आईटी से गुड गवर्नेंस, प्रदेश में निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता को प्रोत्साहन- आईटी और जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा

आईटी से गुड गवर्नेंस, प्रदेश में निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता को प्रोत्साहन- आईटी और जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा
सूचना प्रौद्योगिकी,आधुनिक सुशासन की उम्मीदें रंग ला रही हैं,
आध्यात्म से खुशियां मुस्कुरा रही हैं निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता की पक्षधर: कमलनाथ सरकार
एक साल-मध्यप्रदेश खुशहाल

भोपाल, 26 नवम्बर, 2019
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने अपना समूचा ध्यान सुशासन पर केंद्रित किया है। उनकी मान्यता है कि अगर योजनाओं का परिणाममूलक क्रियान्वयन करना है तो प्रदेश को सुशासन के प्रति प्रतिबद्ध होना होगा। इसी के दृष्टिगत मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने सूचना प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल से मध्यप्रदेश के सुशासन की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है और लगभग एक वर्ष के कार्यकाल में उसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे हैं। श्री पीसी शर्मा मंत्री, विधि एवं विधायी कार्य विभाग, जनसम्पर्क, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, विमानन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग, मुख्यमंत्री से संबद्ध विभागों से संबद्ध विधि एवं विधायी कार्य विभाग से संबंधित ने मंगलवार 26 नवम्बर 2019 को कांग्रेस मुख्यालय भोपाल में संवाददाताओं को यह जानकारी दी।

मध्यप्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी से सुशासन की ओर बढ़ते कदम- पीसी शर्मा
1. मध्यप्रदेश में दूरसंचार सेवा, इंटरनेट सेवा, अवसंरचना प्रदाताओं पर वायर लाइन या वायरलेस आधारित वाइस या डाटा पहुंच सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए अधोसंरचना की स्थापना को सुगम बनाने हेतु नीति-2019 तथा प्रक्रिया निर्धारित की गयीं जिसके तहत अब कंपनियां ऑनलाइन आवेदन कर जिला कलेक्टरों से भूमि उपयोग का लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं।

2. प्रदेश में AI (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस), ML(मशीन लर्निंग), IOT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) जैसी नवीन तकनीकों का उपयोग कर शासकीय सेवाओं को बेहतर रूप दिए जाने के लिए NASSCOM के साथ एमओयू किया गया है।

3. प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए आईटी पॉलिसी में संशोधन कर इसे अधिक आकर्षित बनाया गया है।

4. राज्य में नये डाटा सेंटर की स्थापना में सहयोग प्रदान करने हेतु सूचना प्रौद्योगिकी की निवेश प्रोत्साहन नीति में संशोधन किया गया है। डाटा सेंटर क्षेत्र में नवीन निवेश को आकर्षित करने हेतु भूमि बैंक (Land BanK) बनाये जाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

5. मैप-आईटी के सहयोग से विभिन्न विभागों की Internal workflow एवं कम्प्यूटरीकृत का कार्य प्रगति पर है।

6. मप्र स्टेट इलेक्ट्रानिक्स डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (स्वान) के उन्नयन का कार्य किया जा रहा है।

7. प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीन एवं प्रभावी लागत तकनीकी का प्रयोग किया जा रहा है। जैसे एप्लीकेशन्स को होस्टिंग पर रखना।

मध्यप्रदेश में निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता के पक्षधर- मंत्री पीसी शर्मा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ हमेशा से निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता के पक्षधर रहे हैं। वे मानते है कि सरकार के कार्यों की निष्पक्ष पत्रकारिता द्वारा की गई समीक्षा ही सरकार का सही मार्ग प्रशस्त कर सकती है। कांगे्रस सरकार पत्रकारों के सरोकारों को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी तथा निर्भीक पत्रकारिता को सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही पत्रकार सुरक्षा कानून भी लेकर आयेगी।

1. समितियों का गठन:-
मध्यप्रदेश में दिसम्बर-2018 में नई सरकार के गठन के बाद पत्रकारों को अधिमान्यता देने के लिए राज्य एवं संभाग-स्तरीय अधिमान्यता समितियाँ गठित की गई हैं। पत्रकारों को विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए आर्थिक सहायता हेतु मध्यप्रदेश पत्रकार संचार कल्याण समिति एवं पत्रकारों की कठिनाइयों के अध्ययन और सुझाव देने हेतु राज्य-स्तरीय समिति का गठन किया गया है। पत्रकारिता प्रोत्साहन एवं नवाचार के लिए राज्य-स्तरीय समिति तथा वचन-पत्र के बिन्दु क्रमांक-45.9 का पालन करते हुए महिलाओं को पत्रकारों के क्षेत्र में सुरक्षात्मक व्यवस्था के तहत जोड़ने एवं उनको विशेष प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से महिला पत्रकारों की समिति गठित की गई है। इस समिति की बैठक विगत 18 जून को सम्पन्न हो चुकी है, जिसमें महिला पत्रकारों से सुझाव लिए गये हैं।

