एमपी में किसानों की आय को दोगुना करने उत्पादन भी बढ़ाना होगा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान ने कहा
- कृषि सिंचाई रकबे में की जा रही है निरंतर वृद्धि म.प्र. में नरवई से भूसा बनाने की योजना लायेंगे किसानों के लिये भाग्यविधाता साबित होगा कृषि मेला नई कृषि टेक्नोलॉजी से किसान अपने आपको मजबूत करें - केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर मुरैना में 3 दिवसीय कृषि मेला एवं प्रदर्शनी का शुभारंभ
कृषि सिंचाई रकबे में की जा रही है निरंतर वृद्धि
म.प्र. में नरवई से भूसा बनाने की योजना लायेंगे
किसानों के लिये भाग्यविधाता साबित होगा कृषि मेला
नई कृषि टेक्नोलॉजी से किसान अपने आपको मजबूत करें – केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर
मुरैना में 3 दिवसीय कृषि मेला एवं प्रदर्शनी का शुभारंभ
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के किसानों की आय को दोगुना करने के संकल्प की सिद्धि के लिए उत्पादन भी बढ़ाना होगा और लागत को कम करना होगा। इस दिशा में मध्यप्रदेश सरकार जहाँ एक ओर सिंचाई का रकबा लगातार बढ़ा रही है, वहीं किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। किसानों के लिये आज का कृषि मेला भाग्यविधाता साबित होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान मुरैना जिले में तीन दिवसीय ‘कृषि मेला एवं प्रदर्शनी’ के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि छोटे किसानों को आर्थिक मदद के लिये जहाँ एक ओर प्रधानमंत्री श्री मोदी एक साल में तीन किस्तों में 6 हजार रूपये देते हैं, वहीं मध्यप्रदेश सरकार भी अपनी ओर से इन किसानों को साल में 2 किस्तों में 4 हजार रूपये दे रही है। इस प्रकार किसान को एक साल में 10 हजार रूपये की सहायता मिल रही है। प्रदेश के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में भी अब तक 2 लाख 12 हजार करोड़ रूपये मिल चुके है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में फसल बीमा योजना में किसानों के खातों में 7618 करोड़ रूपये डाले गये हैं। इतनी बड़ी राशि किसी राज्य के किसानों को नहीं मिली। प्रधानमंत्री ने इस बार गेहूँ का समर्थन मूल्य भी 2125 रूपये प्रति क्विंटल कर किसानों को संबल दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय को बढ़ाने के लिये देश और मध्यप्रदेश में अनेक नवाचार के साथ नई कृषि तकनीक भी अपनाई जा रही है। परम्परागत खेती से हट कर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
म.प्र. में नरवई से भूसा बनाने की योजना लायेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार किसानों द्वारा नरवई को जलाने की प्रथा को खत्म करने के लिये एक नई योजना लेकर आ रही है। इस योजना में मशीन द्वारा नरवई से भूसा तैयार किया जाएगा। मशीन खरीदने के लिये छोटे किसानों को 50 प्रतिशत और बड़े किसानों को 40 प्रतिशत का अनुदान दिया जायेगा। नरवई से तैयार भूसा गो-माता के काम आयेगा और नौजवानों को रोजगार भी मिलेगा। हर 10 से 20 गाँव के बीच केन्द्र बनाये जायेंगे। साथ ही कस्टम हायरिंग सेंटर का भी निर्माण होगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में नौजवानों को स्व-रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उन्हें खाद्यान्न सामग्री वितरण व्यवस्था से भी जोड़ा जा रहा है। सामग्री प्रदाय केन्द्रों से अब ठेकेदारों के स्थान पर नौजवान अपनी गाड़ियों से खाद्यान्न सामग्री का वितरण करेंगे। उन्हें गाड़ी खरीदने के लिये बैंक से राज्य सरकार की गारंटी पर लोन दिलाया जायेगा। नौजवानों को 1 लाख 20 हजार रूपये किराया भी दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब महिलाओं को घर-घर टोटी लगा कर जल उपलब्ध करवाया जा रहा है। जल जीवन मिशन से गाँव -गाँव में पाइप लाइन बिछा कर नल कनेक्शन दिये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुरैना जिले में अमृत सरोवर का अच्छा कार्य हुआ है। इससे जल-संग्रहण के साथ भू-जल स्तर बढ़ेगा और सिंचाई एवं पशुओं को पेयजल की उपलब्धता होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुरैना के स्टेडियम का 10 करोड़ रूपये की लागत से उन्नयन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में सिंचाई क्षमता में वृद्धि के लिए अनेक योजनाएँ शुरू की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के समय नहरों से पानी टेल एंड तक नहीं पहुँचता था। हमने नहरों को पक्का बना कर टेल एंड तक पानी पहुँचाया है। पहले मात्र साढ़े 7 लाख हेक्टेयर में सिंचाई का रकबा था, उसे बढ़ा कर हमने 45 लाख हेक्टेयर कर दिया है। अब हमारा लक्ष्य इसे 65 लाख हेक्टेयर करने का है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में अब मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में होगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के युवा भी आसानी से डॉक्टर और इंजीनियर बन सकेंगे।