एमपी के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में अफ्रीकी चीतों की पुनर्स्थापना
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान ने बताया
वन प्रबंधन से संबंधित विषयों में जन-प्रतिनिधियों से लिया जाए अभिमत : मुख्यमंत्री श्री चौहान
हाथियों के नियंत्रण के लिए रणनीति और स्थानीय निवासियों को जागरूक करने उठाए जाएँ कदम
पर्यावरण और घड़ियाल की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता
वन्य-प्राणी बोर्ड ने मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रतिदिन पौध-रोपण अभियान को सराहा
मुख्यमंत्री ने म.प्र. राज्य वन्य-प्राणी बोर्ड की बैठक को किया संबोधित
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वन प्रबंधन से संबंधित विषयों में स्थानीय जन-प्रतिनिधियों से अभिमत आवश्यक रूप से लिया जाए। स्थानीय जनता की आवश्यकताओं, जन-प्रतिनिधियों के अभिमत तथा वैधानिक प्रावधानों में सामंजस्य स्थापित करते हुए योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान मध्यप्रदेश राज्य वन्य-प्राणी बोर्ड की 22 वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। मंत्रालय में संपन्न बैठक में वन मंत्री कुंवर विजय शाह, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव वन श्री अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य श्रीमती पल्लवी जैन गोविल, वन विभाग के अधिकारी और राज्य वन्य-प्राणी बोर्ड के सदस्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सागर जिले में आरक्षित वनों को अभयारण्य के रूप में अधिसूचित करने तथा रातापानी अभयारण्य को रातापानी टाइगर रिजर्व घोषित करने के संबंध में क्षेत्र के जन-प्रतिनिधियों से चर्चा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कूनो राष्ट्रीय उद्यान में अफ्रीकी चीतों की पुनर्स्थापना को शीघ्र पूर्ण करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बाघों की सुरक्षा के लिए अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि विभिन्न अभयारण्यों में बाघों की संवहनीयता का अध्ययन कर, आवश्यकता होने पर बाघों को अन्य अभयारण्यों में शिफ्ट करने संबंधी कार्यवाही की जाए। मानव बसावट क्षेत्रों में बाघों के विचरण को नियंत्रित करना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पूर्वी मध्यप्रदेश में जंगली हाथियों की उपस्थिति और उनके द्वारा किए जा रहे नुकसान को देखते हुए, हाथियों के नियंत्रण के लिए व्यवहारिक रणनीति बनाने और प्रभावित जिलों के ग्रामीण क्षेत्र में निवासियों को जागरूक करने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सोन घड़ियाल अभयारण्य में पर्यावरण और घड़ियाल की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। पर्यावरण और घड़ियालों को नुकसान पहुँचाए बिना, स्थानीय लोगों की आजीविका के लिए स्थानीय निवासियों को रेत आपूर्ति की व्यवस्था में सम्मिलित किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जंगल में आग लगने पर आग को त्वरित रूप से नियंत्रित करने के लिए अद्यतन तकनीक का उपयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आग लगने के कारणों को गंभीरता से लेते हुए बचाव की रणनीति अपनाना आवश्यक है।
बैठक में भोपाल के आसपास बायोडायवर्सिटी को बचाने, हरियाली और तालाब आदि की रक्षा के लिए मास्टर प्लान में विशेष प्रावधान करने और भोपाल से लगे बाघ मूवमेंट वाले क्षेत्र में निर्माण कार्यों को प्रतिबंधित करने संबंधी सुझाव भी प्राप्त हुए। बैठक में राजस्व की बंजर पड़ी भूमियों पर सागोन लगाने में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के संबंध में सुझाव भी दिया गया। वन्य-प्राणी बोर्ड ने मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रतिदिन पौधा-रोपण के लिए चलाए जा रहे अभियान की सराहना की।
बैठक में पन्ना टाइगर रिजर्व, राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य संजय टाइगर रिजर्व, सीधी केन घड़ियाल अभयारण्य, ग्वालियर जिले के पक्षी अभयारण्य, नौरादेही अभयारण्य और माधव राष्ट्रीय उद्यान शिवपुरी में विभिन्न निर्माण एजेंसियों के कार्यों को अनुमति प्रदान करने के संबंध में भी चर्चा हुई।