मध्यप्रदेश में बाढ़ से जितने तरह की क्षति, उतने ही तरह की राहत देंगे – मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा
हर बाढ़ पीड़ित को संकट से निकालने का होगा कार्य
बाढ़ प्रभावित हितग्राहियों के खाते में 23.19 करोड़ रूपये से अधिक की राहत राशि का वितरण
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों और विदिशा जिले के बाढ़ प्रभावितों को राहत देने में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी। हर बाढ़ पीड़ित को संकट से निकालने में सहायता देंगे। राहत राशि और अन्य सहायता का कार्य पूरी पारदर्शिता और संजीदगी के साथ होगा। पीड़ित जनता के लिए हम बेहतर सहारा बन सकें, इसके ईमानदार प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश सरकार अब तक बाढ़ प्रभावित परिवारों के खातों में 52 करोड़ रूपए से अधिक राशि पहुँचा चुकी है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज श्योपुर जिला मुख्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बाढ़ प्रभावितों के खातों में ऑनलाइन 23 करोड़ 19 लाख रूपये से अधिक की राशि का अंतरण कर बाढ़ प्रभावित लोगों से वर्चुअली संवाद किया। केन्द्रीय कृषि विकास एवं किसान-कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर भी मौजूद थे।
चिंता न करें आप सबको संकट से पार निकालकर ले जायेंगे
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ प्रभावित लोगों से संवाद करते हुए कहा कि कोरोना महामारी की वजह से आर्थिक तंगी जरूर है, पर चिंता न करें आप सबको बाढ़ आपदा के संकट से पार निकालकर ले जायेंगे। प्रदेश सरकार राहत देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। बाढ़ से हुए हर प्रकार के नुकसान की भरपाई करने की सरकार पुरजोर कोशिश कर रही है। सरकार ने तत्काल सर्वे कराकर राहत पहुँचाने का काम किया है, जिसमें समाज का भी सहयोग मिला है। तात्कालिक तौर पर बाढ़ प्रभावित परिवारों को 6 हजार रूपए, 50 किलो अनाज और रोजमर्रा की जरूरतों का अन्य सामान मुहैया कराया गया है। साथ ही सर्वे के आधार पर आर्थिक राहत भी खातों में पहुँचाई गई है।
सहायता के लिए तीन सूत्री रणनीति
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बाढ़ आपदा से प्रभावित लोगों की मदद और खराब हुई अधोसंरचना को फिर से खड़ा करने के लिये प्रदेश सरकार ने तीन सूत्री रणनीति बनाई है। पहला काम हर बाढ़ प्रभावित परिवार के नुकसान की भरपाई करने के लिये राहत, दूसरा काम जिन लोगों के मकान बाढ़ में उजड़ गए हैं उनके फिर से नए मकान बनवाकर पुनर्वास और तीसरा काम बाढ़ से ध्वस्त हुई अधोसंरचना मसलन सड़क, विद्युत लाईन, पुल-पुलिया, अस्पताल, स्कूल और आंगनबाड़ी भवन इत्यादि बनवाना। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत पहुँचाने के लिये सरकार ने 12 विभागों को जोड़कर टास्क फोर्स बनाया है। उन्होंने कहा तात्कालिक राहत के साथ मकान बनाने के लिये एक लाख 20 हजार, दुधारू पशु की मृत्यु पर 30 हजार, बैल की मृत्यु पर 25 हजार, बकरा-बकरी इत्यादि की मृत्यु पर 3 हजार रूपए की आर्थिक राहत दी जा रही है। साथ ही फसल नुकसान की भरपाई भी सरकार आरबीसी के प्रावधानों के तहत करेगी।
दावे-आपत्तियों का निराकरण सुनवाई कर करें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी प्रभावित जिलों के कलेक्टर को निर्देश दिए कि सर्वे का काम पूरी पारदर्शिता एवं संजीदगी के साथ पूर्ण कराएँ। सर्वे सूची पंचायत भवन पर चस्पां कर दावे-आपत्तियाँ ली जाएं। साथ ही प्राप्त दावे-आपत्तियों का निराकरण विधिवत सुनवाई कर किया जाए, जिससे सभी संतुष्ट हो सकें। उन्होंने स्थानीय क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों से भी इस काम में सहयोग करने का आग्रह किया।
