दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे राष्ट्र को समर्पित किया
पीएमएवाई – ग्रामीण के तहत निर्मित 2.2 लाख से अधिक घरों के गृह प्रवेश की शुरुआत की और पीएमएवाई – शहरी के तहत निर्मित घरों का लोकार्पण किया
जल जीवन मिशन परियोजनाओं की आधारशिला रखी
आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत 9 स्वास्थ्य केंद्रों का शिलान्यास किया
आईआईटी इंदौर के शैक्षणिक भवन का लोकार्पण किया और परिसर में छात्रावास तथा अन्य भवनों की आधारशिला रखी
इंदौर में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क की आधारशिला रखी
“ग्वालियर की धरती अपने आप में एक प्रेरणा है”
“डबल इंजन का मतलब है, मध्य प्रदेश का डबल विकास”
“सरकार का लक्ष्य मध्य प्रदेश को भारत के शीर्ष 3 राज्यों में ले जाना है”
“महिला सशक्तिकरण, वोट बैंक का मुद्दा नहीं; बल्कि राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और राष्ट्रीय कल्याण का मिशन है”
“मोदी गारंटी का मतलब है, सभी गारंटी को पूरा करने की गारंटी”
“आधुनिक अवसंरचना और मजबूत कानून-व्यवस्था से किसानों और उद्योगों, दोनों को लाभ होता है”
“हमारी सरकार हर वर्ग और हर क्षेत्र का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है”
“जिनको कोई नहीं पूछता, उनको मोदी पूछता है, मोदी पूजता है”
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश के ग्वालियर में लगभग 19,260 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। परियोजनाओं में दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे का लोकार्पण, पीएमएवाई के तहत निर्मित 2.2 लाख से अधिक घरों का गृह प्रवेश और पीएमएवाई – शहरी के तहत निर्मित घरों का लोकार्पण, जल जीवन मिशन परियोजनाओं का शिलान्यास, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत 9 स्वास्थ्य केन्द्रों का शिलान्यास, आईआईटी इंदौर के शैक्षणिक भवन का लोकार्पण और परिसर में छात्रावास और अन्य भवनों तथा इंदौर में एक मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क की आधारशिला रखना शामिल हैं।
उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्वालियर की भूमि वीरता, स्वाभिमान, गौरव, संगीत, स्वाद और सरसों का प्रतीक है। उन्होंने रेखांकित किया कि यह भूमि, देश के कई क्रांतिकारियों के साथ-साथ सशस्त्र बलों में सेवा करने वाले लोगों की भी जन्म-भूमि रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ग्वालियर की भूमि ने सत्तारूढ़ दल की नीतियों और नेतृत्व को स्वरूप प्रदान किया है तथा राजमाता विजया राजे सिंधिया, कुशाभाऊ ठाकरे और अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, “ग्वालियर की भूमि अपने आप में एक प्रेरणा है।” उन्होंने रेखांकित किया कि इस मिट्टी के सपूतों ने देश की खातिर अपने जीवन का बलिदान दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हालांकि इस पीढ़ी के लोगों को स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने का मौका नहीं मिला, लेकिन भारत को विकसित और समृद्ध बनाने की जिम्मेदारी निश्चित रूप से हमारे ऊपर है। जिन परियोजनाओं का लोकार्पण या शिलान्यास किया गया, उनका जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार एक ही दिन में इतनी परियोजनाएं ला रही है, जितनी कई सरकारें एक साल में नहीं ला पातीं थीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दशहरा, दिवाली और धनतेरस से ठीक पहले करीब 2 लाख परिवारों को गृह प्रवेश का अवसर मिल रहा है और परिवहन-संपर्क के कई प्रोजेक्ट पेश किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उज्जैन में विक्रम उद्योगपुरी और मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क मध्य प्रदेश के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देंगे। उन्होंने ग्वालियर आईआईटी की नयी परियोजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य संरचना के तहत विदिशा, बैतूल, कटनी, बुरहानपुर, नरसिंहपुर, दमोह और शाजापुर के नए स्वास्थ्य केंद्रों के बारे में बात की।