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी गाँव के विकास और खेती को लाभकारी बनाने के लिये अनेक नवाचार कर रहे हैं। फसल बीमा सुरक्षा के साथ किसान सम्मान निधि से किसानों को लाभ दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री की मान्यता है कि किसान की माली हालत सुधरेगी तो देश की माली हालत भी बेहतर होगी। इस अवधारणा को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी और मुख्यमंत्री श्री चौहान पूरी शिद्दत से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश कभी बीमारू राज्य कहा जाता था। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश के हर गाँव और हर शहर का विकास हो रहा है। प्रदेश की कृषि विकास दर में बढ़ोत्तरी हुई है। किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। सिंचाई का क्षेत्र लगातार बढ़ने का लाभ भी सीधे किसानों को मिल रहा है।
श्री तोमर ने कहा कि किसानों के लिये यह सिर्फ सम्मेलन नहीं है। यहाँ लगातार तीन दिन किसानों को उन्नत खेती का प्रशिक्षण, नई तकनीक और बायो-फर्टिलाइजर का उपयोग, कम पानी में धान की उपज, दलहन, तिलहन और बागवानी क्षेत्र को बढ़ावा देने संबंधी 40 सत्र होंगे। किसानों की प्रशिक्षण क्लास भी लगेगी और कृषि वैज्ञानिकों द्वारा उनके प्रश्नों का समाधान भी किया जायेगा।
लोकार्पण-शिलान्यास
कृषि मेले में मुख्यमंत्री श्री चौहान एवं केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री तोमर ने 101 अमृत सरोवर का लोकार्पण, मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक और स्पोर्टस कॉम्पलेक्स का शिलान्यास किया। साथ ही जिला चिकित्सालय मुरैना का नामकरण कुँअर जाहर सिंह शर्मा की शिला पट्टिका का अनावरण किया। किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में “मेरी पॉलिसी मेरे हाथ” वितरित की गई। आजीविका मिशन के तहत दो महिला स्व-सहायता समूहों को ढ़ाई करोड़ रूपये के चेक भेंट किये। कृषि मेले में किसानों और खेती से संबंधित छोटे-बड़े उपकरणों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है।
प्रदेश के उद्यानिकी प्र-संस्करण एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में प्रदेश कृषि उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बना है। प्रदेश लगातार पिछले 6 वर्षों से केन्द्र सरकार की ओर से कृषि के क्षेत्र में दिये जाने वाला सर्वश्रेष्ठ सम्मान कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त कर रहा है। प्रदेश सरकार कृषि के क्षेत्र में लगातार नये-नये आयाम एवं नवाचार कर रही है। उन्होंने किसानों से कहा कि रबी एवं खरीफ फसलों के साथ उद्यानिकी फसलें भी लें, जिससे खेती के साथ अतिरिक्त आमदनी भी प्राप्त हो सके।
केन्द्रीय कृषि सचिव श्री मनोज आहूजा ने बताया कि कृषि मेला में किसानों के मार्गदर्शन के लिये प्रतिदिन कृषि से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर 12-12 अलग-अलग तथा 4-4 सामूहिक सत्र होंगे, जिनमें देश के कृषि विशेषज्ञ जानकारी एवं प्रेजेन्टेशन देंगे। किसानों को अद्यतन जानकारी देने के लिये प्रदर्शनी के 132 स्टॉल लगाये गये हैं। इनमें अनेक कृषि उन्नत उपकरण और पेस्टिसाइड्स प्रदर्शित किये गये हैं।
कार्यक्रम में अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम के अध्यक्ष श्री रघुराज सिंह कंषाना, एमपी एग्रो के अध्यक्ष श्री ऐदल सिंह कंषाना, ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिर्राज डंडोतिया, सांसद श्री विवेक शेजवलकर, भिण्ड-दतिया संसदीय क्षेत्र की सांसद श्रीमती संध्या राय, विधायकगण, अन्य जन-प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में किसान बंधु उपस्थित थे।