भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए मनरेगा अंतर्गत मध्यप्रदेश का वार्षिक लेबर बजट रिवाइज कर 33 करोड़ मानव दिवस का किया है। मनरेगा अंतर्गत अब प्रदेश में 33 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य हो गया है, जिसे 31 मार्च 2021 तक पूरा करना होगा।
अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि पूर्व में वर्ष 2020-21 के लिए भारत सरकार द्वारा 20 करोड़ 50 लाख मानव दिवस का लक्ष्य रखा गया था। प्रदेश में कोराना काल में मनरेगा श्रमिकों को हर हाथ को काम मुहैया कराकर इस लक्ष्य को माह सितम्बर 2020 में प्राप्त कर लिया था। जिसे भारत सरकार ने पुनरीक्षित कर 28 करोड़ 50 लाख मानव दिवस कर दिया था। प्रदेश द्वारा 28 करोड़ 50 लाख मानव दिवस के लक्ष्य को 25 जनवरी 2021 तक हासिल कर लिया। भारत सरकार द्वारा पुनर्लक्षित करते हुए 31 करोड़ मानव दिवस का कर दिया था। मध्यप्रदेश में 18 फरवरी की स्थिति में 30 करोड़ 63 लाख मानव दिवस सृजित हो चुके है।
भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ गुरूवार को आयोजित हुयी वीडियो कॉन्फ्रेंस में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा मघ्यप्रदेश में मनरेगा के पूर्व लक्ष्य 31 करोड़ मानव दिवस को को संशोधित करते हुए 33 करोड़ मानव दिवस कर दिया है। दो करोड़ मानव दिवस का लक्ष्य बढ़ जाने से प्रदेश के ग्रामीण परिवारों को जहाँ रोजगार के अतिरिक्त अवसर मुहैया होंगे वहीं मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों को 380 करोड़ रूपये मजदूरी के रूप में अतिरिक्त प्राप्त होंगे।
प्रदेश में मनरेगा अन्तर्गत ग्रामीण जॉब-कार्डधारी परिवारों को हर हाथ को काम मुहैया कराया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2020-21 अंतर्गत 52 लाख 47 हजार परिवारों के 98 लाख 79 हजार श्रमिकों को 30 करोड़ 63 लाख मानव दिवस का रोजगार मुहैया कराया जा चुका है। कोविड काल में मनरेगा अंतर्गत सृजित मानव दिवस योजना प्रारंभ से अब-तक के वर्षों में रिकार्ड सर्वाधिक है। मनरेगा के तहत कोविड काल, वर्ष 2020-21 में 6 लाख 45 हजार हितग्राही मूलक और सामुदायिक कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। वर्तमान में 6 लाख 74 हजार कार्य प्रगतिरत हैं।