शहरों के नियोजित विकास की इबारत लिखी जा रही है, देश के सर्वाधिक नियोजित होंगे मध्यप्रदेश के शहर- मंत्री जयवर्धनसिंह

शहरों के नियोजित विकास की इबारत लिखी जा रही है, देश के सर्वाधिक नियोजित होंगे मध्यप्रदेश के शहर- मंत्री जयवर्धनसिंह
‘एक साल-प्रदेश खुशहाल’ …….

भोपाल, 19 नवम्बर, 2019
सर्वप्रथम आज मैं भारत की पूर्व प्रथम महिला प्रधानमंत्री, प्रियदर्शिनी श्रीमती इंदिरा गांधी जी की जयंती के अवसर पर उन्हें नमन करता हूं। मैं उन सौभाग्यशाली जनप्रतिनिधियों में से हूं, जिसे यशस्वी मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी जैसे देश के सर्वाधिक अनुभवी, दृष्टा और विज्ञ नेतृत्व के सानिध्य में कार्य करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। खासकर मैं यह बात बड़े ही गर्व से कह सकता हूं कि शहरी विकास के कार्यों के अनुभव में श्री कमलनाथ जी का कोई सानी नहीं है। यह बात मध्यप्रदेश के नगरीय विकास मंत्री जयवर्धनसिंह ने मंगलवार 19 नवम्बर 2019 को भोपाल में एक पत्रकारवार्ता के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि आज जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के एक वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित पत्रकार वार्ता में मैं आपसे मुखातिब हूं तब मुझे कमलनाथ जी का मूल मंत्र याद आता है ‘प्रचार नहीं परिणाम’ अर्थात उनकी साफ मान्यता है कि किया हुआ काम अपना प्रचार खुद करता है तथा मैं अपने विभाग के परिणाम मूलक विषयों को आपके सम्मुख रख रहा हूं।

देश के सर्वाधिक नियोजित होंगे मध्यप्रदेश के शहर:
उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश की लगभग 28 प्रतिशत आबादी शहरों में निवास करती है जिसमें 378 नगरीय निकाय हैं, 16 नगर पालिका निगम, 98 नगर पालिका तथा 264 नगर परिषदें हैं। हम चाहते हैं कि मध्यप्रदेश के शहरों का नियोजन विश्वस्तरीय हो, इसके दृष्टिगत हमनें टोक्यो, शंघई, हॉगकांग, जोहांसबर्ग, म्यूनिख, लंदन, न्यूयार्क अर्थात विश्व प्रसिद्ध सात मास्टर प्लानों का अध्ययन किया है और मध्यप्रदेश के 34 शहरों का मास्टर प्लान हम हूबहू उसी तर्ज पर जीआईएस बेस्ड बनाने जा रहे हैं और ट्रांजिट औरियेंटेड डेव्लपमेंट, मिक्स लैंड यूज, जोनिंग प्लान और ट्रेफिक इंपेक्ट स्टडी इत्यादि इन शहरों के महत्वपूर्ण तत्वों को हम मध्यप्रदेश के शहरों के नियोजन में अपनायेंगे। हमारे शहरी विकास का यह नियोजन प्रत्येक शहर की विशेषताओं के आधार पर होगा। अर्थात धार्मिक, पर्यटन, औद्योगिक निवेश, शैक्षणिक हब इत्यादि। जिस शहर की जो खासियत होगी उसका मास्टर प्लान उस खासियत के दृष्टिगत बनाया जायेगा।

लैंड पूलिंग और रियल स्टेट पॉलिसी संवारेगी प्रदेश का भविष्य:-
मंत्री जयवर्धन ने बताया कि कांग्रेस सरकार जल्द ही मध्यप्रदेश में लैड पूलिंग पॉलिसी लाने जा रही है। जिसमें भू-धारकों को स्टेक होल्डर बनाकर भूमि का विकास किया जायेगा। इस पॉलिसी में हाउसिंग बोर्ड, टूरिज्म डिपार्टमेंट एवं स्थानीय निकाय भी सम्मिलित किये जायेंगे, ताकि आवश्यकता के अनुरूप भूमि को चिन्हित कर स्टेक होल्डर के साथ सांझे स्वरूप में नियोजित विकास किया जा सके।

आज रियल स्टेट कारोबार को सकारात्मक रूप से महत्व देने की आवश्यकता है। हम रियल स्टेट की एक पृथक से पॉलिसी बनाकर वन-स्टेट, वन-रजिस्टेशन का फामूर्ला लाने जा रहे हैं, जिसमें सीमलेस इंटीग्रेशन होगा। हाल ही में हमने दो हेक्टेयर से भी कम भूमि वालों को भी आवासीय स्कीसम के विकास की अनुमति प्रदान की है।

