मध्यप्रदेश के खनिज साधन मंत्री श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि खनिज संपदा की दृष्टि से मध्यप्रदेश एक खनिज बाहुल्य प्रदेश है। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग सभी प्रकार के मुख्य एवं गौण खनिज पाये जाते हैं। वर्तमान में प्रदेश हीरा, तांबा, कोयला, चूना पत्थर, मैग्नीज, बाक्साइट, रॉक फास्फेट, लेटेराइट, डोलोमाइट आदि के उत्पादन में एक अग्रणी राज्य है। केन्द्रीय खान मंत्रालय द्वारा मध्यप्रदेश राज्य को जी-4 स्तर के 21 खनिज ब्लॉक नीलामी के लिए उपलब्ध कराने के संबंध में आयोजित कार्यक्रम में खनिज मंत्री श्री सिंह ने यह बात कही।
मंत्री श्री सिंह कहा कि भारत सरकार द्वारा विभिन्न राज्यों को जी-4 श्रेणी के 100 ब्लॉक नीलामी के लिए प्रदाय किये जा रहे हैं, उनमें से सबसे ज्यादा खनिज ब्लॉक मध्यप्रदेश राज्य को प्राप्त हुये हैं। उन्होंने कहा कि उक्त ब्लॉकों को नीलामी में रखे जाने की कार्यवाही तीव्र गति से होगी, जिससे भारत सरकार की मंशा अनुसार मध्यप्रदेश राज्य में खनिज विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि भारत सरकार द्वारा मुख्य खनिजों के निवर्तन को नीलामी प्रक्रिया से देने का प्रवाधान किया गया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश राज्य द्वारा अभी तक पाँच चरण नीलामी के फलस्वरूप 26 खनिज ब्लॉकों की एन.आई.टी जारी की गई है, जिसमें से 14 खनिज ब्लॉक आवंटित हो चुके हैं। इससे प्रदेश को खनिपट्टा अवधि में कुल 36739 करोड़ रूपये राजस्व के रूप में प्राप्त होना संभावित है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि आगामी चरणों की नीलामी के लिए 85 ब्लॉक चिन्हित किये गये हैं, जिनमें से माह अक्टूबर 2021 में 20 ब्लॉक एवं मार्च 2022 तक 25 बलॉक की एन.आई.टी. जारी किया जाना प्रस्तावित है।
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि खनिज विभाग द्वारा गौण खनिजों के 82 क्षेत्र चिन्हित किये गये हैं, जिनमें नीलामी की प्रारंभिक प्रक्रिया प्रचलन में है। उन्होंने कहा कि राज्य के कुल राजस्व में खनिज राजस्व का महत्वपूर्ण योगदान है। विगत वर्षान्त में प्रदेश का खनिज राजस्व 5185 करोड़ रूपये रहा है। मंत्री श्री सिंह ने भारत सरकार से आग्रह किया कि 5 हेक्टेयर से कम क्षेत्र के खनिज ब्लॉकों को भी नीलामी में शामिल करने के लिए नियमों में संशोधन किये जायें। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त ग्लोकोनाइट खनिज की सेल वेल्यू निर्धारित की जाये, जिससे प्रदेश के जिला सिंगरौली में उपलब्ध ग्लोकोनाइट खनिज ब्लॉक को नीलाम किया जा सकें। इससे प्रदेश के खनिज राजस्व में वृद्धि होगी।
खनिज साधन मंत्री श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने विशेष रूप से सहयोग के लिए केन्द्रीय खान मंत्रालय का आभार व्यक्त किया।