प्रधानमंत्री ने सभी विकास परियोजनाओं का श्रेय डबल इंजन सरकार के प्रयासों को दिया। उन्होंने रेखांकित किया कि जब दिल्ली और भोपाल दोनों जगह जनता के प्रति समर्पित व समान सिद्धांतों वाली सरकार होती है, तो विकास की गति में तेजी आती है। प्रधानमंत्री ने कहा, इसलिए, मध्य प्रदेश के लोग डबल इंजन सरकार में विश्वास करते हैं। श्री मोदी ने कहा, “डबल इंजन का मतलब है, मध्य प्रदेश का डबल विकास।”
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पिछले कुछ वर्षों में, सरकार ने मध्य प्रदेश को ‘बीमारू राज्य’ (पिछड़ा राज्य) से देश के शीर्ष 10 राज्यों में से एक के रूप में बदल दिया है। उन्होंने कहा, “यहां से सरकार का लक्ष्य मध्य प्रदेश को भारत के शीर्ष 3 राज्यों में ले जाना है।” उन्होंने सभी से एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपना वोट डालने का आग्रह किया, जो मध्य प्रदेश को शीर्ष 3 राज्यों में पहुंचाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया भारत में अपना भविष्य देखती है। उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ 9 साल में 10वें स्थान से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। उन्होंने उन लोगों की आलोचना की, जो भारत की स्थिति पर विश्वास नहीं करते है और कहा, “यह मोदी की गारंटी है कि सरकार के अगले कार्यकाल में भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा।”
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “मोदी ने गरीबों, दलितों, पिछड़ों और जनजातीय परिवारों को पक्के घर की गारंटी दी है।” उन्होंने कहा कि देश में अब तक 4 करोड़ परिवारों को पक्के घर दिए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, मध्य प्रदेश में अब तक लाखों घर गरीब परिवारों को सौंपे जा चुके हैं और आज भी कई घरों का उद्घाटन किया गया है। पिछली सरकार के कार्यकाल पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने धोखाधड़ी वाली योजनाओं और गरीबों को दिए गए घरों की खराब गुणवत्ता पर अफसोस जताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके विपरीत, वर्तमान सरकार के दौरान सौंपे गए घरों का निर्माण लाभार्थियों की जरूरतों के अनुसार किया जा रहा है और प्रौद्योगिकी की मदद से प्रगति की निगरानी के बाद पैसा सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि घर शौचालय, बिजली, नल से जल आपूर्ति की सुविधा और उज्ज्वला गैस कनेक्शन से सुसज्जित हैं। आज के जल जीवन मिशन परियोजनाओं के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे इन घरों तक पानी की आपूर्ति करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया गया है कि ये आवास घर की महिला-सदस्यों के नाम पर हों। प्रधानमंत्री ने कहा, इसने करोड़ों बहनों को ‘लखपति’ बना दिया है। प्रधानमंत्री ने महिला गृह-स्वामी से अपने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देने को कहा।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “महिला सशक्तिकरण, वोट बैंक के मुद्दे के बजाय; राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और राष्ट्रीय कल्याण का मिशन है।” प्रधानमंत्री ने हाल ही में पारित ‘नारीशक्ति वंदन अधिनियम’ का जिक्र करते हुए कहा, “मोदी गारंटी का मतलब है, सभी गारंटी को पूरा करने की गारंटी।“ उन्होंने राष्ट्र की विकास यात्रा में मातृशक्ति की अधिकाधिक भागीदारी की कामना की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्वालियर और चंबल अवसरों की भूमि बन रहे हैं, जो पहले की अराजकता, अल्प-विकसित और सामाजिक न्याय के उल्लंघन की परिस्थितियों के बाद सरकार की कड़ी मेहनत का परिणाम है। उन्होंने कहा कि हम पीछे मुड़कर देखने का जोखिम नहीं ले सकते।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “आधुनिक अवसंरचना और मजबूत कानून और व्यवस्था से किसानों और उद्योगों, दोनों को लाभ होता है, जबकि विकास-विरोधी सरकार की उपस्थिति से दोनों प्रणालियां ध्वस्त हो जाती हैं।“ उन्होंने कहा कि विकास-विरोधी सरकार अपराध और तुष्टिकरण को भी बढ़ावा देती है, जिससे गुंडों, अपराधियों, दंगाइयों और भ्रष्ट लोगों को खुली छूट मिल जाती है। इसके परिणामस्वरूप, महिलाओं, दलितों, पिछड़े वर्गों और जनजातियों पर अत्याचार बढ़ जाते हैं। प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश की जनता से ऐसे विकास-विरोधी तत्वों से सतर्क रहने का आग्रह किया।
