मध्यप्रदेश है फिल्म निर्माण के लिये है सर्वाधिक फिल्म फ्रेंडली स्टेट
फिल्म अभिनेता,अनुपम खेर ने कहा
- एम.पी. में फिल्म निर्माण के लिये 15 दिन में मिलेगी अनुमति : प्रमुख सचिव श्री शुक्ला भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड सहभागी फिल्म इंडस्ट्री को प्रदेश में फिल्म शूटिंग के लिए किया आमंत्रित
एम.पी. में फिल्म निर्माण के लिये 15 दिन में मिलेगी अनुमति : प्रमुख सचिव श्री शुक्ला
भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड सहभागी
फिल्म इंडस्ट्री को प्रदेश में फिल्म शूटिंग के लिए किया आमंत्रित
मध्यप्रदेश में फिल्म निर्माण के लिये बहुत ही फ्रेंडली वातावरण फिल्म इण्डस्ट्री के लिये है। मैंने मध्यप्रदेश में 5 फिल्में शूट की हैं और देश में मध्यप्रदेश को सर्वाधिक फ्रेंडली स्टेट पाया है। अभिनेता श्री अनुपम खेर ने यह गोवा में चल रहे 53वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में कही। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड गोवा में आयोजित फिल्म महोत्सव में सहभागिता कर रहा है। प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड श्री शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि राज्य में सरकार द्वारा फिल्म निर्माताओं को फिल्म निर्माण के लिये 15 दिन में अनुमति प्रदान की जायेगी। उन्होंने फिल्म इण्डस्ट्री से जुड़े हितधारकों को प्रदेश में शूटिंग के लिये आमंत्रित भी किया। प्रमुख सचिव श्री शुक्ला फिल्म इण्डस्ट्री से जुड़े लोगों को राज्य में उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं से अवगत कराने के लिये आयोजित सम्मेलन में जानकारी दे रहे थे। इसमें अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी, पंकज त्रिपाठी, रघुवीर यादव, फैजल मलिक, वाणी त्रिपाठी जैसे फिल्मी सितारों की गरिमामय उपस्थि ति रही।
प्रसिद्ध अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि सचमुच में मध्यप्रदेश फिल्म फ्रेंडली स्टेट अवार्ड पाने का हकदार है। प्रदेश में फिल्म निर्माण के लिये राज्य सरकार द्वारा सभी संभव आवश्यक मदद मुहैया कराई जाती है। उन्होंने कहा कि राज्य में 5 फिल्में शूट की हैं। ऐसे फिल्म फ्रेंडली स्टेट बहुत कम कम देखे हैं, जहाँ शासन स्तर पर भी बहुत मदद मिलती है। प्रदेश की फिल्म पॉलिसी काफी सरल है। आशा करता हूँ कि हर साल मध्यप्रदेश को ही यह सम्मान मिले।
प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने प्रदेश में फिल्म शूटिंग की संभावनाओं, आकर्षक लोकेशन्स और फिल्म टूरिज्म पॉलिसी के प्रमुख बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने, निर्माताओं को अनुदान, लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत 15 दिनों के भीतर अनुमति, प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ शूटिंग अनुमति के लिए ऑनलाइन सिंगल विंडो सिस्टम की जानकारी दी।
प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने राज्य में फिल्म शूटिंग के माध्यम से निजी निवेश, कौशल विकास और रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करना, फिल्म/सीरियल/शो/वेब सीरीज/डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग के लिए वित्तीय अनुदान, अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं और दक्षिण भारतीय फिल्म निर्माताओं के लिए विशेष वित्तीय प्रोत्साहन के बारे में भी बताया। इस अवसर पर अपर प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड श्री विवेक क्षोत्रिय और उप संचालक (फिल्म) श्री युवराज पडोले भी मौजूद रहे।
मध्यप्रदेश फिल्म नीति की मुख्य बातें
मध्यप्रदेश देश का एकमात्र राज्य है, जिसने परियोजनाओं की अनुमतियों को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल किया है। अधिनियम के तहत 15 कार्य दिवसों में फिल्म की शूटिंग की अनुमति देने का प्रावधान है। जिला स्तर पर फिल्म पर्यटन नीति को लागू करने के लिए प्रत्येक जिले में अनुमति के लिए एडीएम स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
फिल्म नीति के तहत दिए जाने वाले अनुदान में वेब सीरीज, ओटीटी ओरिजिनल कंटेंट, टीवी सीरियल और डॉक्युमेंट्री को शामिल किया है।
राज्य में सभी फिल्मांकन अनुमतियों के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस सुविधा उपलब्ध है।
फिल्म नीति के तहत राज्य के स्थानीय कलाकारों के लिए अतिरिक्त वित्तीय अनुदान के साथ-साथ पर्यटन विभाग के होटल और रिसॉर्ट में रहने वाले फिल्म क्रू को छूट का प्रावधान है.
राज्य में फिल्म उद्योग के विकास के लिए निजी निवेश को बढ़ावा देने और फिल्म सिटी, फिल्म स्टूडियो, कौशल विकास केंद्र आदि स्थापित करने के लिए आरक्षित भूमि का प्रावधान है। मध्यप्रदेश को फिल्म निर्माताओं का हब बनाना।
राज्य में फिल्म शूटिंग के माध्यम से कौशल विकास एवं रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से स्थानीय कलाकारों को काम पर रखने पर विशेष प्रोत्साहन का प्रावधान है।
मध्यप्रदेश में हालिया परियोजनाएं
ए सूटेबल बॉय, द बियर, पंचायत (सीज़न 1 और 2), डॉक्टर जी, गुल्लक (सीज़न 1,2 और 3), इंडियन-2, पोन्नियिन सेलवन-I, पैडमैन, स्त्री, कलंक, मणिकर्णिका, टॉयलेट-एक प्रेम कथा, पान सिंह तोमर, लॉयन (हॉलिवुड), शेरनी, राजनीति, बाजीराव मस्तानी, लूडो, गौतमीपुत्र सातकर्णी (तमिल), दुर्गावती, भूमि, भुज, मेरे देश की धरती इत्यादि।