एमपी में सहकारिता नीति लागू करने के लिए लक्ष्य निर्धारित कर युद्ध स्तर पर प्रयास हों
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान
- सहकारिता नीति अधिनियम में आवश्यक संशोधन 31 अगस्त तक करें म.प्र. की सहकारिता नीति- 2022 लागू करने हुआ प्रस्तुतिकरण
सहकारिता नीति अधिनियम में आवश्यक संशोधन 31 अगस्त तक करें
म.प्र. की सहकारिता नीति- 2022 लागू करने हुआ प्रस्तुतिकरण
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सहकारिता नीति लागू करने के लिए लक्ष्य निर्धारित कर युद्ध स्तर पर प्रयास किए जाएँ। उचित मूल्य दुकानों को बहुउद्देशीय उपभोक्ता सेवा केंद्र के रूप में संचालन करने की योजना को शीघ्रता से लागू कर क्रियान्वित किया जाए। इससे सहकारी समितियों की आय बढ़ने से काफी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की सहकारिता नीति के क्रियान्वयन के लिए अधिनियम में आवश्यक संशोधन 31 अगस्त तक कर लिए जाएँ।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज निवास कार्यालय में मध्यप्रदेश की सहकारिता नीति- 2022 के प्रस्तुतिकरण के बाद अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। सहकारिता मंत्री श्री अरविंद भदौरिया और मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस सहित अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिला स्तरीय कोर ग्रुप का गठन एक माह में कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि सहकारी संस्थाओं का आडिट आवंटन पूर्णत: पारदर्शी प्रक्रिया से ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से हो। सहकारिता से जोड़ने के लिए संबंधित नवीन क्षेत्रों का चिन्हांकन कर विभिन्न विभागों से सुझाव लिए जाएँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिला सहकारी बैंकों में एटीएम और मिनी एटीएम की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तेजी से कार्य किया जाए। गृह निर्माण सहकारी समितियों का समग्र डाटा आम-जन के अवलोकन के लिए पोर्टल पर उपलब्ध रहे। विभिन्न प्रकार की सहकारी समितियों के गठन के लिए आवश्यक नियम बनाकर सार्वजनिक पोर्टल पर उपलब्ध कराए जाएँ।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि व्यवसाय में सुगमता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित हो, जो सेवाएँ ऑनलाइन नहीं हैं उन्हें ऑनलाइन किया जाए। लोक सेवा गारंटी अधिनियम में भी इन सेवाओं को जोड़ा जाए। सहकारिता नीति लागू करने के लिए कार्य की गति तेज करें। निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी लाएँ, जिससे जनता के सामने परिणाम जल्द आ सकें। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह में रोड मेप और समय- सीमा निर्धारित कर कार्यवाही प्रारंभ कर दी जाए।
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