मध्यप्रदेश में रोज होता है 8 लाख लीटर से अधिक दुग्ध संकलन
उपभोक्ता प्रतिदिन खरीदते हैं 7 लाख लीटर से अधिक दूध
मध्यप्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने बताया कि प्रदेश के 6 दुग्ध संघों द्वारा दुग्ध प्रदायकों से रोज 8 लाख 35 हजार 296 लीटर दूध संकलित किया जाता है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर और बुंदेलखण्ड दुग्ध संघ द्वारा 6 हजार 593 दुग्ध समितियों के माध्यम से 2 लाख 29 हजार 702 दुग्ध प्रदायकों से यह दूध खरीदा जाता है। इसमें से रोज 7 लाख 16 हजार 465 लीटर दूध उपभोक्ताओं को विक्रय किया जाता है।
मंत्री श्री पटेल ने बताया कि पशुओं को पौष्टिक आहार मिले और वे स्वस्थ्य रहें, इसके लिये एम.पी. स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन द्वारा पचामा, मांगलिया, बंडोल, शिवपुरी और सागर में 13 हजार 750 मीट्रिक टन प्रतिमाह उत्पादन क्षमता के पशु आहार संयंत्र संचालित किये जा रहे हैं। गौ-भैंस वंशीय पशुओं को उचित अनुपात में भूसा, चारा और अन्य पौष्टिक आहार खिलाने से पशुओं के शारीरिक विकास के साथ दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि होती है। दुग्ध संघ के संयंत्रों में निर्मित साँची ब्रॉण्ड सुदाना पशु आहार में विटामिन, प्रोटीन, फेट आदि सभी आवश्यक पौष्टिक तत्व होते हैं। दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होने से किसानों की आय में भी वृद्धि होती है।
पशुओं को हरा चारा निरंतर मिले, इसके लिये दुग्ध समितियों एवं सदस्यों को निर्धारित मात्रा में मौसमवार उन्नत किस्म के चारे के बीज जैसे सूडान-चरी, अफ्रीकनटाल मक्का, बाजरा, मल्टीकट बरसीम, लूसर्न, ओट आदि दिये जाते हैं। इसमें 50 प्रतिशत राशि संघ द्वारा और 25-25 प्रतिशत दुग्ध समितियों और समिति सदस्यों द्वारा वहन की जाती है। अब तक लगभग 155 मीट्रिक टन हरा चारा बीज वितरित किया गया।