मध्यप्रेदश में निवेश करना लाभदायक

भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग सचिव श्री अनुराग जैन

 

भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग सचिव श्री अनुराग जैन ने मध्यप्रदेश को सभी तरह की विविधता वाला प्रदेश बताते हुए उद्योग जगत से यहाँ निवेश करने का आव्हान किया। श्री जैन गुरुवार को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में “प्रोडेक्शन आधारित इंसेंटिव स्कीम के तहत उत्पादन बढ़ाने में मध्यप्रदेश की भूमिका” सेशन को संबोधित कर रहे थे। अपर मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान ने सेशन के परिचय स्वरूप शुभारंभ किया।

सचिव श्री अनुराग जैन ने कहा कि प्रोडक्शन आधारित प्रोत्साहन नीति के तहत भारत सरकार ने बहुत काम किया है। भारत के अनेक उत्पाद देश के साथ विदेशों में अपनी साख कायम कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने अब तक 14 क्षेत्रों में 717 आवेदनों को अनुमोदित किया है, जिनमें 5 लाख 60 हजार करोड़ का वास्तविक निवेश हुआ है और करीब ढाई लाख नवीन रोजगार सृजित हुए हैं। श्री जैन ने निवेशकों से कहा कि 2 लाख 30 हजार किलोमीटर सड़कों, 24 हजार मेगावाट बिजली और एक लाख 22 हजार एकड़ भूमि बैंक वाले मध्यप्रदेश, जहाँ 30 दिन में क्लीयरेंस मिलता हो, में निवेश करना सबसे लाभदायक है।

श्री जैन ने बताया कि मध्यप्रदेश में दवा, मेडिकल डिवाईस, टेक्सटाईल और आई टी के क्षेत्र में अगली पीढ़ी के हिसाब से अधो-संरचना विकसित की गई है। उन्होंने विक्रमपुरी उद्योग क्षेत्र में विकसित अधो-संरचना का उल्लेख करते हुए कहा कि कुशल श्रम के साथ बेहतर नेटवर्क भी यहाँ उपलब्ध है। श्री जैन ने बताया कि अब डीपीआर 6 के स्थान पर 2 माह में भूमि अधिग्रहण भी ऑनलाइन हुआ है।

केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग सचिव श्री जैन ने मध्यप्रदेश सहित 19 राज्यों के साथ भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए सिंगल विडो सिस्टम का उल्लेख करते हुए कहा कि सभी संबंधित विभाग इस ऑनलाइन सिस्टम से जुड़े हैं और 20 से 25 जानकारियों के बाद उद्योगों को अनुमति मिल जाती है। उन्होंने प्रत्यक्ष निवेश पॉलिसी की चर्चा करते हुए कहा कि आज भारत तेजी से बढ़ती अर्थ-व्यवस्था बन रहा है।

श्री जैन ने कहा कि कोविड में जहाँ पूरी दुनिया परेशान थी वहाँ भारत ने अपने सशक्त नेतृत्व के बल पर इस आपदा को अवसर में बदल दिया। हमने हर तरह के उत्पादों के साथ ही दवाइयाँ, उपकरण और खुद की वैक्सीन भी बनाई। उन्होंने कहा कि हमने 110 देशों को इन उत्पादों की भी आपूर्ति कर भारत को आत्म-निर्भर और ग्लोबली पहचान दिलाई।

प्रदेश के आयुक्त चिकित्सा शिक्षा श्री जान किंग्सले ने निवेशकों को मध्यप्रदेश में निवेश के अनेक कारण बताते हुए कहा कि मध्यप्रदेश ने टेक्सटाईल, खाद्य प्र-संस्करण और फार्मास्युटिकल के क्षेत्र में कई उपलब्धियाँ अर्जित की है। उन्होंने बताया कि लोक सेवा गारंटी के तहत भी कई अनुमतियाँ आसान हुई है। मध्यप्रदेश में टेक्सटाईल और खाद्य प्र-संस्करण के पार्कों ने कई ग्लोबल उत्पाद दिए हैं। उन्होंने निवेशकों से कहा कि 2 मसाला और 10 फूड पार्कों में आपका स्वागत है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में 23 मेडिकल, 15 डेंटल और 300 नर्सिंग कॉलेजों के चलते बड़ा वर्क फोर्स है।

भारत सरकार के खाद्य प्र-संस्करण विभाग के एडिशनल सेकेट्री श्री सनोज कुमार झा ने मध्यप्रदेश की ग्रोथ का उल्लेख करते हुए कहा कि सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम और कलस्टर आधारित इकाइयों में निवेश करना लाभदायक है।

परिचर्चा में इन्वेस्ट इंडिया के वाइस प्रेसीडेंट श्री दुष्यंत ठाकोर, सहजानंद मेडिकल टेक्नोलॉके उपाध्यक्ष श्री राजीव छिब्बर, भारत में अवगोल के निदेशक श्री संजय भयानी, सिंबियोटेक फार्मा लैब के एम.डी. श्री अनिल सतवानी और प्रतिभा सिंटेक्स के एम.डी. श्री श्रेयस्कर चौधरी ने हिस्सा लिया और मध्यप्रदेश को निवेश का सर्वाधिक बेहतर स्थल बताया। इससे पहले मध्यप्रदेश अपार्चुनिटी पुस्तक का विमोचन भी इस सेशन में हुआ।

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