सर्वाधिक डेंगू प्रभावित जिलों में विशेष ध्यान दें :एमपी के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी
डेंगू, चिकुनगुनिया रोकथाम और बचाव कार्यों की समीक्षा की स्वास्थ्य मंत्री ने
मध्यप्रदेश में डेंगू और चिकुनगुनिया से सर्वाधिक प्रभावित जिले मंदसौर, जबलपुर, रतलाम, आगर-मालवा, भोपाल, छिंदवाड़ा और इंदौर हैं। इन जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाए। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने सोमवार को मंत्रालय में विभागीय समीक्षा के दौरान ये निर्देश दिए।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि डेंगू और चिकुनगुनिया की रोकथाम और बचाव के लिए 15 सितम्बर से डेंगू प्रहार अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में सर्वाधिक डेंगू प्रभावित मरीजों की संख्या रिपोर्ट हो रही है। ऐसे जिलों में डेंगू की रोकथाम और नियंणत्र पर विशेष ध्यान दिया जाए। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी इन जिलों का खुद दौरा करें और व्यवस्थाओं पर नजर रखें। जिलों के सीएमएचओ और मलेरिया अधिकारियों को कहा कि डेंगू नियंत्रण की टीमों के रोजाना के कार्यों की समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में डेंगू के मरीज मिलते वहाँ पर रेपिड रिस्पांस टीम तुरंत विजिट करें और उन घरों के आसपास के डेंगू मच्छरों के लार्वा को पैदा करने वाले स्थानों पर कीटनाशक पाइरेथम का छिड़काव करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि लोगों को भी जागरूक करें कि हमारी लापरवाही के चलते डेंगू के मच्छर पनपते हैं। वर्षाकाल में रूक-रूक के वर्षा होने से पानी घर के आस-पास पड़े गमले, टायर, कूलर और अन्य पात्रों में जमा हो जाता है। जिसमें इन मच्छरों को पैदा करने वाले लार्वा पनपते है। लोगों से अनुरोध करें कि वह अपने घर के आस-पास स्वच्छ पानी को जमा नहीं होने दें।
आयुष्मान में उपचार की जानकारी टोल-फ्री 14555 और 18002332085 पर
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि डेंगू और चिकुनगुनिया के उपचार को आयुष्मान भारत निरामयम योजना में प्रदेश के इनपैनल्ड 867 शासकीय और निजी चिकित्सालयों में नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत निरामयम योजना में उपचार की जानकारी टोल फ्री नंबर 14555 और 18002332085 पर आम नागरिक प्राप्त कर सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में डेंगू की जाँच की व्यवस्था है। प्रदेश में डेंगू जाँच के लिए 57 प्रयोगशालाएँ हैं। आम नागरिक फीवर आने पर मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया की जाँच करवायें। इससे डरने की जरूरत नहीं है। डेंगू का उपचार है। अस्पताल में अपना उपचार करवायें।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने निर्देश दिए कि सभी जिलों में फॉगिंग और छिड़काव के लिये पर्याप्त मात्रा में कम्प्रेशर पम्प, फॉगिंग मशीन और कीटनाशक रसायन की उपलब्धता सुनिश्चित रहें। इस पर विशेष ध्यान दें। डेंगू और चिकनगुनिया के बचाव, रोकथाम और नियंत्रण में स्वास्थ्य विभाग का अमला पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय प्रशासन, महिला एवं बाल-विकास और राजस्व विभाग के मैदानी अमले के सहयोग से दलों का गठन कर युद्धस्तर पर कार्यवाही करें। बैठक में राज्य मलेरिया नोडल अधिकारी डॉ. हिमांशु जायसवार और अन्य अधिकारी मौजूद थे।