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मध्यप्रदेश के किसान भाईयों को 2022 की फसल नुकसानी की राहत राशि एवं फसल बीमा की दावा राशि कब मिलेगी ? कमलनाथ

प्रदेश के किसान भाईयों को 16 माह गुजरने के बाद भी खरीफ 2020 का बीमा क्लेम अभी तक क्यों नही मिल पाया है ?
प्रदेश के अन्नदाताओं के शोषण का रोज मौका ढूंढती है शिवराज सरकार ?
फसल नुकसानी की राहत राशि का वितरण तत्काल करे शिवराज सरकार।

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने एक बयान में किसान भाईयों की समस्याओं पर सवाल उठाते हुये कहा कि 2022 मे हुई ओलावृष्टि एवं बेमौसम बारिश से हुई फसल क्षति की राहत राशि एवं फसल बीमा की दावा राशि का शिवराज सरकार कब तक भुगतान करायेगी ?

नाथ ने अपने बयान में कहा कि मध्यप्रदेश के कई जिलों में ओलावृष्टि एवं बेमौसम की बारिश विगत कुछ दिनो पूर्व हुई थी और इससे मध्यप्रदेश का बहुत बड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ , जिससे लाखों हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसले खराब हो गई।किसान भाईयों को हजारो करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।किसान भाई राहत व मुआवजे के वितरण की बाट जोह रहा है और सरकार केवल झूठे आश्वासन, घोषणा व भाषण देने में ही लगी हुई है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं अन्य मंत्रीगण फसल नुकसानी पर किसानों के बीच रोज झूठे आश्वासन और घोषणा कर रहे हैं परन्तु आज तक किसान भाईयो को कोई राहत राशि नहीं मिली है एवं न ही मुआवजा मिला और न ही फसल बीमा की राशि अभी तक मिली है । प्रदेश सरकार दो सप्ताह गुजरने के बाद भी केवल सर्वे का बहाना ले रही है।आखिर कब तक राहत राशि देगी शिवराज सरकार ?

विपक्ष में रहते समय प्राकृतिक आपदाओं से फसल नुकसान होने पर जो किसानों के लिये बड़ी-बड़ी बातें करते थे , आज उनकी सरकार में तत्काल राहत राशि का वितरण तो सपना हो गया है ।यह सरकार तो दो वर्ष पुरानी क्षति का फसल बीमा दावा तक नहीं दिला सकी है।

खरीफ 2020 के समय हुई फसल क्षति का फसल बीमा दावा किसानो को अब तक नहीं मिल सका है । प्रदेश के लगभग 27 लाख से अधिक किसान भाईयों ने (42 लाख से अधिक आवेदन ) खरीफ 2020 की फसल के लिए लगभग 65 लाख हेक्टेयर का फसल बीमा करवाया था । वर्ष 2020 में आई प्राकृतिक आपदा से प्रदेश के किसान भाईयों की खरीफ 2020 की सोयावीन की फसल के साथ अन्य फसलें 100 फीसदी तक नष्ट हो गई थी । आपदा के 16 माह गुजर जाने के बाद भी किसान भाई फसल बीमा की राशि के लिए भटक रहे है और बीमें के क्लेम की राशि का अभी तक अता-पता नही है ।

प्रदेश सरकार केवल लोक लुभावन घोषणायें करने में लगी हुई है और घोषणाऐं करकर भूल जाती है।वर्ष 2020 में खराब हुई फसल का बीमा 2022 तक नहीं मिल पा रहा हैं ।

मैं हमेशा कहता हॅूं कि यह सरकार केवल घोषणाओं की सरकार है, केवल प्रचार-प्रसार की सरकार है जो ध्यान भटकाने की राजनीति के अलावा कुछ नहीं करती । यदि सरकार इस गति से चलेगी तो निश्चित ही 2022 में हुई फसल नुकसानी का बीमा दावा किसानो का कब मिलेगा , पता नही।

राहत राशि का महत्व तो तभी होता है जब राहत तात्कालिक सहायता के रूप में प्राकृतिक आपदा होने पर तुरंत मिले।वर्षों तक राहत और मुआवजा न मिल पाना सरकार की किसान विरोधी मंशा को स्पष्ट करता है ।

यह सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की केवल बात करती है परन्तु फसल नुकसानी होने पर मुआवजा तो छोड़िये तात्कालिक राहत तक नहीं दे पाती है । आज किसान भाई मुआवजे व राहत के लिये परेशान है । उसे फसल बीमा के दावे की राशी की आवश्यकता है और सरकार किसान भाईयों को भाषण परोस रही है । पहले किसान भाई चार महीने तक खाद के लिये परेशान होता रहा फिर बिजली नहीं मिल रही है और अब प्रकृति की मार के बाद मुआवजा नहीं मिल रहा है। क्या प्रदेश सरकार किसान भाईयों का शोषण करने के मौके ढॅूंढती रहती है ?

मैं सरकार से मांग करता हूँ कि फसल नुकसानी पर किसान भाईयों को तत्काल सहायता राहत राशि का वितरण कराया जाए एवं खरीफ 2020 के फसल बीमा की राशि का भुगतान अविलंब कराया जाये।
कांग्रेस पार्टी किसान भाईयों के साथ मजबूती से खड़ी हैं और उन्हें उनके हक की राशि दिलाने के लिये हर संघर्ष करने को तैयार है ।

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