2. अधिमान्यता:-
वर्तमान में राज्य-स्तरीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों की संख्या 1127, जिला-स्तरीय 1947 तथा तहसील-स्तरीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों की संख्या 822 है। इस प्रकार कुल 3896 अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार हैं।

3. पत्रकारों को आर्थिक सहायता:-
पत्रकारों को स्वयं एवं उनके परिवार के आश्रित सदस्यों को उपचार के लिए पात्रता और आवश्यकता के आधार पर आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। इसके तहत सामान्य बीमारियों के लिये 20 हजार रुपये तक एवं गंभीर बीमारियों के उपचार हेतु अधिकतम रुपये 50 हजार की आर्थिक सहायता दी जाती है। दिसम्बर-2018 से आज दिनांक तक 422 पत्रकारों को एक करोड़ 31 लाख 54 हजार की आर्थिक सहायता प्रदान की जा चुकी है।

4. अनुदान:-
वर्ष 2019-20 में माधवराव सप्रे समाचार-पत्र संग्रहालय, भोपाल को 10 लाख रुपये का अनुदान दिया गया।

5. पत्रकारों का बीमा:-
इस वर्ष कुल 2874 पत्रकारों का बीमा करवाया गया है। इसमें से 2310 अधिमान्य और 564 गैर-अधिमान्य पत्रकार हैं। इस वर्ष बीमा कम्पनी द्वारा पत्रकारों के लिये बढ़ाई गई प्रीमियम की राशि का भुगतान भी राज्य सरकार द्वारा किया गया है। पत्रकारों द्वारा कुल प्रीमियम एक करोड़ 70 लाख रूपये दिया गया है, जबकि कमलनाथ सरकार द्वारा 5 करोड़ 30 लाख का प्रीमियम दिया गया है। पत्रकारों को बीमा योजना का लाभ इस साल 4 अक्टूबर से लगातार मिल रहा है। बीमित पत्रकारों के नाम जनसम्पर्क की वेबसाइट पर अपलोड हैं। बीमा.कार्डों का वितरण शुरू हो गया है।

इस योजना में स्वास्थ्य बीमा 2 एवं 4 लाख रुपये का और दुर्घटना बीमा क्रमशरू 5 लाख और 10 लाख रुपये का है। विगत 4 अक्टूबर से अब तक लगभग 60 पत्रकारों के 24 लाख रुपये के बीमा क्लेम का भुगतान किया गया है।
गत वर्ष कुल 2259 पत्रकारों ने बीमा करवाया था। इस वर्ष 615 अधिक पत्रकारों ने बीमा करवाया है।

6. सम्मान-निधि:-
मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के वरिष्ठ तथा बुजुर्ग 209 पत्रकारों को सम्मान-निधि दी जा रही है। सम्मान-निधि के लिये वरिष्ठ पत्रकारों की न्यूनतम आयु 60 वर्ष है। सरकार ने सम्मान-निधि की राशि 7 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रूपये कर दी गई है।

7. लैपटॉप :-
राज्य-स्तरीय अधिमान्यता प्राप्त कुल 17 पत्रकारों को इस वर्ष लैपटॉप क्रय करने के लिये प्रत्येक को 40 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की गई है।

8. आवास ऋण ब्याज अनुदान:-
मध्यप्रदेश शासन द्वारा अधिमान्य पत्रकारों को 25 लाख रुपये तक के आवास ऋण पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान 5 वर्ष तक दिये जाने का प्रावधान है। यह प्रक्रिया प्रचलन में है।

9. पत्रकारिता सम्मान:-
मध्यप्रदेश में उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिये उत्साहजनक वातावरण बनाये जाने और इस क्षेत्र में कार्य कर रहे अग्रणी पत्रकारों को सम्मानित करने के लिये मध्यप्रदेश शासन द्वारा पत्रकारिता सम्मान प्रदान किये जाते हैं। यह सम्मान वर्ष 2016 तक के वितरित किये जा चुके हैं। वर्ष 2017, 2018 एवं 2019 के सम्मान के लिये भी पत्रकारों से आवेदन आमंत्रित किये जा चुके हैं। ज्यूरी की बैठक के निर्णय अनुसार उक्त सम्मान समारोहपूर्वक प्रदान किये जायेंगे।

