एमपी में लाड़ली ई-संवाद एप भी होगा लॉन्च
लाल परेड ग्राउंड भोपाल में रविवार को होगा राज्य स्तरीय लाड़ली लक्ष्मी उत्सव
एमपीपोस्ट, 07 मई, 2022 ,भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान रविवार, 8 मई, 2022 को लाड़ली लक्ष्मी उत्सव में लाड़ली लक्ष्मी योजना – 2.0 का शुभारंभ करेंगे। भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में शाम साढ़े 6 बजे लाड़ली लक्ष्मी उत्सव का राज्य स्तरीय कार्यक्रम होगा। इसमें लगभग 7,500 लाड़ली लक्ष्मी बेटियाँ उपस्थित रहेंगी। साथ ही सभी जिले, विकासखंड, ग्राम पंचायत और नगरीय निकायों से भी लाड़ली लक्ष्मियाँ और जन-प्रतिनिधि वर्चुअली जुड़ेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान लाड़ली बेटियों से सतत् संवाद स्थापित किए जाने के लिए लाड़ली ई-सवांद एप का लोकार्पण भी करेंगे। इस संवाद एप में सभी बेटियों को समग्र आई.डी. के माध्यम से शिक्षा पोर्टल से जोड़ा जाएगा, जिससे उनकी शैक्षणिक स्थिति की निरंतर ट्रैकिंग हो सकेगी।
राज्य स्तरीय लाड़ली लक्ष्मी उत्सव में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह और पर्यटन, संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर भी मौजूद रहेंगी। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण विभिन्न संचार माध्यमों से किया जाएगा।
लाड़ली लक्ष्मी योजना- 2.0
लाड़ली लक्ष्मी योजना-2.0 में बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित कर उन्हें आत्म-निर्भर बनाने के लिये अभिनव पहल की गई है। योजना में बेटियों का आत्म-विश्वास बढ़ाने, आर्थिक सशक्तीकरण, कौशल संवर्धन और उनके पोषण स्वास्थ्य एवं शिक्षा के साथ उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए उल्लेखनीय कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों को सम्मानित करने का निर्णय भी लिया गया है। इससे समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक सोच में वृद्धि होगी। बालिकाओं की सर्वोत्तम देखभाल करने वाली ग्राम पंचायतों को “लाड़ली फ्रैंडली” ग्राम पंचायत घोषित किया जाएगा। लाड़ली बालिकाओं को कक्षा 12वीं के बाद स्नातक अथवा व्यवसायिक पाठ्यक्रम में जिसकी अवधि न्यूनतम 2 वर्ष होगी, प्रवेश लेने पर दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि दो समान किश्तों में दी जाएगी। उच्च शिक्षा में स्नातक डिग्री अध्ययन या व्यवसायिक डिप्लोमा के लिए शिक्षण शुल्क का वहन राज्य शासन द्वारा किया जाएगा।
लाड़ली लक्ष्मी योजना की उपलब्धियाँ
मध्यप्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना में अप्रैल 2022 तक 42 लाख, 4 हज़ार 650 बालिकाओं को पंजीकृत किया जा चुका है। अब तक 9 लाख से अधिक बालिकाओं को 231 करोड़ रूपये की छात्रवृत्ति राशि का भुगतान किया जा चुका है। प्रदेश में जन्म लिंगानुपात बढ़कर 927 से 956 हो गया है। योजना लागू होने बाद समाज का बेटियों के प्रति दृष्टिकोण बदला है, जिससे बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त करने में आशातीत सफलता भी मिली है।