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एमपी में लंपी वायरस से पशुओं को बचाएँ, मुफ्त टीका लगवाएँ

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान का पशुपालक और किसानों को संदेश

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  • संयुक्त प्रयासों से करें रोग पर नियंत्रण  मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमारे सामने पशुधन पर लंपी वायरस बीमारी के रूप में एक बड़ा गंभीर संकट आया है। लंपी वायरस मध्यप्रदेश में भी पैर पसार रहा है। हम अपने पशुओं को, विशेष कर गौ-माता को केवल प्राणी नहीं मानते बल्कि माँ मानते है और उनके प्रति श्रद्धा रखते हैं। गौ-माता हो, बाकी पशु हों, हमारी अर्थ-व्यवस्था को मजबूत करने का काम करते हैं। आज जब वो संकट में हैं तो हमारा कर्त्तव्य है कि हम इस संकट से उन्हें निकालने के लिए भरपूर प्रयास करें।

संयुक्त प्रयासों से करें रोग पर नियंत्रण

 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमारे सामने पशुधन पर लंपी वायरस बीमारी के रूप में एक बड़ा गंभीर संकट आया है। लंपी वायरस मध्यप्रदेश में भी पैर पसार रहा है। हम अपने पशुओं को, विशेष कर गौ-माता को केवल प्राणी नहीं मानते बल्कि माँ मानते है और उनके प्रति श्रद्धा रखते हैं। गौ-माता हो, बाकी पशु हों, हमारी अर्थ-व्यवस्था को मजबूत करने का काम करते हैं। आज जब वो संकट में हैं तो हमारा कर्त्तव्य है कि हम इस संकट से उन्हें निकालने के लिए भरपूर प्रयास करें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पशुपालक और किसानों को संबोधित संदेश में कहा कि सरकार पशुओं के कष्ट के समय में साथ है, सरकारी अमला पूरा सहयोग करेगा। इस बीमारी का टीका मुफ्त में दिया जा रहा है, लेकिन सावधानी आपको रखनी पड़ेगी। अगर हमने सावधानी नहीं रखी तो हमारे पशुधन पर गहरा संकट आएगा। हम वैसे भी प्राणियों में वही एक ही चेतना देखते हैं जो मनुष्यों में है। इसलिए प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो की बात करते हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विश्व के कल्याण में चाहे गौवंशी हो, भैंस वंशी हो, हमारे इन पशुओं का कल्याण भी शामिल है। इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि हम तत्काल इस रोग के लक्षण को पहचाने। लंपी वायरस से संक्रमित होने वाले पशुओं में कई तरह के बदलाव आते हैं। अगर आपके पशुओं में यह लक्षण दिख रहे हों तो तत्काल उनका इलाज करवायें। संक्रमित होने पर पशुओं को बुखार आने लगता है और सुस्त हो जाते हैं। पैरों में सूजन आ जाती है, आँखों से पानी और मुँह से लगातार लार निकलने लगती है। शरीर में गठान पड़ने लगती है, यह गठान गोल और उभरी हुई होती है। पशुओं का वजन कम होने लगता है और पूरे शरीर पर छोटे-छोटे घाव जैसे उभरे हुए निशान दिखाई देने लगते हैं। दूध देने वाले पशुओं का दूध भी बंद या कम हो जाता है। इसलिए इस रोग से अपने पशुओं को बचाने के लिए तुरंत उपाय करने की आवश्यकता है क्योंकि यह बीमारी पशुओं से पशुओं में फैलती है। यह रोग मच्छर, काटने वाली मक्खी इत्यादि के द्वारा भी एक पशु से दूसरे पशु में फैलता है, लेकिन यह बीमारी पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलती।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पशुओं के संक्रमित होने के बाद यह वायरस तेजी से फैलता है। इसलिए बेहतर है कि कुछ सावधानियाँ रख कर पशुओं को संक्रमित होने से बचाया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पशुपालकों को सावधानियों को बरतने का परामर्श देते हुए कहा कि किसी भी एक पशु में लक्षण दिखने पर तुरंत उसे बाकी पशुओं से अलग करने और पशु चिकित्सक से संपर्क करने के अलावा पशुओं को मक्खी, मच्छर, जूं आदि परजीवियों से बचा कर रखने, संक्रमित इलाके में कीटाणुनाशक का छिड़काव करने, लंपी वायरस से मृत पशुओं के शव को खुले में न छोड़ कर गहरा गड्ढा कर उसमें दफनायें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार की तरफ से फ्री में टीका लगाया जा रहा है, ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण इस रोग की रोकथाम कर सकता है इसलिए टीकाकरण अवश्य कराएँ। हमारे पशु-चिकित्सक और बाकी अमला उपचार और रोग के संबंध में आपको सहयोग करने के लिए और परामर्श देने के लिए उपलब्ध हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार आपके साथ खड़ी है लेकिन चिंता हम सबको मिल कर करनी है। जैसे कोविड-19 से इंसानों के बचाव के लिए हमने लड़ाई लड़ी थी वैसे ही अपने गोवंश के लिए, बाकी पशुओं को बचाने के लिए हमको यह लड़ाई लड़नी पड़ेगी। आइए पूरी तरह से लंपी वायरस को हराने के लिए हम कमर कस लें और काम में जुट जाएँ।

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