10. इंडियन टेलिविजन अवार्ड:-
मुंबई के बाहर पहली बार इंदौर में 10 नवम्बर, 2019 को आयोजित हुए इंडियन टेलीविजन अवार्ड के आयोजन में जनसंपर्क विभाग ने सहभागिता करते हुए राज्य सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों एवं विभिन्न निर्णयों का प्रचार-प्रसार किया।

11. मैग्निफिसेंट मध्यप्रदेश:-
प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने और औद्योगिक क्षेत्र में अधिकतम निवेश को आकर्षित करने के लिए इंदौर में अक्टूबर, 2019 को हुए मैग्निफिसेंट एमपी-2019 के आयोजन किया गया जिसमे जनसंपर्क विभाग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। इस आयोजन का राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया।

12. महात्मा गांधी जी का 150 वां जन्मोत्सव वर्ष :-
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के 150 वें जन्म वर्ष पर जनसंपर्क विभाग द्वारा गांधी जी के विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसके तहत ‘मध्यप्रदेश में गांधी’ पुस्तक का पुनः प्रकाशन किया गया। प्रदेश के जिन 13 स्थानों पर गांधी जी का आगमन हुआ था, वहां पर विभाग द्वारा प्रदर्शनी और संगोष्ठियों का आयोजन किया गया। पूरे वर्ष भर गांधी जी के कृतित्व और व्यक्तित्व पर आधारित चलित प्रदर्शनी प्रदेश भर में भ्रमण करेगी।

आध्यात्म, जितना सनातन उतना प्रासांगिक- मंत्री पीसी शर्मा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ की आध्यात्म विभाग की अवधारणा लगभग 34 वर्ष पूर्व की है। जब वे लोकसभा में दूसरी बार चुनकर गये, तब उन्होंने सदन में नियम 377 के अधीन बोलते हुए कहा था कि भारत की आत्यामिक विरासत की रक्षा करना समाज और विशेष रूप से सरकार का कार्य है। वास्तविक आध्यामिक संस्थाओं और इस क्षेत्र में कार्य कर रहे व्यक्तियों को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए और इस प्रायोजनार्थ सरकार को आध्यात्मवादियों के लिए एक प्रामाणिक नीति बनाना चाहिए । वर्ष 1985 में लोकसभा में कही गई उक्त पंक्तियां आज भी संसदीय रिकार्ड का हिस्सा है। साथ ही यह हमारे वचनपत्र की प्रतिबद्धता भी थी।
मेरा सौभाग्य है कि श्री कमलनाथ जी के इस पुण्य संकल्प को चरितार्थ करने में मैं अपना योगदान दे पाया हूं।

राम वन. गमन. पथ:-
मध्यप्रदेश की पावन भूमि का अलौकिक स्वरूप भगवान प्रभु श्रीराम के चरण कमल के प्रदेश में पड़ते ही साकार हो गया था। कमलनाथ सरकार प्रतिबद्ध है कि प्रदेश के वे पवित्र स्थल जैसे सतना, पन्ना, कटनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर आदि जिले जहां भगवान श्रीराम ने अपने वनवास का समय व्यतीत किया था, प्रदेश कांगे्रस सरकार उन स्थलों को वही अलौकिक स्वरूप देने के लिए संकल्पित है। चित्रकूट-कामदगिरी, गुप्तगोदावरी, स्फटिक.शिला, अनुसूईया.आश्रम, हनुमान.धारा, दशरथ.गाठ इत्यादि स्थलों को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जायेगा। साथ ही भोपाल में समूचे राम वन.गमन.पथ की प्रतिकृति भी निर्मित की जायेगी।

मंदिरों, मठों, तीर्थ स्थलों का उन्नयन:-
प्रदेश में हमारी सरकार के अस्तित्व में आते ही मंदिरों में पूजा-अर्चना करने वाले पुजारियों की बेहतरी के लिए नीतियों को नये सिरे से निर्धारित किया एवं पुजारियों के मानदेय को तीन गुना कर दिया गया। सरकार द्वारा माँ नर्मदा, माँ क्षिप्रा, माँ मंदाकिनी एवं माँ ताप्ती जैसी जीवनदायिनी पवित्र नदियों की सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु नदी न्यास का गठन किया गया है। इसके साथ ही मंदिर एवं मठों की व्यवस्थाओं को बनाये रखने हेतु मठ-मंदिर सलाहकार समिति का भी गठन किया गया है। विभिन्न मंदिरों के जीर्णाद्धार हेतु भी राशि प्रदान की गई है। साथ ही तीर्थदर्शन हेतु तीन विशेष ट्रेने चलायी गई हैं।