वंचितों को प्राथमिकता देने की सरकार की नीति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ”हमारी सरकार हर वर्ग और हर क्षेत्र को विकास प्रदान करने के लिए समर्पित है। जिनको कोई नहीं पूछता, उनको मोदी पूछता है, मोदी पूजता है।” उन्होंने दिव्यांगों के लिए आधुनिक उपकरण और सामान्य सांकेतिक भाषा के विकास जैसे उपायों का उल्लेख किया। आज ग्वालियर में दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए नये खेल केंद्र का उद्घाटन किया गया है। इसी तरह, छोटे किसानों की दशकों तक उपेक्षा की गई, अब उन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार, अब तक देश के हर छोटे किसान के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के जरिए 28 हजार रुपये भेज चुकी है। हमारे देश में 2.5 करोड़ छोटे किसान हैं, जो मोटे अनाज उगाते हैं। उन्होंने कहा, “पहले मोटे अनाज उगाने वाले छोटे किसानों की किसी को परवाह नहीं थी। यह हमारी सरकार है, जिसने मोटे अनाजों को भारतीय भोजन की पहचान दी है और इसे दुनिया भर के बाजारों में ले जा रही है।“
प्रधानमंत्री ने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में बात की, जिससे कुम्हार, लोहार, सुथार, सुनार, मालाकार, दर्जी, धोबी, मोची और नाई समुदाय को लाभ होगा। यह इंगित करते हुए कि समाज का यह वर्ग पीछे छूट गया था, प्रधानमंत्री ने कहा, “मोदी ने उन्हें आगे लाने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया है।” उन्होंने बताया कि सरकार उनके प्रशिक्षण की लागत का वहन करेगी और आधुनिक उपकरणों के लिए 15,000 रुपये भी देगी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें लाखों रुपये के किफायती ऋण की पेशकश की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘विश्वकर्मा के कर्ज की गारंटी मोदी ने ले ली है।“
प्रधानमंत्री ने डबल इंजन सरकार के भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण को रेखांकित किया और मध्य प्रदेश को देश के शीर्ष राज्यों में शामिल करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर, डॉ. वीरेंद्र कुमार और श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, संसद सदस्य और मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
देश भर में परिवहन-संपर्क को बढ़ावा देने की एक और पहल के तहत, प्रधानमंत्री ने दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे राष्ट्र को समर्पित किया, जिसे लगभग 11,895 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है। वे 1880 करोड़ रुपये से अधिक की पांच अलग-अलग सड़क परियोजनाओं की भी आधारशिला रखेंगे।
प्रधानमंत्री का निरंतर प्रयास रहा है कि हर किसी के पास अपना घर होना सुनिश्चित किया जा सके। इस विज़न के अनुरूप, प्रधानमंत्री द्वारा पीएमएवाई – ग्रामीण के तहत निर्मित 2.2 लाख से अधिक घरों के गृह प्रवेश की शुरुआत की गयी। उन्होंने पीएमएवाई-शहरी के तहत लगभग 140 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित घरों का भी लोकार्पण किया।
सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने पर सरकार का विशेष ध्यान रहा है। इसी उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री ने ग्वालियर और श्योपुर जिलों में 1530 करोड़ रुपये से अधिक की जल जीवन मिशन परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं से क्षेत्र के 720 से अधिक गांवों को लाभ होगा।
स्वास्थ्य अवसंरचना को बढ़ावा देने वाले एक कदम के रूप में, प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत नौ स्वास्थ्य केंद्रों की आधारशिला रखी। इन्हें 150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने आईआईटी इंदौर के शैक्षणिक भवन का लोकार्पण किया और परिसर में छात्रावास और अन्य भवनों की आधारशिला रखी। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने इंदौर में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क की आधारशिला रखी। उन्होंने उज्जैन में एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप, आईओसीएल बॉटलिंग प्लांट और ग्वालियर में अटल बिहारी वाजपेयी दिव्यांग खेल प्रशिक्षण केंद्र सहित कई अन्य परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया।