एमपी का वाणिज्यिक कर विभाग राजस्व संग्रहण में वृद्धि के लिए करदाताओं से बेहतर संवाद सुनिश्चित करें
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान
- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राजस्व संग्रहण में वृद्धि के लिए छोटे करदाताओं को विश्वास में ले कर उन्हें शिक्षित करते हुए कार्य-योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। करदाताओं से बेहतर संवाद और उन्हें अद्यतन जानकारियाँ उपलब्ध कराने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी की तकनीकों का इस्तेमाल भी किया जाए। यह सुनिश्चित करें कि प्रदेश में कहीं भी अवैध मदिरा का विक्रय न हो।
कर संचयन की सरल और स्वच्छ व्यवस्था सुनिश्चित की जाए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की वाणिज्यिक कर विभाग की समीक्षा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राजस्व संग्रहण में वृद्धि के लिए छोटे करदाताओं को विश्वास में ले कर उन्हें शिक्षित करते हुए कार्य-योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। करदाताओं से बेहतर संवाद और उन्हें अद्यतन जानकारियाँ उपलब्ध कराने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी की तकनीकों का इस्तेमाल भी किया जाए। यह सुनिश्चित करें कि प्रदेश में कहीं भी अवैध मदिरा का विक्रय न हो। जन- भावनाओं का आदर आवश्यक है। जहाँ महिलाओं को मदिरा दुकानों के संचालन से समस्या है, वहाँ से मदिरा दुकानें हटाने के लिए निश्चित कार्य-योजना बनाई जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में ई- आबकारी के अंतर्गत निर्माताओं के लिए लागू व्यवस्था तथा मदिरा के ट्रेक एण्ड ट्रेस सिस्टम से आबकारी क्षेत्र में सुधार हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पंजीयन एवं स्टाम्प में लक्ष्य से अधिक उपलब्धि प्राप्त करने के प्रयास करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में वाणिज्यिक कर विभाग की समीक्षा कर रहे थे। वित्त, वाणिज्यिक कर, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर श्रीमती दीपाली रस्तोगी तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि कर संचयन के लिए सरल और स्वच्छ व्यवस्था सुनिश्चित करने जीएसटी के नए करदाताओं की सुविधा के लिए वेलकम किट विकसित की गई है। छोटे करदाताओं की सुविधा के लिए व्हाट्सएप आधारित चेट बॉक्स की सुविधा उपलब्ध है, जिस पर करदाताओं की जिज्ञासा और शंकाओं का समाधान किया जाता है। साथ ही करदाताओं से सरल संवाद के लिए प्रत्येक कार्यालय में हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं। करदाताओं को नवीन नोटिफिकेशन की सूचना, यूट्यूब चैनल से उपलब्ध कराई जा रही है। समस्त नोटिस, पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन जारी किए जा रहे हैं। बताया गया कि वाहन चेकिंग के लिए अधिकारियों को एसएमएस आधारित सिस्टम द्वारा प्राधिकार-पत्र जारी किया जा रहा है। इसमें पारदर्शिता के लिए वाहन चेकिंग के दौरान रोके गए वाहनों की फोटो, वेब पेज पर अपलोड करने की व्यवस्था को जून माह से अनिवार्य किया गया है।
बैठक में राजस्व प्राप्ति में वृद्धि के लिए कार्य-योजना भी प्रस्तुत की गई। बताया गया कि वेट में लंबित वसूली के प्रकरणों की मानीटरिंग के लिए ऑनलाइन माड्यूल का उपयोग किया जा रहा है। जीएसटी में टैक्स बेस में वृद्धि के लिए 22 प्रमुख सेवा क्षेत्रों का चयन किया गया है। जिले की आर्थिक तथा व्यावसायिक गतिविधियों के आधार पर जिलों के लक्ष्य निर्धारित किए जा रहे हैं। दिसम्बर 2021 से स्क्रूटनी का कार्य आरंभ किया गया है। कुल 1179 प्रकरणों में स्क्रूटनी की कार्यवाही पूर्ण कर 182 करोड़ रूपए जमा कराए गए हैं। प्रवर्तन की कार्यवाही में आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंस और डेटा एनालेटिक्स का उपयोग किया जा रहा है। सघन मानीटरिंग के लिए डेटा कमॉन्ड एंड कन्ट्रोल सेंटर की स्थापना की गई है।
बताया गया कि वर्ष 2022-23 की मदिरा नीति में अवैध मदिरा पर नियंत्रण के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। ई- आबकारी से प्रक्रियाओं में सुधार के लिए की गई व्यवस्था की जानकारी में बताया कि पूर्व प्रचलित होलोग्राम के स्थान पर भारत सरकार की सिक्यूरिटी प्रिंटिंग प्रेस हैदराबाद के क्यू आर कोड युक्त एक्साईज एडहेसिव लेबल चस्पा करने की व्यवस्था की गई है। ट्रेक एण्ड ट्रेस व्यवस्था में मदिरा बोतल पर चस्पा क्यूआर कोड से सत्यापन और परिवहन संबंधी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। आबकारी में समस्त 45 लाइसेंसों की आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाईन और सरलीकृत किया गया है। साथ ही 45 में से 8 लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया को आटो रिन्यूवल आधार पर संचालित किया जा रहा है।
प्रदेश में हेरिटेज मदिरा को प्रोत्साहन देने के लिए डिंडौरी और अलीराजपुर में पायलेट परियोजनाओं के स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालन के लिए तैयारियाँ जारी हैं। वसंत दादा सुगर इंस्टीट्यूट पुणे द्वारा किए गए शोध के आधार पर मानक मदिरा का निर्माण किया जाएगा। इंस्टीट्यूट द्वारा स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। अलीराजपुर परियोजना में हेरिटेज महुआ मदिरा मोंड के ब्रांड नेम से उपलब्ध कराई जाएगी। विभाग के अन्य व्यवस्थागत बिन्दुओं पर भी चर्चा हुई।