विधि और विधायी कार्य- मंत्री पीसी शर्मा
सभी प्रदेशवासियों को संविधान दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाऐं, 26 नवम्बर, 1949 को भारतीय संविधान सभा की तरफ से इसे अपनाया गया था। मैं यहां बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी, जिन्होंने हमें विश्व का सबसे अच्छा संविधान दिया है, संविधान के प्रति उनकी भावनाओं को आज में यहां व्यक्त करना चाहता हूं। उनके शब्द थे ‘मैं महसूस करता हूं कि संविधान चाहे कितना भी अच्छा क्यों न हो, यदि वे लोग, जिन्हें संविधान को अमल में लाने का काम सौंपा जाये, खराब निकले तो निश्चित रूप से संविधान खराब सिद्ध होगा।’ दूसरी ओर, संविधान चाहे जितना भी खराब क्यों न हो, यदि वे लोग, जिन्हें संविधान को अमल में लाने का काम सौंपा जाये, अच्छे हों तो संविधान अच्छा सिद्ध होगा।

आज केंद्र की भाजपा सरकार संवैधानिक मूल्यों को तिरस्कृत कर उसे लागू करना चाहती है। प्रजातंत्र पर प्रहार किया जा रहा है। मगर हाल ही में महाराष्ट्र के संदर्भ में सर्वोच्च अदालत का फैसला हमारे संविधान के प्रति गहरी आस्था पैदा करता है।

1. राज्य शासन द्वारा बाल अधिकार आयोग अधिनियम 2005 के अंतर्गत बालकों के विरूद्ध अपराधों अथवा बाल अधिकारों के अतिक्रमण के अपराधों की त्वरित सुनवाई हेतु राज्य के प्रत्येक सेशन खण्ड से सेशन न्यायालयों को चिन्हित किया गया है।

2. सायबर एवं उच्च तकनीकी अपराधों के विचारण हेतु जबलपुर, इंदौर, भोपाल एवं ग्वालियर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के 4 अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना। न्यायाधीश एवं अमले के कुल 36 पदों का सृजन।

3. प्रदेश के 50 जिलों में वाणिज्यिक न्यायालयों का गठन। जिला न्यायाधीशों को वाणिज्यिक न्यायालयों के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति।

4. मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा उच्च न्यायालय में समस्त प्रकार के शुल्क को ऑनलाईन प्राप्त करने हेतु ऑनलाईन फीस मॉड्यूल तैयार।

5. मध्यप्रदेश में 854 नवीन न्यायालय भवन, न्यायालय कक्ष निर्मित किये जाने एवं न्यायाधीशों के लिए 985 नवीन आवासगृह निर्मित किये जाने का लक्ष्य।

6. माननीय उच्च न्यायालय द्वारा व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 के 140 पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रचलन में।

वचन-पत्र

क्रमांक बिन्दु का विषय की गई कार्यवाही
45.1 प्रदेश के अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार एवं मीडिया कर्मी जो कि अखबार एवं पत्रिकाओं के क्षेत्र में पिछले 25 वर्षों से निरंतर कार्य कर रहे हैं और 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं, उनको रुपये 10 हजार प्रतिमाह की दर से सम्मान-निधि देंगे। श्रद्धानिधि का नाम बदलकर सम्मान-निधि तथा श्रद्धानिधि 7 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दी गई है।
45.2 पत्रकारों को आवास आवंटन के कोटे का पुनर्निर्धारण कर आवास आवंटन के किराये की दरें शासकीय सेवक के समकक्ष रखेंगे। आवास का कोटा 230 से बढ़ाकर 260 करने और किराये की दरें शासकीय कर्मचारियों के समान करने की प्रक्रिया चल रही है।
45.3 पत्रकारों की समस्याओं के निराकरण के लिये राज्य/ जिला स्तरीय समिति गठित करेंगे। समितियों का गठन कर दिया गया है।
45.4 1. दुर्घटना में मृत्यु होने पर 15 लाख रुपये की अनुग्रह राशि।

2. घायल अवस्था में 2 लाख रुपये तक सहायता।

3. दुर्घटना में मृत पत्रकार के आश्रित को स्कूल से महाविद्यालय तक निःशुल्क शिक्षा।

