मध्यप्रदेश में बाढ़ से क्षति के मूल्यांकन के लिये केन्द्रीय टीम तुरंत प्रदेश भेजने का अनुरोध बाढ़ से हुई क्षति की भरपाई के लिये केन्द्र से अतिरिक्त सहायता की मांग – मनीष रस्तोगी,प्रमुख सचिव राजस्व विभाग मध्यप्रदेश शासन
मध्यप्रदेश शासन ने अगस्त के प्रथम सप्ताह में विशेष तौर पर ग्वालियर, चम्बल संभाग के 8 जिलों में अभूतपूर्व भारी वर्षा से हुए नुकसान के मूल्यांकन के लिये केन्द्र सरकार से तुरंत अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय टीम भेजने का अनुरोध किया है। राज्य शासन द्वारा विस्तृत ज्ञापन सौंपने के लिये मैदानी सर्वेक्षण कर आंकड़े एकत्र किये जा रहे हैं। प्रमुख सचिव राजस्व विभाग मध्यप्रदेश शासन श्री मनीष रस्तोगी ने आज केन्द्रीय गृह मंत्रालय ( आपदा प्रबंधन विभाग ) को भेजे पत्र में कहा है कि केन्द्रीय टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान के मूल्यांकन से प्रदेश को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के तहत अतिरिक्त सहायता मिल सकेगी, जिसकी नितांत आवश्यकता है।
पत्र में जानकारी दी गई है कि ग्वालियर और चम्बल संभाग में बहुत ही कम समय में हुई मूसलाधार बारिश ने बड़े पैमाने पर क्षति पहुँचाई है। भारी वर्षा के चलते चम्बल, सिंध, पार्वती, कूनो, सीप और कुवारी नदियों का पानी भी खतरनाक स्तर पर पहुँच गया। बाढ़ के कारण श्योपुर, शिवपुरी, मुरैना, गुना, ग्वालियर, दतिया, भिण्ड जिले की बहुत-सी बस्तियों और गाँवों को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है।
केन्द्र शासन को भेजे पत्र में कहा गया है कि एक अप्रैल, 2021 को राज्य आपदा राहत कोष का खर्च शून्य था। राज्य आपदा राहत कोष 2020-21 के तहत 2427 करोड़ रुपये का प्रावधान है। इसमें से 20 प्रतिशत यानि 485.4 करोड़ रुपये मिटिगेशन (शमन) और 970.80 करोड़ रुपये कोविड-19 के लिये निर्धारित किये गये। एक अप्रैल, 2021 से 5 अगस्त, 2021 के मध्य एसडीआरएफ के तहत 576.13 करोड़ व्यय होने के बाद शेष राशि 1364.47 करोड़ रुपये है। कोविड संक्रमण की भावी संभावना को देखते हुए यह राशि बाढ़ प्रभावितों को राहत पहुँचाने के लिये अपर्याप्त है। अतएव एनडीआरएफ से अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता है।
भेजे गये पत्र में प्रदेश में वर्षा की जानकारी भी दी गई है। जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में आज दिनांक तक औसत वर्षा 503.2 मि.मी. होनी चाहिये, जिसके विरुद्ध 12 प्रतिशत अधिक 562.7 मि.मी. वर्षा हो चुकी है। गौरतलब है कि प्रदेश में 20 जुलाई तक 23 प्रतिशत और 25 जुलाई तक 3 प्रतिशत कम औसत वर्षा दर्ज की गई थी। ग्वालियर और चम्बल संभाग के लगभग सभी जिले कम वर्षा से जूझ रहे थे। अगस्त के पहले सप्ताह में अभूतपूर्व वर्षा में एक और दो अगस्त को 24 घंटे में श्योपुर जिले में 114.5 मि.मी. वर्षा हुई, जिसमें विजयपुर, कराहल और श्योपुर तहसीलों में क्रमश: 165.5, 126 और 115 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई। इसी तरह शिवपुरी जिले में एक ही दिन में 141.8 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई। जिले की तहसील- बेराड़, पोहरी, नरवर, पीपरसमा, बदरवास, कोलारस, शिवपुरी (नगर) में 24 घंटे के भीतर क्रमश: 286 मि.मी., 195, 163, 136.5, 135, 125 और 117 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई।
इसी प्रकार श्योपुर जिले में 2 और 3 अगस्त को 195 मि.मी. वर्षा हुई। तहसील वीरपुर में 215 और विजयपुर में 175 मि.मी. भारी वर्षा दर्ज की गई। इस अवधि में शिवपुरी जिले में 312.8 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई। जिले की तहसील शिवपुरी (नगर) में 470 मि.मी., पिछोर में 417, पीपरसमा में 389.5, पोहरी में 384, खनियादाना में 327 मि.मी. अति-वर्षा रिकार्ड की गई। इसी तरह गुना जिले में 136.4 मि.मी. हुई वर्षा में बमोरी तहसील में 271 मि.मी., राघवगढ़ 158, गुना (नगर) 142.6 मि.मी. भारी वर्षा दर्ज हुई। अशोकनगर जिले में 154 मि.मी. वर्षा में तहसील ईसागढ़ में 195 मि.मी., चंदेरी 188, अशोकनगर (नगर) 138 मि.मी. शामिल है।