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एमपी कैबिनेट का निर्णय मध्यप्रदेश योग आयोग का गठन

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के हुए अन्य निर्णय

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  • खनिज समाधान योजना को भी मंजूरी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। मंत्रि-परिषद ने राज्य के प्रत्येक नागरिक को स्वस्थ जीवन शैली एवं निरोग जीवन जीने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश योग आयोग के गठन का अनुसमर्थन किया। आयोग अपनी गतिविधियों का संचालन महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के माध्यम से करेगा।

खनिज समाधान योजना को भी मंजूरी

 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। मंत्रि-परिषद ने राज्य के प्रत्येक नागरिक को स्वस्थ जीवन शैली एवं निरोग जीवन जीने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश योग आयोग के गठन का अनुसमर्थन किया। आयोग अपनी गतिविधियों का संचालन महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के माध्यम से करेगा।

मध्यप्रदेश योग आयोग का प्रशासकीय विभाग स्कूल शिक्षा विभाग होगा। आयोग में राज्य शासन द्वारा मनोनीत योग के क्षेत्र में कार्यरत एवं अति विशिष्ट योगदान देने वाले अशासकीय व्यक्ति अध्यक्ष रहेंगे। महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष (पदेन) योग आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में रहेंगे। राज्य शासन द्वारा मनोनीत योग के क्षेत्र में अनुभव रखने वाले 5 व्यक्ति अशासकीय सदस्य के रूप में रहेंगे। महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्था के निदेशक पदेन सचिव के रूप में कार्य करेंगे।

योग आयोग का पंजीयन सोसायटी एक्ट में किया जायेगा। स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, आयुष, चिकित्सा शिक्षा, सामाजिक न्याय, खेल एवं युवा कल्याण, जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति विकास एवं पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव के प्रतिनिधि शासकीय सदस्य होंगे। अशासकीय सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष का होगा।

बैडमिंटन खिलाड़ी श्री प्रियांशु राजावत को प्रोत्साहन स्वरूप 10 लाख रूपये स्वीकृत

मंत्रि-परिषद ने विशेष प्रकरण मानते हुए बैडमिंटन खिलाड़ी श्री प्रियांशु राजावत को थॉमस कप में स्वर्ण पदक अर्जित करने पर 10 लाख रूपये प्रोत्साहन स्वरूप देने का निर्णय लिया।

खनिज साधन

मंत्रि-परिषद द्वारा खनिज साधन विभाग में खनिज राजस्व बकाया की वसूली के लिये “समाधान योजना” मंजूर की गई है। योजना में वर्ष 1960-61 से वर्ष 2009-10 तक खनिज राजस्व बकाया पर देय ब्याज पूर्णतः माफ किया गया है। वर्ष 2010-11 से वर्ष 2019-20 तक की अवधि में 5 लाख रूपये तक बकाया राशि पर देय ब्याज पूर्णतः माफ एवं 5 लाख रूपये से अधिक बकाया राशि पर देय ब्याज पर 18 प्रतिशत की छूट देने का निर्णय लिया गया। इसके अनुसार छूट देने के बाद मूल बकाया राशि 60 करोड़ 7 लाख रूपये के विरुद्ध ब्याज सहित राशि 66 करोड़ 48 लाख रूपये की वसूली सुनिश्चित हो सकेगी। समाधान योजना 31 अक्टूबर 2022 तक ही लागू रहेगी। यदि खनिज बकाया के विरुद्ध न्यायालयीन वाद प्रचलित हैं, तब इस योजना में राशि जमा होने पर वाद वापस लिया जा सकेगा। योजना के लागू होने से वर्ष 1960-61 से वर्ष 2019-20 तक की लंबित बकाया राशि की वसूली सुनिश्चित हो सकेगी।

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण

मंत्रि-परिषद ने खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य विभागीय योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन के लिये 365 कम्प्यूटर ऑपरेटर्स के पद सृजन करने की स्वीकृति दी। इस तरह 52 जिला मुख्यालय एवं 313 विकासखण्ड के लिये एक कम्प्यूटर ऑपरेटर का पद सृजित किया जाएगा। पदों की पूर्ति आउटसोर्सिग संस्था से की जायेगी।

अन्य निर्णय

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) संशोधन विधेयक, 2022 को पुनर्स्थापित करने के प्रारूप को अनुमोदित किया। संशोधन विधेयक, 2022 के अनुसार अध्यादेश से पूर्व में प्रेस्टीज विश्वविद्यालय इंदौर, टाइम्स विश्वविद्यालय भोपाल, डॉ. प्रीति ग्लोबल विश्वविद्यालय शिवपुरी एवं एल.एन.सी.टी. विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर को स्थापित किया गया है। साथ ही अन्य 3 निजी विश्वविद्यालय अमलतास विश्वविद्यालय देवास, आर्यावर्त विश्वविद्यालय सीहोर एवं विक्रांत विश्वविद्यालय ग्वालियर की स्थापना के लिए विधेयक के प्रारूप को अनुमोदित किया गया।

शासकीय हेलीकाप्टर बैल-430 वर्ष 2003 में दुर्घटनाग्रस्त होने, निर्माता संस्था द्वारा इसका निर्माण बंद करने और उड़ान योग्य नहीं होने के कारण उसे विक्रय करने के लिए ई-निविदा आमंत्रित की गई थी। मंत्रि-परिषद ने ई-निविदा में इस हेलीकॉप्टर, उसके स्पेयर्स एवं स्पेयर्स इंजन को प्रथम अधिकतकम एच-1 राशि 2 करोड़ 57 लाख 17 हजार 777 रूपये का प्रस्ताव देने वाली संस्था को विक्रय करने की मंजूरी दी।

महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान

संस्कृत भाषा तथा उसके साहित्य के अध्यापन क्षेत्र में अनुसंधान ओैर व्यापक अध्ययन को बढ़ावा देने के प्रयोजन से स्कूल स्तर पर संस्कृत शिक्षा को विनियमित करने के लिये उससे संशक्त एवं आनुषांगिक अन्य विषयों के लिये एक अधिनियम के माध्यम से महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान की 2008 में स्थापना हुई। इसका मुख्यालय एम.पी.नगर भोपाल में है।

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