राज्य शासन द्वारा 23 जून 2020 को डां धीरेन्द्र पांडे सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट म.प्र विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी को जन अभियान परिषद का कार्यपालन निदेशक नियुक्त किया है जो कि विधि सम्मत न होने से निरस्त होने योग्य है। क्योंकि मध्यप्रदेश राजपत्र क्र 477 दिनांक 01/09/2018 में प्रकाशित म.प्र.जन अभियान परिषद का कार्यपालक अखिल भारतीय सेवा (IAS) होना आवश्यक है, जबकि म.प्र. शासन द्वारा डां धीरेन्द्र पांडे को कार्यपालक निदेशक बनाया गया है जो कि म.प्र,विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी परिषद के अधिकारी मात्र है, इस प्रकार डा धीरेन्द्र पांडे म.प्र जन अभियान परिषद में कार्यपालन निदेशक के पद पर नियुक्त होने की पात्रता नहीं रखते है।
यह मांग मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री दर्जा एडवोकेट जेपी धनोपिया ने की सीएम को लिखे गए एक पत्र के द्वारा मांग की है।
एडवोकेट जेपी धनोपिया ने पत्र में कहा है की प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के कारण आपकी छवि एक निष्पक्ष राज्य नेता के रूप में आम जनता में व्याप्त है लेकिन खेद के साथ सूची किया जाता है कि आपके चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद अधिकारियो द्वारा आपकी छवि शुद्ध राजनैतिक व्यक्ति के रूप में बनाई जा रही है जैसे कि आप सिर्फ और सिर्फ आप भाजपा तथा संघ परिवार से जुड़े व्यक्तियों, अधिकारियो के हितों के संरक्षण के लिये ही कार्यरत है।
परिणाम स्वरुप आपके द्वारा कांग्रेस शासन में की गई नियुक्तियों को निरस्त करने की कार्यवाही करना जो कि माननीय उच्च न्यायलय में लंबित है और पिछले विधानसभा आम चुनाव 2018 में जिन अधिकारियो को चुनाव आयोग द्वारा स्थानांतरण किया गया था उन सभी अधिकारियो को आपके द्वारा उसी स्थान पर वापिस नियुक्त किया जा रहा है जहाँ से वह स्थानांतरित हुए थे। इससे स्पष्ट है कि आपका उद्देश्य प्रदेश में भाजपा से जुड़े व्यक्तियों, अधिकारियो का ही संरक्षण देना है जो कि लोक तांत्रिक परंपराओं के अनुरूप उचित नहीं है।
एडवोकेट जेपी धनोपिया ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की यही की म.प्र जन अभियान परिषद में नव नियुक्त कार्यपालक निदेशक डां धीरेंन्द्र पांडे का तत्काल पद से हटाया जावे एवं बदले की भावना से की जा रही नियुक्तियों के संबंध में भाजपा नेता नहीं बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जो कि 7.5 करोड़ जनता के मुख्यमंत्री है एवं वैसा ही आचरण एवं कार्य करे जिससे कि प्रदेश का सर्वहारा वर्ग आपके प्रति निरंतर विश्वाश बनाये रखने में सहज हो सके।