जन-जातीय कार्य विभाग द्वारा 6 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। जिला स्तर पर बनने वाले 10 सामुदायिक भवन के लिये विभागीय बजट में 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। जन-जातीय बहुल 27 विकासखण्ड मुख्यालयों में प्रति भवन 50 लाख रुपये की लागत से निर्माण कार्य जारी हैं। इन सामुदायिक भवनों पर 13 करोड़ 50 लाख रुपये की राशि खर्च की जा रही है।
स्कूलों में स्मार्ट क्लॉस की स्थापना
विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल जिलों में स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये चयनित हायर सेकेण्डरी स्कूलों में 370 कक्षाओं को स्मार्ट क्लॉस के रूप में परिवर्तित किये जाने का कार्यक्रम तैयार किया गया है। इन कक्षाओं के आधुनिकीकरण पर करीब 22 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है। स्मार्ट क्लॉस में बैगा, भारिया एवं सहरिया विद्यार्थियों को आधुनिक पद्धति से शिक्षा देने के लिये कम्प्यूटर प्रोजेक्टर भी खरीदे जायेंगे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह की उपस्थिति में नगरीय निकायों के अधिकारियों और कर्मचारियों के क्षमता संवर्धन और उन्हें तकनीकी सहयोग देने के उद्देश्य से नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा आईआईएम, इंदौर के साथ एमओयू किया गया है।
मंत्री श्री सिंह ने कहा है कि हमारा विभाग आईआईएम के सहयोग से नगरीय विकास के कार्यों में उत्कृष्टता लायेगा। इससे प्रदेश के नागरिक लाभान्वित होंगे। आईआईएम, इंदौर के डायरेक्टर श्री हिमांशु राय ने कहा कि हमें उद्देश्य, उत्तरदायित्व और उत्कृष्टता पर कार्य करना है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के साथ मिलकर हम मध्यप्रदेश को शहरों के विकास के क्रम में शिखर पर ले जायेंगे। केपेसिटी बिल्डिंग हमारी प्राथमिकता है। इस दौरान प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री मनीष सिंह और आयुक्त नगरीय प्रशासन और विकास श्री निकुंज श्रीवास्तव उपस्थित थे।