मध्यप्रदेश के कर दाताओं का विकास में महत्वपूर्ण योगदान
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान ने कहा
छोटे टैक्सपेयर्स को भी पृथक श्रेणी में करेंगे पुरस्कृत
भामाशाह समारोह में करदाताओं को दिए गए पुरस्कार
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के विकास में करदाताओं का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश की आर्थिक प्रगति को नए आयाम मिल रहे हैं। उद्योग और व्यापार क्षेत्र के सहयोग के साथ नागरिकों की भागीदारी से हम वैभवशाली, समृद्ध और विकसित मध्यप्रदेश के निर्माण में लगे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज रविंद्र भवन के हंसध्वनि सभागार में भामाशाह सम्मान समारोह में सर्वाधिक कर जमा करने वाले संस्थानों के उद्योग और व्यवसाय क्षेत्र के प्रतिनिधियों को सम्मानित कर रहे थे। समारोह में वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिए 5-5 श्रेणियों के कुल 10 पुरस्कार प्रदान किए गए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आगामी वर्ष से छोटे करदाताओं को भी पृथक श्रेणी में पुरस्कृत किया जाएगा। मुख्यमत्री श्री चौहान ने पुरस्कृत औद्योगिक और व्यापारिक संस्थानों को बधाई देते हुए समस्त करदाताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और उनका अभिनन्दन किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ईमानदारी से धन अर्जित करने और ईमानदारी से टैक्स जमा करने का कार्य महत्वपूर्ण सेवा है। मध्यप्रदेश की विकास दर 19.76 प्रतिशत है। मध्यप्रदेश में प्रति व्यक्ति आय जो वर्ष 2003 में 13 हजार थी, अब एक लाख 47 हजार रूपये हो गई है। भारत की अर्थ-व्यवस्था में मध्यप्रदेश का योगदान 3.6 प्रतिशत से बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य के खजाने को भरने में उद्योग और व्यापार जगत का महत्वपूर्ण योगदान है। जनता के कल्याण और बुनियादी सुविधाओं के विकास का कार्य टैक्स से प्राप्त आय से आसान होता है। अर्थ का अभाव और प्रभाव दोनों अनुचित हैं। लेकिन ईमानदारी के साथ अर्थ कमाना महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी विभाग आय वृद्धि के लिए प्रयास करें। करों से प्राप्त आय समाज को ताकत प्रदान करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग, व्यापार जगत से प्राप्त सुझावों पर क्रियान्वयन किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आगामी जनवरी माह में इंदौर में हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और प्रवासी भारतीय सम्मेलन के महत्व की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न क्लस्टर्स बनाए जा रहे हैं।
उज्जैन में सामान्य वर्ग के लिए बढ़ाएंगे सुविधाएँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि श्री महाकाल लोक के प्रथम चरण के उद्घाटन के बाद उज्जैन में होटलों की संख्या बढ़ रही है। सामान्य वर्ग यहाँ आगमन के बाद रहने की समस्या से परेशान न हो, इसके लिए आवश्यक व्यवस्थाएँ की जाएंगी। श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद उज्जैन और निकटवर्ती अंचल की आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है। प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान का स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न श्रेणियों के करदाताओं को पुरस्कार और सम्मान किए।
वित्त और वाणिज्यिक कर मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि करों का भुगतान समय पर ईमानदारी से कर प्रदेश के विकास में सहयोग देने वाले उद्योगपतियों और व्यापारियों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान के मध्यप्रदेश को अग्रणी प्रांत बनाने के संकल्प में भी सहयोग दिया है। प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर श्रीमती दीपाली रस्तोगी ने मुख्यमंत्री श्री चौहान का स्वागत किया। मध्यप्रदेश गान के साथ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। प्रदेश में कुशल कर प्रशासन, कर अपवंचन रोकने में सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग और सरल हिंदी के माध्यम से करदाताओं को ऑनलाइन सुविधा प्रदान करने के प्रयासों की जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने “मेघा वैलकम किट” पुस्तिका का विमोचन किया। साथ ही वास्ट्सएप आधारित हिन्दी चैट बॉट का लोकार्पण किया गया। समारोह में विभाग द्वारा निर्मित लघु फिल्म प्रदर्शित की गई।
