स्वास्थ्य आयुक्त ने सितम्बर माह तक कार्य पूर्ण करने के दिये निर्देश
मध्यप्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर सिविल और जिला अस्पताल तक की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं के भवनों की बेहतर देखभाल और संधारण के लिये विशेष अभियान ”मिशन सेहत” संचालित किया जाएगा। इसमें संस्था के प्रमुखों को सितंबर अंत तक भवनों के सामान्य और विशेष प्रकार के मरम्मत कार्यों को करवाना होगा। कार्य करवाने के अधिकार संस्था प्रमुखों को देते हुए मरम्मत में आने वाले व्यय की राशि भी आवंटित की जा रही है। आयुक्त-सह- सचिव स्वास्थ्य डॉ. सुदाम खाड़े ने मिशन में किये जाने वाले कार्यों संबंधी दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं।
स्वास्थ्य आयुक्त ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के शासकीय भवनों के संधारण की वर्तमान व्यवस्था में अतिरिक्त प्रावधान करते हुए समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं को उनकी रोगी कल्याण समितियों से मरम्मत के लिये राशि उपलब्ध कराई जा रही है। इसके तहत स्वास्थ्य संस्थाओं के भवनों की सामान्य मरम्मत और विशेष मरम्मत के कार्य किये जाना है। सामान्य मरम्मत में भवन की रंगाई-पुताई, पेंटिंग, दरवाजे-खिड़कियों की मरम्मत, टूटे हुए काँच बदलना, प्लास्टर का पेच वर्क, जलप्रवाह व्यवस्था दुरूस्त करना, विद्युत मरम्मत, भवन की फ्लोरिंग की मरम्मत और अस्पताल के मुख्य स्थानों पर साईनेज लगाने के कार्य शामिल हैं।
सामान्य मरम्मत के कार्यों को करने के लिये संबंधित स्वास्थ्य संस्था के प्रभारी को अधिकृत किया गया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी/चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में खंड चिकित्सा अधिकारी, सिविल अस्पतालों में अस्पताल अधीक्षक और जिला अस्पतालों में सिविल सर्जन-सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षक अपने प्रशासकीय नियंत्रण के अधीन प्रत्येक भवन के मरम्मत कार्य के लिये भवन प्रभारी होंगे। संस्था प्रमुख अपने अधीन संचालित भवनों के संधारण और मरम्मत कार्य के लिये राज्य स्तर से जारी दिशा-निर्देश के अनुसार कार्यालय अथवा अस्पताल भवन स्तर की पर्यवेक्षक समिति गठित कर सकेंगे। राज्य स्तर से मरम्मत कार्यों की राशि तथा संबंधित चिकित्सालयों की रोगी कल्याण समिति के बैंक खाते की जानकारी के आधार पर जिलेवार बजट आवंटन किया जा रहा है। सामान्य मरम्मत के कार्यों के निष्पादन के लिये प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति के प्राधिकृत अधिकारी संस्था प्रमुख होंगे। गठित समिति की अनुशंसा पर भवन प्रभारी 5 लाख रूपये तक के कार्यों को नियमानुसार निविदा प्राप्त कर न्यूनतम दर देने वाली एजेंसी से करवाएँगे। कार्य होने के बाद मरम्मत के फोटोग्राफस का संधारण भी किया जाएगा। मरम्मत के सभी कार्यों को सभी संस्थाओं के भवन प्रभारी 30 सितंबर 2022 तक अनिवार्य रूप से करवाना सुनिश्चित करेंगे।
विशेष मरम्मत के कार्यों में छत की वाटर प्रूफिंग और मरम्मत कार्य, भवन के फर्श का नवीनीकरण, सेनेटरी फिटिंग, ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण/मरम्मत कार्य और साधारण मरम्मत के अतिरिक्त अन्य आवश्यक मरम्मत के बड़े कार्य शामिल हैं। विशेष मरम्मत के लिये जिलों से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार विभागीय/संभागीय कार्यपालन यंत्रियों से विस्तृत प्राक्कलन प्राप्त कर तकनीकी स्वीकृति के बाद विभाग के सक्षम स्तर से सभी कार्यों के लिये प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जाएगी। विशेष मरम्मत के कार्यों के लिये लोक निर्माण विभाग की पीआईयू की प्रचलित दर अनुसूची लागू होगी।
विशेष मरम्मत के 5 लाख रूपये से कम लागत वाले कार्यों केलिये भवन प्रभारी समिति गठित करेंगे। गठित समिति की अनुशंसा पर नियमानुसार निविदा प्राप्त कर न्यूनतम दर प्रस्तुत करने वाली एजेंसी का चयन कर उससे कार्य करवाएँगे। पाँच लाख रूपये से अधिक लागत के विशेष मरम्मत के कार्यों के लिये स्वास्थ्य विभाग के तकनीकी अमले से कार्य का प्राक्कलन और तकनीकी स्वीकृति का प्रस्ताव आदि तैयार कराया जाएगा। प्रशासकीय स्वीकृति जारी होने के बाद विभागीय/संभागीय कार्यपालन यंत्री संबंधित विभाग के समस्त विशेष मरम्मत के 5 लाख रूपये से अधिक लागत के कार्यों की एक निविदा जारी कर प्रत्येक संभाग के लिये एक न्यूनतम दर प्रस्तुत करने वाले पात्र निविदाकार का चयन किया जाएगा। एक निविदाकार को 2 संभागों के लिये चयनित नहीं किया जाएगा। विशेष मरम्मत कार्यों को भी 30 नवंबर तक पूरा करना होगा। सामान्य और विशेष मरम्मत के कार्यों को विभाग द्वारा तैयार गूगल शीट/लिंक के माध्यम से मरम्मत संबंधी फोटोग्राफस्, जिनमें कार्य कराने के पहले की स्थिति एवं कार्य पूर्ण होने के बाद की स्थिति दर्शायी गई होगी, को शामिल किया जाएगा। इसके साथ अन्य आवश्यक दस्तावेजों की प्रविष्टि का दायित्व भी भवन प्रभारी/कार्यालय प्रमुख/संस्था प्रमुख का होगा।
कार्यों का पर्यवेक्षण
सामान्य और विशेष मरम्मत के कार्यों का सतत् पर्यवेक्षण भी किया जाएगा। जिलों में किये जाने वाले निर्माण कार्यों की समीक्षा का उत्तरदायित्व विभागीय अधिकारियों का होगा। खंड चिकित्सा अधिकारी और सहायक यंत्री अपने विकासखंड में संचालित मरम्मत कार्यों का पर्यवेक्षण करेंगे। मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी और संभागीय कार्यपालन यंत्री अपने जिले के सिविल अस्पतालों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के निर्माण कार्यों का पर्यवेक्षण करेंगे। सभी क्षेत्रीय संचालक और संभागीय कार्यपालन यंत्री अपने अधीनस्थ जिलों में संचालित जिला अस्पतालों के मरम्मत कार्यों का पर्यवेक्षण करेंगे। राज्य स्तर द्वारा सभी विभागीय अधिकारियों से समय-समय पर मरम्मत कार्यों की समीक्षा कर अद्यतन जानकारी प्राप्त की जाएगी। समस्त शासकीय स्वास्थ्य केन्द्र के भवनों को 30 सितंबर की निर्धारित समय-सीमा में उत्तम संस्था के रूप में उन्नयन करने के लिये संबंधित संस्था प्रभारी उत्तरदायी होंगे।