दुर्घटना मृत्यु पर प्रथम चरण में अनुग्रह राशि 4 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रुपये करने की कार्यवाही अंतिम चरण में है।
45.5 पत्रकारों का स्वास्थ्य बीमा करायेंगे। प्रीमियम राशि में 50 प्रतिशत राज्य सरकार मिलायेगी। कुल 2837 पत्रकारों का स्वास्थ्य बीमा करवाया गया है। इस वर्ष बीमा कम्पनी द्वारा पत्रकारों के लिये बढ़ाई गई प्रीमियम राशि का भुगतान भी शासन द्वारा किया गया है।
45.6 जिला-स्तर पर प्रेस क्लब हेतु भू-खण्ड अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा। भू-खण्ड का आवंटन राजस्व विभाग एवं जिला कलेक्टर द्वारा किया जाता है। जमीन आवंटित होने के बाद अनुदान देने का प्रावधान है।
45.7 सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु एक सु.स्पष्ट नीति बनाई जायेगी। नीति बनाने के लिये अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान को जिम्मेदारी दी गई है।
45.8 आवासहीन अधिमान्य पत्रकारों की गृह निर्माण समितियों को भू-खण्ड उपलब्ध करायेंगे तथा प्रथम बार रुपये 25 लाख तक का मकान खरीदने के लिये देय ब्याज में अनुदान देने की नीति बनायेंगे। योजना क्रियान्वित की जा रही है।
  पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया जायेगा। पत्रकार सुरक्षा कानून का प्रारूप बनाया जा चुका है।
  1. जिन मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु राशि दी गई है:-
क्र. नाम स्थान   राशि
1 हनुमान मंदिर सिरोदा खुर्द, जिला धार 5,15,000/-
2 श्री राम जानकी मंदिर झाडीवाला बड़ागांव, तहसील नलखेड़ा जिला आगर मालवा 64,21,000/-
3 श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर तराना जिला उज्जैन 17,84,000/-
4 देवधर्मराम (श्री देवनारायण) मंदिर जलोदिया जागीर, तहसील नागदा, जिला उज्जैन 10,45,000/-
5 श्री चंपावत जी मंदिर तहसील नरसिंहगढ़ 22,57,000/-
6 श्री राम मंदिर ग्रा.लिंगवा, कक्षी जि. धार 30,00,000/-
7 श्री गोपाल कृष्ण मंदिर ग्रा. पीपलरावा, तह. सोनकच्छ जिला देवास 12,00,000/-
8 श्री राम मंदिर ग्रा. निद्राखेड़ी, तह. सारंगपुर, जिला राजगढ़ 42,37,000/-
9 भिलसा वाली माता ग्वालियर, सूर्य नारायण मंदिर जबलपुर, बड़े हनुमान मंदिर, जबलपुर, कुण्डेश्वर मंदिर उज्जैन, नर्मदा उदगम मंदिर अमरकंटक, बाण गंगा मंदिर शिवपुरी, एवं दतिया के मंदिर समूहों के निर्माण, मरम्मत एवं रखरखाव हेतु भी कार्य योजना बनाई जा रही है।
  1. उन मेलों के नाम जिनके आयोजन हेतु मेला प्राधिकरण हेतु राशि दी गई है:-
क्र. नाम स्थान   राशि
1 नवरात्रि मेला महामाई जिला विदिशा 10,00,000/-
2 मंगलादेवी मेला भिण्ड 10,00,000/-
3 प्राचीन रामदेव बाबा मंदसौर 3,50,000/-
4 छिम छिमा हनुमान मेला श्योपुर   10,00,000/-
5 डोल ग्यारस मेला विदिशा 2,50,000/-
6 महाशिव रात्रि मेला योगेश्वरनाथ जि. दमोह 7,00,000/-
7 बुदड़ी मेला शिवपुरी 1,70,000/-
8 रतनगढ़ माता मंदिर समग्र विकास कार्य योजना जिला दतिया 80,00,000/-
9 शनिश्चरी हनुमान मंदिर मेला जिला अशोकनगर 10,00,000/-
    कुल 1,34,70,000/-
  1. तीथ दर्शन हेतु तीन टेने चलाई गई है।
क्र. नाम स्थान
1 मदुरै 1249
2 रामदेवरा 1000
3 द्वारका 1000
4 जगन्नाथपुरी 1000

पत्रकारवार्ता के दौरान मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा, मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा, मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष और मंत्रियों की एक माह तक नियमित होने वाली प्रेस कांफ्रेंस के मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा नियुक्त समन्वयक अभय दुबे, मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष सैयद जाफर समेत अनेक प्रवक्ता और पैनलिस्ट मौजूद थे।

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