मध्यप्रदेश नगरीय निकाय चुनाव में ईव्हीएम का उपयोग
प्रत्येक कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और डी.एम.एम. की पहचान के लिए होता है एक यूनिक आईडी नंबर
- मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा एक से अधिक पदों का निर्वाचन एक साथ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के माध्यम से कराने के लिए मल्टीपोस्ट ईव्हीएम का उपयोग किया जाता है। कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और डिटचेबल मेमोरी मॉड्यूल (डी.एम.एम.) आयोग की ईव्हीएम के मुख्य अंग हैं। प्रत्येक कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और डी.एम.एम. की पहचान के लिए एक यूनिक आईडी नंबर होता है। कंट्रोल यूनिट को ऑन करने पर उसमें लगी हुई डी.एम.एम का यूनिक आईडी नंबर डिस्प्ले होता है।
मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा एक से अधिक पदों का निर्वाचन एक साथ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के माध्यम से कराने के लिए मल्टीपोस्ट ईव्हीएम का उपयोग किया जाता है। कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और डिटचेबल मेमोरी मॉड्यूल (डी.एम.एम.) आयोग की ईव्हीएम के मुख्य अंग हैं। प्रत्येक कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और डी.एम.एम. की पहचान के लिए एक यूनिक आईडी नंबर होता है। कंट्रोल यूनिट को ऑन करने पर उसमें लगी हुई डी.एम.एम का यूनिक आईडी नंबर डिस्प्ले होता है।
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग श्री राकेश सिंह ने जानकारी दी है कि आयोग द्वारा स्थानीय निकायों के निर्वाचन के लिए उपयोग की जाने वाली ईव्हीएम (कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट एवं डी. एम.एम.) इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड (ई.सी.आई.एल.) द्वारा निर्मित हैं। यह भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग का सार्वजनिक उपक्रम है।
निर्वाचन के लिए ईव्हीएम को तैयार करने के लिए ईव्हीएम की कमीशनिंग की जाती है। इसमें निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों अथवा उनके अभिकर्ताओं की उपस्थिति में कंट्रोल यूनिट के निर्धारित अभ्यर्थी खण्ड में डी.एम.एम. लगाई जाकर विहित रीति से सील किया जाता है। कमीशनिंग में कंट्रोल यूनिट में लगाई गई डी.एम.एम के यूनिक आईडी नंबर को वहॉं उपस्थित अभ्यर्थी या उनके अभिकर्ता द्वारा देखा जा सकता है और यूनिक आईडी नंबर को नोट भी किया जा सकता है। इसका मिलान मतदान पूर्व मॉकपोल, मतदान, मतगणना और डी.एम.एम. की सीलिंग में किया जा सकता है।
मतदान के समय मतदान का जो डाटा कंट्रोल यूनिट में स्टोर होता है, वही डाटा उसमें लगी डी.एम.एम. में भी समानांतर रूप से रिकॉर्ड होता है। मतगणना के बाद कंट्रोल यूनिट से डी.एम.एम. को निकाल कर सुरक्षित रूप से सीलबंद किया जाकर कोषालय में रखा जाता है। इस प्रकार कंट्रोल यूनिट अगले चरण के निर्वाचन के लिए मुक्त हो जाती है। सीलबंद डी.एम.एम. को 6 माह तक रखा जाता है। इसके बाद विधिक प्रकरण लंबित नहीं होने पर विनिष्टिकरण की कार्यवाही की जाती है। सम्पूर्ण पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश्वसनीयता के दृष्टिगत आयोग द्वारा मतदान के लिए एक बार उपयोग की गई डी.एम.एम. को दोबारा उपयोग में नहीं लाया जाता है।
निर्वाचन के लिए ईव्हीएम की तैयारी के संबंध में आयोग द्वारा प्रकाशित मार्गदर्शिकाओं को सार्वजनिक रूप से आयोग की वेबसाईट www.mplocalelection.gov.in पर उपलब्ध कराया गया है।