इन्हें मिले पुरस्कार
वर्ष 2020-21 के लिए जो व्यवसाई पुरस्कृत किए गए, उनमें 500 करोड़ रूपए से अधिक टर्न ओवर की श्रेणी में 10 लाख रूपए का पहला पुरस्कार व्ही.ई. कमर्शियल पीथमपुर और 7 लाख रूपए का दूसरा पुरस्कार अल्ट्राटेक सीमेंट जावद जिला नीमच को दिया गया। इसी तरह 50 करोड़ से 500 करोड़ अनधिक श्रेणी में पहला पुरस्कार 7 लाख रूपए प्रेम मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड, ग्वालियर को और 5 लाख रूपए का दूसरा पुरस्कार सीएट लिमिटेड इंदौर को दिया गया। डेढ़ करोड़ से 50 करोड़ से अनधिक टर्न ओवर श्रेणी में प्रथम पुरस्कार 5 लाख रूपये क्षिप्रा एंड कंपनी प्रा.लि. उज्जैन को और द्वितीय पुरस्कर 3 लाख रूपये सुपर एजेंसी जबलपुर को दिया गया। इसी प्रकार डेढ़ करोड़ रूपये से कम टर्न ओवर श्रेणी में प्रथम पुरस्कार एक लाख रूपए ईएमआयएल माइंस एंड मिनरल रिर्सोसेस लि. भोपाल को और द्वितीय पुरस्कार 50 हजार रूपए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड बैढ़न सिंगरौली को दिया गया। शासकीय विभाग, सार्वजनिक उपक्रमों की श्रेणी में एलआईसी भोपाल को प्रथम पुरस्कार 3 लाख रूपये और द्वितीय पुरस्कार मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे जबलपुर को दो लाख रूपए से पुरस्कृत किया गया।
वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए भामाशाह पुरस्कार भी पाँच श्रेणियों में दिए गए। डेढ़ करोड़ रूपए से कम टर्न ओवर की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार एक लाख रूपए का टीएचडीसी इंडिया लि बैढन, सिंगरौली, 50 हजार रूपए का द्वितीय पुरस्कार उमरिया की चोंगले एंड कंपनी प्राइवेट लि. को दिया गया। इसी तरह डेढ़ करोड़ से 50 करोड़ रूपए तक के टर्न ओवर का पाँच लाख का प्रथम पुरस्कार छिंदवाड़ा की अक्षित ऑटो एजेंसीज और तीन लाख का दूसरा पुरस्कार पीथमपुर की एसईजी आटोमोटिव इंडिया प्राइवेट लि. को दिया गया। इसी तरह 50 करोड़ से 500 करोड़ रूपए तक टर्न ओवर में 7 लाख रूपए का पहला पुरस्कार सीएट लि. इंदौर और पांच लाख रूपए का दूसरा पुरस्कार इंदौर के जेके सीमेंट कंपनी को दिया गया। इसी प्रकार 5 सौ करोड़ से अधिक टर्न ओवर पर 10 लाख रूपए का प्रथम पुरस्कार लार्सन एंड टुब्रो लि. इन्फ्रास्ट्रक्चर वर्टिकल भोपाल को और 7 लाख रूपए का दूसरा पुरस्कार जावद नीमच के अल्ट्राटेक सीमेंट लि. को प्रदान किया गया। शासकीय विभाग और सार्वजनिक उपक्रमों की श्रेणी का 3 लाख रूपए का प्रथम पुरस्कार इंडियन आइल कार्पोरेशन लि. भोपाल को और 2 लाख रूपए का द्वितीय पुरस्कार जबलपुर के इंडियन रेलवे फायनेंस कॉरपोरेशन लि. को मिला।
ये प्रमुख उद्योगपति थे मंच पर आसीन
समारोह में मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ मंच पर विभिन्न औद्योगिक और व्यापारिक संस्थानों संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे। इनमें श्री राजिंदर गुप्ता, श्री श्रेयस्कर चौधरी, श्री नवनीत श्री महेश गुप्ता, लघु उद्योग भारती उपस्थित थे।
26 प्रतिशत अधिक मिला राजस्व
आयुक्त वाणिज्यिक कर श्री लोकेश जाटव ने बताया कि प्रदेश में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष जीएसटी से 26 प्रतिशत अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। वर्ष 2017-18 में जीएसटी से 9 हजार 800 करोड़ रूपए का राजस्व मिला था, जो वर्ष 2021-22 में बढ़ कर 22 हजार करोड़ रूपए से अधिक हो गया है। जीएसटी के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में 3 लाख 84 हजार करदाता थे जो बढ़ कर 5 लाख से अधिक हो गए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान के आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के संकल्प की पूर्ति के लिए राजस्व संग्रहण वृद्धि में सफलता मिली है। मध्यप्रदेश में राज्य स्थापना के समय 5 करोड़ रूपए राजस्व संग्रहण था। वर्तमान में यह 49 हजार करोड़ रूपए है। वाणिज्यिक कर विभाग के 86 वृत प्रदेश में कार्य कर रहे हैं। विभाग द्वारा हेल्प डेस्क भी प्रारंभ की गई है। कार्यों में मानवीय हस्तक्षेप कम से कम है। जीएसटी संग्रहण में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है। अक्टूबर माह में सर्वाधिक मासिक संग्रहण भी हुआ है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान से कार्यक्रम के बाद अनेक उद्योगपतियों ने भेंट और चर्चा भी की।