मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा की मुख्यमंत्री का मौका आया तो कमलनाथ। प्रदेश अध्यक्ष का मौका आया तो
मुख्यमंत्री का मौका आया तो और नेता प्रतिपक्ष का मौका आया है तो भी कमलनाथ ही। इतना ही नहीं युवाओं की बात आई तो युवा नेता नकुलनाथ। एक तरफ सरकार में रहते हुए विकास के काम नहीं किए। वचन पूरे नहीं किए। वादे निभाए नहीं। विकास ठप कर दिया। एक नए पैसे का काम नहीं किया। कांग्रेस से मोहभंग होने के कारण, उम्मीद टूटने के कारण, और विकास के प्रति ललक के कारण कांग्रेस छोड़ गए। जनता की सेवा के कारण विधायक छोड़ रहे हैं।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा मेरी एक और बात उन्हें बुरी लग गई। मैंने कहा आप करोड़पति उद्योगपति हैं, तो वे बोले मैं तो करोड़पति उद्योगपति नहीं हूं। मैंने कहा कि यह बात तो उनकी पार्टी के नेताओं ने कही। अब एक सवाल उठ रहा है आपने अपनी घोषित संपत्ति में अरबों की बताई है। वह बिना उद्योग धंधे के कैसे आ गई? कृपया करके ऐसा कोई गुण हो, तो मध्य प्रदेश की जनता को भी बता दीजिए। लेकिन सोचिए गाली देने से काम नहीं चलेगा।
कमलनाथ का जवाबी हमला
मध्य प्रदेश की जनता से कमलनाथ की एक बार फिर अपील जनादेश का,अपने वोट का सम्मान बचाये रखे आगे आकर प्रदेश को और कलंकित होने से बचाएं
मध्य प्रदेश की जनता से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने आज एक बार फिर जनादेश का,अपने वोट का सम्मान बचाये रख आगे आकर प्रदेश को और कलंकित होने से बचाने की अपील की है।
उन्होंने ट्ववीट कर कहा की भाजपा को पता है 10 नवंबर को क्या परिणाम आने वाले है , अपनी संभावित करारी हार का अंदेशा उन्हें हो चला है।
उनकी सत्ता की हवस तड़प व बौखलाहट साफ़ दिखायी दे रही है।
भाजपा को लोकतंत्र में विश्वास नहीं ,
भाजपा को जनादेश में विश्वास नहीं ,
भाजपा को नैतिकता में विश्वास नहीं ,
भाजपा को जनता के वोट में विश्वास नहीं ,
भाजपा का विश्वास सिर्फ़ सौदेबाज़ी में , इनका विश्वास अभी भी सिर्फ़ नोट में ,
प्रदेश को देशभर में इतना बदनाम व कलंकित करने के बाद भी अभी भी बाज नहीं आ रहे है , अभी भी राजनीति को बिकाऊ बनाने में लगे हुए है , प्रदेश पर निरंतर उपचुनाव का बोझ डालते जा रहे है।
प्रदेश को ये कहाँ ले जाएँगे ?
कमलनाथ ने प्रदेश की जनता से एक बार फिर अपील करता हूँ कि वो आगे आकर लोकतंत्र व संविधान की रक्षा करे , भाजपा की इस घृणित राजनीति को करारा जवाब देते हुए इसका अंत करे , जनादेश का , अपने वोट का सम्मान बचाये रखे , आगे आकर प्रदेश को और कलंकित होने से बचाये।