विज्ञान मेला की तैयारियों की समीक्षा
विज्ञान के बिना आत्म-निर्भरता की परिकल्पना भी नहीं : मंत्री श्री सखलेचा
मध्यप्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने भोपाल के जंबूरी मैदान में 7 जनवरी से शुरू हो रहे 9वें विज्ञान मेला की तैयारियों की शुक्रवार रात समीक्षा की। उन्होंने कहा कि विज्ञान के बिना विकास और आत्म-निर्भरता की कल्पना नहीं की जा सकती है। अतः आयोजन पिछले साल से और बेहतर करने पर फोकस किया जाए।
एमएसएमई और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री सखलेचा ने कहा कि विचार-मंथन का निष्कर्ष ऐसा होना चाहिए कि मेला सफल हो और एक छाप छोड़े। इसके लिए हमें पूर्णतः समर्पित होकर काम करना है। उन्होंने कहा कि आज के युग में बिना विज्ञान के आत्म-निर्भरता कभी भी संभव नहीं है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के सपने को हम बिना विज्ञान के पूरा नहीं कर सकते। इन सबके लिए विज्ञान एक महत्वपूर्ण कड़ी है। मेले की सफलता के साथ हम एक नई दिशा भी तय करेंगे। क्या नया हो सकता है और इसमें सरकार का क्या योगदान हो सकता है, विश्लेषण करें और हमें बताएँ। मध्यप्रदेश सरकार इसके लिए हमेशा तत्पर रहेगी।
निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के चेयरमैन श्री भरत शरण ने कहा कि कुछ वर्षों से विज्ञान भारती ने नवाचारों के साथ जो काम शुरू किए हैं, उनके परिणाम अब दिखने लगे हैं। मध्यप्रदेश की जनता विज्ञान के साथ आत्म-निर्भरता की ओर बढ़ रही है। विज्ञान मेला एक ऐसा प्लेटफार्म है, जिसमें हम सभी एक साथ मिलकर काम करते हुए एक-दूसरे की प्रतिभा को जान सकते हैं। यह संभव है कि छात्र-वैज्ञानिक संवाद में प्रतिभाशाली व्यक्ति की पहचान की जा सकती है, जिसके ज्ञान से नई दिशा में काम किया जा सकता है, जो भारत के लिए और हमारे प्रदेश के लिए गौरव की बात होगी।
विज्ञान भारती के राष्ट्रीय महासचिव श्री सुधीर भदौरिया ने कहा कि हर विज्ञान मेला अपने आप में अनोखा होता है। भोपाल में पिछले वर्ष आयोजित विज्ञान मेला बहुत सफल रहा, जिसने अपनी एक छाप छोड़ी। हमारी हमेशा कोशिश रहती है कि हर आयोजन पिछले से एक स्तर आगे रहे। हम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का अलग-अलग संस्थानों से संबंध स्थापित कर कार्यक्रमों को नया आयाम प्रदान कर सकते हैं। इस तरह के आयोजन से हम साइंटिफिक अवेयरनेस को बढ़ावा दे सकते हैं, जो कि समाज की भागीदारी से संभव है।
विज्ञान भारती के राष्ट्रीय सचिव श्री प्रवीण रामदास, एमपीसीएसटी के महानिदेशक श्री अनिल कोठारी, सीएसआईआर के चेयरमैन श्री अवनीश श्रीवास्तव, विज्ञान भारती के प्रांत अध्यक्ष डॉ अमोघ गुप्ता, विज्ञान भारती के सचिव श्री संजय कौरव एवं अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।