मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने अपने एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर आज 22 फरवरी 2022 को विधान सभा परिसर भोपाल में पत्रकार वार्ता में कहा कि उनके इस कार्यकाल में किसी भी सदस्य की ओर से आसंदी पर आक्षेप नहीं लगा। यही उनकी सफलता है। इसमें सरकार और विपक्ष दोनों की तरफ से सहयोग मिला है। अध्यक्ष ने बताया कि आगामी विधानसभा सत्र से एक बड़ा बदलाव करने जा रहे हैं। यह बदलाव प्रश्नकाल से जुड़ा है। प्रश्नकाल के दौरान विधायक अपने प्रश्न से हटकर कोई बात नहीं कर सकेंगे।
मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने बताया कि विधायकों के लिए प्रश्नोत्तरी देने की प्रक्रिया है। यानी प्रश्नकाल में विधायक खड़े होकर पूरे प्रश्न पढ़ते हैं, फिर उसके उत्तर पढ़ते हैं। इसके बाद वे कहते हैं कि मैं इस उत्तर से संतुष्ट नहीं हूं। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। अब किसी भी विधायक को प्रश्नकाल में प्रश्न-उत्तर नहीं पढ़ने दिया जाएगा। विधायक को पूरी तैयार के साथ प्रश्नकाल के दौरान मौजूद रहना होगा । अपना सवाल पॉइंट टू पॉइंट पूछना होगा, ताकि मंत्री को भी जवाब देने मेंसुविधा हो सके।
मध्यप्रदेश विधानसभा में एक घंटा विधायकों की ब्रीफिंग की जाएगी। प्रश्नकाल में जिन विधायकों के प्रश्न लगे हैं उन्हें सम्मलेन कक्ष में बुलाया जाएगा। इस दौरान उन्हें बताया जाएगा कि किस तरह प्रश्न पूछना है। जिससे प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा बनाई जाने वाली भूमिका में नष्ट होने वाले समय को खराब होने से बचाया जा सके। इससे 25 प्रश्नकाल में से हर एक का उत्तर मिल सके। जिस तरह से मंत्री अपना उत्तर देने के लिए तैयार होकर आते हैं, उसी तरह प्रश्न करने वाले विधायक को तैयार होकर आना होगा।