भूमिहीनों के आवास का स्वप्न हुआ साकार:-
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी की मान्यता है कि प्रदेश के प्रत्येक परिवार के पास निवास योग्य भूमि होनी ही चाहिए। इसी तारतम्य में मुख्यमंत्री जी ने 11 सितम्बर, 2019 को मुख्यमंत्री आवास मिशन का शुभारंभ किया था। इस योजना के अंतर्गत 1,15,892 आवासीय इकाईयों के निर्माण की योजना स्वीकृत की जा चुकी है। प्रदेश के डेढ़ लाख भूमिहीन परिवारों को अब तक निवास योग्य पट्टे वितरण की कार्यवाही प्रचलित है।

पर्यावरण पोषित पब्लिक ट्रांसपोर्ट एवं जल संरक्षण:-
मंत्री जयवर्धन ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर्यावरण को समर्पित पब्लिक ट्रांसपोर्ट की अवधारणा में विश्वास रखती है। प्रदेश और शहरों को प्रदूषण से बचाने की दिशा में हमने एक बड़ा कदम उठाया है। मध्यप्रदेश के 5 नगरीय निकायों में हम 380 इलेक्ट्रिक बसें संचालित करने का मानस बना चुके हैं। जिसमें से 40 इंट्रासिटी बसों का संचालन प्रारंभ भी किया जा चुका है।

जयवर्धन ने बताया कि हाल ही में हमने अक्षय जल संचय अभियान प्रारंभ किया है, जिसके अंतर्गत सभी 378 नगरीय निकायों में 80 हजार से अधिक रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर स्थापित किये गये तथा 10 लाख पौधों का रोपण किया गया। इसी प्रकार नगरीय निकायों में 11 लाख पारंपरिक लाईटों को एलईडी से परिवर्तित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे स्ट्रीट लाईट की विद्युत खपत 50 प्रतिशत तक कम हो जायेगी।

उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों में स्वच्छता के लिए जनजागृति अभियान चलाया जा रहा है तथा सिंगल यूज प्लास्टिक को भी नकारने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अब तक 2 लाख से अधिक नागरिकों द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक उपयोग नहीं किये जाने की शपथ ली गई है और सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए 4 लाख से अधिक कपड़े के झोले वितरित किये जा चुके हैं।

सार्वजनिक व निजी आयोजनों में सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग रोकने के लिए 1500 से अधिक बर्तन बैंकों की स्थापना की गई है। अपशिष्ट कचरा प्रबंधन के लिए 836 छोटे कचरा संग्रहण वाहनों को क्रय किया जा रहा है तथा 83 मटेरियल रिकवरी केंद्रों की स्थापना की जा रही है।

स्वाभिमानी युवा स्वावलंबी हो रहे हैं:-
मंत्री जयवर्धन ने बताया कि दिनांक 22 फरवरी, 2019 से शहरी क्षेत्र में मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना लागू की गई है। नगरीय क्षेत्र में निवासरत युवाओं को व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान करते हुए एक वर्ष में 100 दिन का अस्थाई रोजगार या स्टाइपेण्ड प्रदान किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत 4.24 लाख हितग्राहियों द्वारा पंजीयन कराया गया है। वर्तमान में योजना 166 नगरीय निकायों में संचालित है। वर्तमान में 19932 हितग्राही प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं और 18396 पात्र हितग्राहियों को 12.10 करोड़ रूपये स्टाइपेण्ड के रूप में वितरित किये गये हैं।

मंत्री जयवर्धन ने कहा कि अंततः मैं आपसे यही कहना चाहता हूं कि मध्यप्रदेश के शहरों के विकास की असीम संभावनाएं हैं, जिसको हम निरंतर आकार दे रहें हैं, चाहे वो इंदौर, भोपाल में मेट्रो रेल परियोजना का भूमि पूजन जो हाल ही में मुख्यमंत्री जी ने किया, या प्रदेश के प्रमुख शहरों में मेट्रो पॉलिटन अर्थाटी की स्थापना हो, चाहे वो माँ नर्मदा के जल की पवित्रता और निर्मलता को बरकरार रखने के लिए नर्मदा किनारे के समस्त 21 शहरी स्थानीय निकायों में सेप्टेज मेनेजमेंट का कार्यक्रम हो, पूरी दृढ़इच्छा शक्ति के साथ हमनें अपने संकल्पों को आकार दिया है।

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