खेतों में जमा हुई सिल्ट सरकार अपने खर्चे पर हटवायेगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बाढ़ प्रभावित लोगों को यह भी भरोसा दिलाया कि जिन किसानों के खेतों में बाढ़ की वजह से सिल्ट जमा हो गई है उसे हटवाने का काम भी सरकार अपने खर्चे पर करेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जब इन जिलों में बाढ़ आई तब हमने तत्काल बचाव और राहत के प्रयास किये। जिंदगियाँ तो बचा लीं लेकिन माल नहीं बचा पाये। कई पशु बह गये। फसलों की क्षति हुई। सड़कों, पुल-पुलियाओं की क्षति हुई। अधोसंरचना ध्वस्त हुई। पहले कभी इन जिलों में ऐसी आपदा नहीं आई थी। बाढ़ से जिंदगी अस्त-व्यस्त जरूर हुई है, लेकिन राज्य सरकार फिर से जनजीवन को सामान्य बनाने और लोगों को जरूरी राहत देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बाढ़ के तत्काल बाद प्रभावित जिलों के स्थानीय प्रशासन, सामाजिक संगठनों और प्रतिनिधियों ने पूरी मदद की। आपदा दलों ने जान हथेली पर रखकर पीड़ित लोगों का सहयोग किया।
आपदा के समय सरकार ने मदद पहुँचाने की हरसंभव कोशिश की
केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रकृति पर किसी का जोर नहीं चलता। पर हर लोक कल्याणकारी सरकार का दायित्व है कि आपदा के समय प्रभावित लोगों तक जल्द से जल्द हर संभव मदद पहुँचाए। इस पैमाने पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार पूरी तरह खरी उतरी है। केन्द्र सरकार ने भी इसमें हरसंभव मदद की है। समाज ने भी इस आपदा से निपटने में हाथ बँटाया है।
केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्राम, गरीब और किसान की प्राथमिकता से सहायता की है। बाढ़ प्रभावितों को भी उन्होंने बढ़-चढ़कर सहायता देने का संकल्प लिया है, जिसे पूरा भी कर रहे हैं। किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा हो, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रयासों में पीछे नहीं रहते। केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने आशा व्यक्त की कि शीघ्र ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन पूर्ण रूप से सुगम हो जायेगा।
हितग्राहियों से मुख्यमंत्री श्री चौहान का संवाद
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कुछ जिलों के बाढ़ प्रभावित हितग्राहियों से वर्चुअल संवाद भी किया। हितग्राहियों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को बताया कि हमें समय पर पूरी मदद मिल रही है। ग्वालियर जिले के डबरा के श्री लाखन सिंह ने कहा कि उन्हें 50 किलो आटा, राहत राशि प्राप्त हो गई है। श्री संजय तोमर ने बताया कि ग्राम बरखेड़ी टापू बन गया था। एक पक्के मकान में सभी लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया। मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रति मकान 1 लाख 20 हजार रूपये की सहायता प्रदान कर रहे हैं। राहत और पुनर्वास में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दतिया जिले के ग्राम कोटरा के श्री विक्रम से भी चर्चा की। विक्रम ने बताया कि उन्हें अनाज और अन्य सहायता प्राप्त हो चुकी है। गुना जिले के श्री राजू अहिरवार ने बताया कि श्यामपुर ग्राम में 30-35 घर हैं। उसके घर की दीवार गिर गई है और पानी भरने से सामान का नुकसान हुआ था। उसे 30 हजार रूपये की सहायता प्राप्त हो गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान से अशोक नगर के श्री असलम ने भी बातचीत की। हितग्राही असलम ने बताया कि उसे मकान के क्षतिग्रस्त होने के 6 हजार रूपये और सामान क्षतिग्रस्त होने के 5 हजार रूपये एवं 50 किलो अनाज की सहायता मिली है।
राजस्व मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत वीडियो कांफ्रेंसिंग से राहत राशि वितरण कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।