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मध्यप्रदेश में बनेगा वन्यजीव प्रबंधन का इतिहास

बाघ प्रदेश के साथ अब बनेगा चीता प्रदेश

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  • मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शिवराज सिंह चौहान के प्रयास हुए सफल अब मध्य प्रदेश बाघ प्रदेश के अलावा भारत का चीता प्रदेश कहलाएगा।  मध्य प्रदेश बाघ प्रदेश के अलावा अब भारत का चीता प्रदेश भी कहलाएगा। एमपी पोस्ट को मिली जानकारी के अनुसार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नामीबिया से 12 चीतों की एक खेप मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में आएगी और उन्हें पालपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ जाएगा।

 

 

मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शिवराज सिंह चौहान के प्रयास हुए सफल

अब मध्य प्रदेश बाघ प्रदेश के अलावा भारत का चीता प्रदेश कहलाएगा।

मध्य प्रदेश बाघ प्रदेश के अलावा अब भारत का चीता प्रदेश भी कहलाएगा। एमपी पोस्ट को मिली जानकारी के अनुसार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नामीबिया से 12 चीतों की एक खेप मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में आएगी और उन्हें पालपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ जाएगा। भारत में चीतों को बसाने के लिए श्योपुर जिले में पालपुर कूनो का चुनाव 2009 में कर लिया गया था। इसे चीतों के रहवास के लिए तैयार करने एवं कानूनी प्रक्रिया पूरी करने में मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शिवराज सिंह चौहान ने हर कदम पर विशेष पहल कर मुख्य भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री के उत्साहपूर्वक किए गए प्रयासों को केंद्र सरकार ने पूरा सहयोग दिया।

मुख्यमंत्री ने विशेष पहल कर कुनो को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया । मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित है। यह लगभग 900 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। 1981 में इस वन्यजीव अभ्यारण्य के लिए 344.68 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र निश्चित किया गया था। बाद में क्षेत्र में वृद्धि की गयी। यहां मुख्य रूप से भेड़िया, बन्दर, तेंदुआ तथा नीलगाय हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में विलुप्त हो चुके एशियाई चीते को फिर से अपना परिवार बढ़ाने का अवसर देने में मध्यप्रदेश ने जो पहल की है उसके अच्छे परिणाम मिलेंगे ।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का कहना है कि देश और विश्व के वन्यजीव प्रबंधन में मध्यप्रदेश नया इतिहास रचने जा रहा है। सीएम का मानना है कि एक देश से दूसरे देश में चीतों को बसाने की यह एक ऐतिहासिक घटना होगी। विश्व के सभी देशों के पर्यावरण प्रेमियों, वन्य जीव विशेषज्ञों की उत्सुकता बनी हुई है। मध्य प्रदेश के वन्य जीव प्रबंधन एवं संरक्षण के इतिहास में भी यह अभूतपूर्व घटना होगी। मध्यप्रदेश के नागरिकों के लिए भी यह गौरव का क्षण होगा।

आदर्श इको टूरिज़्म

मध्यप्रदेश इको टूरिज्म की दृष्टि से एक आदर्श प्रदेश के रूप में उभरेगा। इसका एक कारण यह है कि कूनो-पालपुर, रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान से सिर्फ 100 किलोमीटर दूर है। पार्क में औसतन पांच लाख पर्यटक हर साल आते हैं पालपुर कूनो में चीता आने से वे स्वाभाविक रूप से पालपुर कूनो भी आएंगे।
कूनाे पालपुर नेशनल पार्क के प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि 15 अगस्त को चीता का स्वागत करने के लिए सभी तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

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