अति-वृष्टि से प्रभावित परिवारों को अभी तक 200 करोड़ की सहायता
अति-वृष्टि से प्रभावित परिवारों को अभी तक 200 करोड़ की सहायता
फसल राहत मद में 270 करोड़ वितरित
केन्द्र से 6621.28 करोड़ की सहायता राशि की मांग : अभी तक सहायता नहीं मिली
भोपाल। प्रदेश में अति-वृष्टि और बाढ़ से प्रभावित जिलों में राज्य सरकार द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए फसलों की राहत राशि को छोड़कर अब तक लगभग 200 करोड़ रुपये की राहत राशि का वितरण प्रभावित परिवारों को किया गया है। अति-वृष्टि से सबसे अधिक प्रभावित जिलों मंदसौर, आगर और नीमच में फसल क्षति के लिये राशि का वितरण शुरू कर दिया गया है। इन जिलों में फसल राहत मद में अब तक 270 करोड़ की राशि का वितरण किया जा चुका है।
राजस्व मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि भारी बारिश के दौरान राज्य सरकार द्वारा सभी एजेंसियों से मदद लेकर लगभग 75 हजार लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया। सभी जिलों में सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। राहत के प्रकरण भी तैयार किये जा रहे हैं।
अति-वृष्टि और बाढ़ से हुई क्षति के विरुद्ध राहत वितरण और क्षतिग्रस्त भौतिक अधोसंरचनाओं की मरम्मत, पुनर्निर्माण और निर्माण आदि के लिये राज्य सरकार द्वारा तेज गति से काम कर रही है। अक्टूबर में ही भारत सरकार से एनडीआरएफ से 6621 करोड़ 28 लाख अतिरिक्त राशि की माँग की गई है। वर्ष 2013, 2015 और 2017 में बाढ़ तथा सूखा पड़ने पर भारत सरकार को सहायता का मेमोरेण्डम नवम्बर महीने तक ही गया था। केन्द्र सरकार का अध्ययन दल 21 जिलों में दौरा कर अति-वृष्टि की तबाही देख चुका है।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने स्वयं प्रधानमंत्री और केन्द्रीय गृह मंत्री से मिलकर राज्य को जल्दी सहायता राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश को अभी तक कोई सहायता राशि एनडीआरएफ के तहत नहीं दी गई है, जबकि कर्नाटक और बिहार को सहायता राशि दी जा चुकी है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में अति-वृष्टि से लगभग 55 लाख किसानों की करीब 60 लाख हेक्टेयर की फसल खराब हुई है। इसके साथ ही भौतिक अधोसंरचनाओं को भी भारी नुकसान हुआ है। लगभग 11 हजार किलोमीटर सड़कें खराब हुई हैं और लगभग एक लाख 20 हजार घरों को नुकसान पहुँचा है।