मध्यप्रदेश में कोरोना के बावजूद भी मध्यप्रदेश शासन पूँजीगत व्ययों को बढ़ाने के लिये निरंतर प्रयास कर रहा है। इस वर्ष पूँजीगत व्ययों के लिये 44 हजार करोड़ रूपये का बजट प्रावधान रखा गया है, जो कि पिछले वर्ष के बजट अनुमान से लगभग 48 प्रतिशत अधिक है। पूँजीगत व्यय के लक्ष्य की प्राप्ति के लिये सभी आवश्यक उपाय किये जा रहे है। पूँजीगत व्यय से राज्य की उत्पादक क्षमता में वृद्धि होना सभावित है। इससे राज्य के अधो-संरचनात्मक विकास कार्यों में गति आयेगी तथा राज्य की जी.एस.डी.पी. को बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारत सरकार ने भी राज्यों को पूँजीगत व्यय बढ़ाने के लिये अनुरोध किया है।
योजना के भाग-2 में 649 करोड़ रूपये की विशेष सहायता स्वीकृत
भारत सरकार व्दारा वर्ष 2021-22 में पूँजीगत व्ययों के लिये विशेष सहायता योजना में पूर्वोत्तर राज्यों को भाग-1 एवं 3 में तथा अन्य राज्यों को भाग-2 एवं 3 में विशेष सुविधा दी गई है। मध्यप्रदेश शासन ने उक्त योजना के भाग-2 के अधीन केन्द्र सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया, जिसके संदर्भ में योजना के अंतर्गत पूंजीगत व्ययों को बढ़ावा देने के लिये मध्यप्रदेश को 649 करोड़ रूपये की विशेष सहायता की स्वीकृति प्राप्त हुई है। योजना के भाग-3 में विनिवेश, शासकीय संपत्तियों का मुद्रीकरण किये जाने पर प्रोत्साहन के रूप में 50 वर्ष की अवधि का ब्याज रहित ऋण (जो लगभग अनुदान के समान है) की सुविधा दी गई है।
योजना के भाग-3 में 518.17 करोड़ रूपये की विशेष सहायता स्वीकृत
प्रथम किश्त में 259.08 करोड़ रूपये प्राप्त
मध्यप्रदेश सरकार व्दारा विगत वर्ष लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग का गठन किया गया था, जिसके व्दारा अनुपयोगी शासकीय लोक परिसंपत्तियों के निर्वर्तन की कार्यवाही की जा रही है। विभाग व्दारा इसमें उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की गई है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव वित्त व्दारा 3 दिसम्बर 2021 को वित्त सचिव भारत सरकार के साथ बैठक में विनिवेश पर प्रस्तुतिकरण किया गया। इसके बाद भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया गया। भारत सरकार व्दारा 20 जनवरी 2022 को आदेश जारी कर उक्त योजना के भाग-3 में मध्यप्रदेश को 51817 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की है, जिसकी प्रथम किश्त के रूप में 259.08 करोड रूपये प्राप्त हो गये है। मध्यप्रदेश प्रथम राज्य है, जिसे इस योजना के भाग-3 में लाभ स्वीकृत किया गया है।
भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये पूँजीगत व्ययों के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने पर सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 0.5 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की गई है। मध्यप्रदेश व्दारा प्रथम एवं व्दितीय त्रैमास के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने से इस सुविधा का लाभ प्राप्त किया गया है, जो 5180 करोड रूपये है। मध्यप्रदेश इस लक्ष्य को प्राप्त करने वाले प्रथम 7 राज्यों में से एक है।